बेमेतरा
एक हजार करोड़ की शराब पी गए लोग
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बेमेतरा, 27 फरवरी। चार वर्ष में जिलेवासी एक हजार करोड़ रुपए की शराब गटक गए हैं। इसके विपरीत 4 वर्षों में जिले में विकास कार्यों के लिए इतनी बड़ी रकम स्वीकृत नहीं हुई है। केंद्र सरकार की योजनाओं को छोडक़र, सडक़, पानी, बिजली समेत अन्य विकास कार्यों के लिए सिर्फ आबकारी विभाग से ही मिले रेवेन्यू के बराबर राशि स्वीकृत नहीं हुई है।
वर्ष 2022-23 में जनवरी माह तक 272 करोड़ रुपए की शराब की बिक्री हो चुकी थीं, इसी प्रकार फरवरी माह में 25 जनवरी तक शराब की बिक्री से 29 करोड़ रुपए का राजस्व मिला है। मार्च महीने तक मिलने वाला राजस्व 300 करोड़ रुपए के पार कर जाएगा। इस संबंध में जिला आबकारी अधिकारी खंडूजा ने मजेदार जवाब दिया है जिसमें उन्होंने इस साल बिक्री बढऩे का कारण किसानों को धान बिक्री की राशि समय पर मिलना बताया। उन्होंने इस वित्तीय वर्ष में 340 करोड़ रुपए के राजस्व मिलने की उम्मीद जताई है।
नशे के कारोबारियों को मिल रहा राजनीतिक संरक्षण
वरिष्ठ नागरिक राजा पांडे ने कहा कि अवैध कारोबार करने वालों को राजनैतिक संरक्षण प्राप्त है। पकड़े जाने पर रसूखदार राजनीतिज्ञ बचाव के लिए फोन लगाते हैं, जो निंदनीय है। बेमेतरा विधानसभा में जुआ, सट्टा एवं गांजा व शराब की अवैध बिक्री का कारोबार फल-फूल रहा है। आबकारी विभाग लक्ष्य प्राप्ति के लिए शराब की अवैध बिक्री कर रहे कोचियों को संरक्षण दे रहा है। इस संबंध में कलेक्टर से शिकायत कर कार्रवाई की मांग की गई है।
ढाबा संचालकों पर राजनीतिक संरक्षण, विभाग कार्रवाई से कतरा रहा है
ढाबा और होटलों में लोगों को खुलेआम शराब परोसी जा रही है। उल्लेखनीय है कि विभाग की निष्क्रियता का खामियाजा शहरवासियों को भुगतना पड़ रहा है। शराब की अवैध बिक्री कर रहे होटल और ढाबा संचालकों पर राजनीतिक संरक्षण होने के कारण विभाग कार्रवाई से कतरा रहा है। सहजता से नशे की सामग्री उपलब्ध होने के कारण, युवा नशे के चंगुल में फंसते जा रहे हैं। अधिक मुनाफा के फेर में नशे के कारोबारी, लोगों को महंगे दामों पर शराब की बिक्री कर रहे हैं। शहर के लगभग सभी ढाबों में शराब की अवैध बिक्री हो रही है।
आबकारी महकमा अवैध बिक्री पर अंकुश लगाने में नाकाम
जिला आबकारी विभाग शहर में नशे के कारोबार पर अंकुश लगाने में नाकाम रहा है। आलम यह है कि पुलिस अधीक्षक व जिला कलेक्टर सयुंक्त कार्यालय के सामने शराब की अवैध बिक्री हो रही है। बीते दिनों जिला आबकारी विभाग द्वारा पुलिस अधीक्षक कार्यालय के सामने स्थित ढाबा संचालक पर आबकारी एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया था, लेकिन कड़ी कार्रवाई के अभाव में नशे के कारोबारियों के हौसले बुलंद हैं और फिर से शराब की बिक्री में लिप्त पाए जाते हैं। गौरतलब हो कि राजनैतिक संरक्षण प्राप्त कोचिए शहर में खुलेआम शराब की अवैध बिक्री कर रहे हैं। लगातार शिकायत के बावजूद अपेक्षित कार्रवाई नहीं हो रही हैं। स्पष्ट है कि शहर की कानून व्यवस्था भगवान भरोसे है।
सख्त हिदायत, ढाबा संचालकों की मनमानी
आबकारी निरीक्षक प्रकाश देशमुख के अनुसार विभाग की ओर से लगातार कार्रवाई की जा रही है। करीब 3 माह पूर्व जिला मुख्यालय व आसपास संचालित सभी ढाबा संचालकों की बैठक लेकर शराब नहीं पिलाने को लेकर सख्त हिदायत दी गई थी। इस संबंध में सभी ढाबा संचालकों से लिखित में लिया गया था। बावजूद ढाबा व होटलों में शराब पिलाने की शिकायत मिल रही है। 10 दिन पहले जिला मुख्यालय में संचालित ढ़ाबा व होटलों में छापामार कार्रवाई की गई थी। जिसमें पुराना बस स्टैंड, कवर्धा मार्ग व रायपुर मार्ग के ढाबा संचालकों के खिलाफ आबकारी एक्ट के मामला दर्ज किए गए हैं। उन्हें शराब नहीं पिलाने की सख्त हिदायत दी गई है।
एसपी कार्यालय के सामने शराब बिकना दुर्भाग्यपूर्ण
किसान नेता योगेश तिवारी के अनुसार सबसे बड़ा दुर्भाग्य यह है कि पुलिस अधीक्षक कार्यालय के सामने ढाबा में खुलेआम शराब की अवैध बिक्री हो रही है। इस संबंध में पुलिस व जिला आबकारी विभाग को जानकारी होने के बावजूद कड़ी कार्रवाई नहीं की जाती। कार्रवाई के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति होती है। ऐसी स्थिति में नशे के कारोबारी फिर से अपने व्यापार में लग जाते हैं। नशे के कारोबारियों पर कड़ी कार्रवाई के लिए पुलिस अधीक्षक व जिला आबकारी अधिकारी को ज्ञापन सौंपा जाएगा। जिसमें गांव-गांव में शराब की अवैध बिक्री व शराब पिला रहे ढाबा संचालकों पर कार्रवाई की मांग की जाएगी।


