बेमेतरा

रैन बसेरा की जानकारी नहीं, इसलिए लाभ उठाने वालों की संख्या बहुत कम
07-Jan-2023 2:49 PM
रैन बसेरा की जानकारी नहीं, इसलिए लाभ उठाने वालों की संख्या बहुत कम

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बेमेतरा, 7 जनवरी।
जिला मुख्यालय में केन्द्रीय योजना राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन के तहत आश्रय विहीन लोगों के लिए लाखों खर्च कर बनाया गया रैन बसेरा शहर में संचालित किया जा रहा है। इसका इन दिनों जानकारी के अभाव में कम ही लोग लाभ ले पा रहे हैं। शहर में बाहर से आने वालों व बेसहारा लोगों के लिए महज 10 रूपये में सुविधा युक्त भवन उपलब्ध होने के बाद भी तीन साल के दौरान 673 से कम लोग ठहरे हैं।

जानकारी हो कि जिला मुख्यालय में दीनदयाल अंत्योदय योजना राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन सिटी मिशन प्रबंधन ईकाई, नगर पालिका परिषद  द्वारा संचालित किया जा रहा आश्रय स्थल का लाभ कम ही लोगों तक पहुंच पा रहा है। बताया गया कि अश्रय स्थल में दिव्यांग, वृद्धों, अति गरीब पीडि़त व्यक्तियों को नि:शुल्क आवासीय सुविधा उपलब्ध कराया गया है। जिसका लाभ समय पर जरूरत मंदो को दिया जा सकता है। साथ ही ऐसे मुसाफिर जो बड़े होटलों में आर्थिक संकट या पैसों के अभाव के कारण नहीं रूक पाते उन्हे अधिकतम 30 रुपए प्रति व्यक्ति के हिसाब से 24 घंटे रुकने के लिए सुविधा उपलब्ध कराया जाता है। इसके अलावा कुछ वर्ग के लिए न्यूनतम दस रूपये का दर निर्धारित किया गया है। वहीं 40 रूपये में खाना उपलब्ध कराया जाता है। संस्थान 24 घंटे स्टाफ की उपस्थिति तय किया गया है। आने वाले को बिस्तर, लॉकर व अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराया गया है।

देखरेख का अभाव, सरकारी नल के भरोसे
20 लाख सेे अधिक की लागत से बने भवन का बीते 7 साल से रंग रोगन नहीं कराया गया है। परिसर में जगह-जगह दरारे व प्रसाधन कक्ष में भी संधारण जरूरी हो चुका है जिसे देखते हुए सुधार किये जाने की जरूरत है पर उदासीनता के चलते इस दिशा में ध्यान नहीं दिया जा रहा है। परिसर में देखरेख की दरकार व पावर पंप से पानी सप्लाई की जरूरत होने के बाद भी केवल काम चलाउ कार्य किया जा रहा है।

व्यवस्था में हो सुधार- प्रवीण
वार्ड पार्षद प्रवीण नीलू राजपूत के अनुसार बेेहतर योजना है। जरूरत मंदो के लिए उपयोगी है पर वर्तमान में रैन बसेरा या आश्रय स्थल का व्यापक प्रसार-प्रसार व व्यवस्था में सुधार लाने की जरूरत है, जिससे लोग इसका अधिक लाभ ले सके। रंगरोगन व अन्य जरूरत को पूरा करने के लिए वो लिखित में मांग करेंगे।

2019 से अब तक 673 लोग रूके
जिला अस्पताल के सामने 2019 सेे चलाये जा रहे आश्रय स्थल में करीब 20 महीने तक जिला कोविड केयर सेन्टर के कार्यरतों का ठिकाना रहा है। इस अवधि को छोड़ दिया जाये तो शेष अवधि में 673 व्यक्ति ही रैन बसेरा ठहरे है । जिसमें 2022 के दौरान 150 लोग ही रूके थे। वही ठंड के दौरान बिते सप्ताह भर में 2 ही व्यक्ति ठहरे थे। जिला अस्पताल में आने वाले मरीजों के साथी परिजनों के लिए उपयुक्त होने के बाद भी आश्रय स्थल पर ठहरने की सुविधा की जानकारी लोगो तक नहीं पहुच पाया है जिसके कारण मरीजों के साथ आने वाले परिजन जिला हास्पिटल में बरामदे में सो कर रात गुजारने के लिए मजबूर रहते हैं। शासन द्वारा प्रति माह आश्रय स्थल पर लगभग 20 हजार का व्यय कार्यरतों पर किया जा रहा है।

जानें क्या सुविधाएं हैं रैन बसेरा में
आश्रय स्थल में आने वालों के लिए पर्सनल लाकर, स्नान गृह व प्रसाधन, दिन व रात में ठहरने की सुविधा, विकलांग के लिए अतिरिक्त कक्ष की सुविधा,भोजन की व्यवस्था, सीसीटीवी निगरानी, टीवी की सुविधा उपलब्ध है। वही महिला व पुरूष वर्ग के लिए अलग-अलग ठहरने की सुविधा है। रूकने वालों में बुजुर्ग व बीमार व्यक्ति के लिए 10 रूपया, विकलांग के लिए निशुल्क, महिला पुरूष बीपीएल के लिए 10 रूपया, समान्य के लिए 30 रूपया का दर निर्धारित किया गया है। ठहरने के लिए हितग्राहियों केा आधार कार्ड, पासपोर्ट साईज फोटो प्रस्तुत करना होता है। इसके अलावा बीपीएल हो तो कार्ड प्रस्तुत करने पर रियायत दर का लाभ दिया जाता है।
 


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