बेमेतरा

नक्सली मामले में सील अस्पताल को जांच के नाम पर खोला
19-Jun-2022 5:33 PM
नक्सली मामले में सील अस्पताल को जांच के नाम पर खोला

कलेक्टर के आदेश बिना अस्पताल का संचालन शुरू

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बेमेतरा, 19 जून।
जिला प्रशासन की ओर से सील किये गए एके मल्टी स्पेशलिटी हॉस्पिटल को प्रशासनिक प्रक्रिया पूर्ण किए बिना शुक्रवार की रात्रि को खोल दिया गया। आलम यह है कि इस संबंध में कोई भी अधिकारी स्पष्ठ रूप से बोलने को तैयार नहीं है। कलेक्टर के आदेश के बिना अस्पताल का संचालन शुरू हो जाने और वैधानिक प्रक्रिया का पालन नहीं होने को लेकर उठे सवाल। प्रशासन की भूमिका पर शहर में हो रही तरह-तरह की चर्चाएं

5 लाख के इनामी नक्सली का इलाज करते पाए जाने पर कलेक्टर के आदेश पर अस्पताल को 9 जून को सील किया गया था। जिला प्रशासन को नक्सली का इलाज करने की जानकारी नहीं देने को लेकर अस्पताल को सील किया गया था। सवेंदनशीलता व गोपनीयता का हवाला देकर प्रकरण के सम्बंध में कोई भी जानकारी साझा नहीं की गई, लेकिन गुपचुप तरीके से अस्पताल खोले जाने को लेकर प्रशासन की भूमिका पर शहर में तरह-तरह की चर्चाएं हो रही है।

कलेक्टर के आदेश बिना तोड़ी अस्पताल की सील, कर रहे मरीजों का इलाज
अस्पताल को सील करने का आदेश कलेक्टर की ओर से दिया गया था। ऐसी स्थिति में अस्पताल की सील खोलने का आदेश भी कलेक्टर की ओर से दिया जाना था। जहां कलेक्टर की ओर से अधिकृत अधिकारी की मौजूदगी में सील तोडऩे की कार्रवाई करने के साथ पंचनामा रिपोर्ट बनाई जाती है। लेकिन उक्त प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया है। शुक्रवार रात में गुपचुप तरीके से खोले गए एके मल्टी स्पेशलिस्ट हॉस्पिटल में शनिवार को मरीजों का इलाज शुरू कर दिया गया।

कोई भी अधिकारी जिम्मेदारी लेने को तैयार नहीं
प्रकरण के जांच अधिकारी से जानकारी लेने के लिए फोन पर संपर्क किया गया, लेकिन उनकी फोन लगातार बंद रही थी। इस संवेदनशील मामले में प्रशासन की घोर लापरवाही उजागर हुई है। जिसमें अस्पताल खोलने को लेकर कोई जिम्मेदारी लेने को तैयार नहीं है। गौरतलब हो कि इनामी नक्सली के इलाज को लेकर अस्पताल प्रबंधन की भूमिका संदिग्ध पाए जाने पर सील करने की कार्रवाई की गई थी।

प्रत्यक्ष साक्ष्य को किया गया दरकिनार
डोमार सिंह ग्राम सलधा के नाम से नक्सली को भर्ती किया गया था। ग्राम सलधा अस्पताल के डायरेक्टर डॉ. प्रवीण साहू का ननिहाल है। ऐसी स्थिति में गांव के एक व्यक्ति के नाम पर इनामी नक्सली को अस्पताल में भर्ती किए जाने को लेकर अस्पताल प्रबंधन की भूमिका पर पुलिस प्रशासन स्पष्ट रूप से बोलने को तैयार नहीं है। वहीं नक्सली के केयरटेकर के रूप में 14 वर्ष का बच्चा भी उसके साथ मौजूद था। इन तथ्यों को दरकिनार कर अस्पताल को किस अधिकारी के आदेश पर खोला गया, यह जांच का विषय है।

नक्सली के इलाज में प्रथम दृष्टया संलिप्तता पाए जाने पर अस्पताल को किया था सील
कलेक्टर विलास भोस्कर सनदीपान के निर्देश पर बेमेतरा एसडीएम दुर्गेश वर्मा, तहसीलदार आरके मरावी समेत अन्य अधिकारियों ने अस्पताल सील किया था। इस दौरान पुलिस टीम ने अस्पताल से वीडियो फुटेज के लिए डीव्हीआर, ओपीडी, आईपीडी और अटेंडेंस रजिस्टर को जब्त किया है। प्रशासन की ओर से की कार्रवाई की पंचनामा रिपोर्ट बनाई गई है। पंचनामा रिपोर्ट के अनुसार सिमगा रोड स्थित एके मल्टी स्पेशलिटी हॉस्पिटल को गुप्त रूप से इनामी नक्सली के उपचार हेतु भर्ती करने एवं प्रशासन एवं पुलिस को सूचना नही देने के परिणाम स्वरूप हॉस्पिटल को सील किया गया। इन घटनाओं के सत्यता जानने के लिए एके मल्टी स्पेलिटी हॉस्पिटल के डायरेक्टर डॉ. प्रवीण साहू से बात करने की कोशिश की, उनके हॉस्पिटल के स्टॉफ के लोग फोन उठा रहे है, लेकिन डायरेक्टर से बात नहीं करा रहे हैं।

वहीं मामले में विधायक आशीष छाबड़ा का कहना है कि हॉस्पिटल को कलेक्टर के आदेश के बिना खोला जाना गम्भीर कृत्य है, इस पर प्रशासन से जानकारी मांगी जाएगी। प्रक्रिया का पालन नहीं होने की स्थिति में विधि सम्मत कार्रवाई के लिए कहा जाएगा।  
एसडीएम दुर्गेश वर्मा का कहना है कि जांच अधिकारी ने प्रकरण की जांच के लिए नजरी नक्शा बनाने चाबी की मांग की, जिसके लिए उन्होंने लिखित में दिया। इसके बाद सील अस्पताल के ताला की चाबी सौपी गई है। अस्पताल का संचालन कैसे हो रहा है, इसका जवाब जांच अधिकारी देंगे।

एसपी शलभ कुमार सिन्हा का कहना है कि बेमेतरा में पकड़ाए इनामी नक्सली के प्रकरण में जांच जारी है। अंतागढ़ के मेडिकल ऑफिसर डॉ. तुमेश बट्टे से पूछताछ की जा रही है। संलिप्तता पाए जाने पर कार्रवाई की जाएगी।
एसपी धमेंद्र सिंह छवई का कहना है कि अस्पताल के डायरेक्टर की ओर से निवेदन किया गया कि अस्पताल में रखे कुछ महंगे सामान खराब हो जाएंगे, जिसके लिए उन्हें अस्पताल खोलकर सामान निकालने की अनुमति दी गई, ना कि संचालन की।

वहीं मामले में कलेक्टर विलास भोस्कर सनदीपान का कहना है कि नक्सली मामले में संदिग्ध गतिविधियों को देखते हुए हॉस्पिटल को सील करने का आदेश दिया गया था। जांच अधिकारी की ओर से न्यायालय में एविडेंस पेश करने के लिए हॉस्पिटल को खोलकर वीडियोग्राफी एवं फोटोग्राफी करने चाबी मांगी गई। लिखित में लेकर चाबी सौंपी गई। हॉस्पिटल को किसके आदेश पर खोल कर फिर से संचालित करने की अनुमति दी गई है। इसके लिए सोमवार को नोटिस जारी किया जाएगा, साथ ही नर्सिंग होम एक्ट के उल्लंघन को लेकर भी अस्पताल को नोटिस जारी किया जाएगा।
 


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