बेमेतरा

एक-दो दिन बारिश होने पर किसानों ने लगा लिया है थरहा, अब बंद है बारिश
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बेमेतरा, 14 जून। मौसम व कृषि विभाग के अनुसार जिले में जून के प्रथम सप्ताह के दौरान प्री मानसून से बारिश होती है। इस बार प्री मानसून बारिश नही होने से किसानों की चिंता बढ़ गई है। अधिकारियों के अनुसार बंगाल की खाड़ी में दबाव नही होने की वजह से अब तक प्री मानसून नही हुआ है। जबकि बस्तर में मानसून आने के एक सप्ताह के बाद ही जिले में मानसून पहुँचता है। वर्तमान समय मे बस्तर में ही अब तक मानसून नही पहुँचा है।
जिले के किसान मौसम की बेरुखी की वजह से थरहा लगाने के बाद बारिश नहीं होने से परेशान हो रहे हैं। जिले में अब तक प्री मानसून व मानसून के नहीं आने के वजह से फसल लेने में समय लगने लगा है। किसानों ने बताया कि फसल के लिए नर्सरी लगा रहा है, बारिश नहीं होने की वजह से वो भी सूखने लगे है
जानकारी हो कि कास्तकारी जिले में सर्वाधिक रकबा में धान का फसल लिया जाता है। जिसमे कुछ किसान थरहा याने नर्सरी पद्धति से खेती करते हैं। जिला कार्यालय ने बताया कि जेल के जून माह के प्रथम सप्ताह के दौरान प्री मानसून से बारिश होती है पर इस बार बंगाल की खाड़ी में दबाव नहीं होने की वजह से अब तक प्री मानसून नहीं हुआ है। बस्तर में मानसून आने के एक सप्ताह के बाद ही जिले में मानसून पहुँचता है। वर्तमान समय में बस्तर में ही अब तक मानसून नही पहुँचा है।
23 जून तक आने की है उम्मीद
इस तरह की स्थिति में आने वाले 15-16 जून को मानसून बस्तर पहुँचती है तो उसके एक सप्ताह बाद ही जिले में बारिश होगी। जिसके अनुसार 23 जून को जिले में मानसून आने का अनुमान लगाया जा रहा है। आंकड़े की बात करे तो जिले में मानसून का आना जून महीने में 10 तक ही होता है। बीते 15 साल का रिकार्ड देखा जाय तो जिले में 2009 के दौरान मानसून 24 जून को पहुँचा था। इसके बाद 2014 के दौरान 13 जून तक बारिश नहीं हुई थी। बीते 5 सालों के दौरान जिले में मानसून 1 जून को पहुचता था। 2019 के दौरान 3 जून एवं 2018 के दौरान 2 जून को मानसून का बारिश शुरू हुआ था। वर्तमान समय में 8 साल बाद मानसून 13 जून तक नही पहुँचा है।
सिंचाई के अभाव में लगा रहे थरहा
स्थिति को लेकर किसान आशीष मिश्रा ने बताया कि हम लोगों ने थरहा लगाया है, जो सिचाई के अभाव में सूखने लगे है। वर्तमान में बिजली भी पर्याप्त नहीं मिल रहा है। ऐसे में बारिश शुरू नही हुआ तो नर्सरी भी बेकार हो जाएगा। वहीं किसान बैशाखू ने बताया कि खेत पूरी टार से सुख चुका है। जैसे-तैसे जोत कर मिट्टी पलटने का प्रयास कर रहेव है पर बारिश का आना जरूरी हो गया है। कुछ सालों के अनुभव के अनुसार तैयारी कर चुके है पर मौसम निराश कर रहा है।
अटल ज्योति लाइन भगवान भरोसे
धान के थरहा में पानी के8 बहुत ही आवश्यकता है , लेकिन किसान बिजली कटौती के कारण सिचाई नही कर पा रहे हैं। गावों में अटल ज्योति के विधुत कनेक्शन में बिजली की आंख मिचौली से किसान बेहद परेशान है। 24 घंटे में मात्र कुछ घंटे ही बिजली की आपूर्ति की जा रही है। ऐसे में किसानों के धान का थरहा सुख जाने की चिंता सता रही है। किसानों ने विधुत विभाग के अधिकारियों से बारिश के पूर्व तक बिजली सप्लाई बाधित नही करने की गुहार लगाई है, ताकि थरहा को बचाई जा सके।