बेमेतरा

सरकार से वेतन लेकर प्राइवेट अस्पताल में काम करते मिला ऑक्सीजन टेक्निशियन, अस्पताल को सील करने पहुंची जिला प्रशासन की टीम ने पकड़ा
12-Jun-2022 3:54 PM
सरकार से वेतन लेकर प्राइवेट अस्पताल में काम करते मिला ऑक्सीजन टेक्निशियन, अस्पताल को सील करने पहुंची जिला प्रशासन की टीम ने पकड़ा

ड्यूटी से नदारद की लगातार शिकायत के बावजूद कार्रवाई नहीं होने पर अस्पताल प्रबंधन की कार्यप्रणाली पर उठे सवाल

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बेमेतरा, 12 जू
न। सरकारी व्यवस्था में भ्रष्टाचार का प्रत्यक्ष उदाहरण जिला अस्पताल में देखने को मिल रहा है। जहां जीवन दीप समिति से वेतन लेकर आक्सीजन टेक्नीशियन बलराम साहू एके मल्टीस्पेश्लिटी हॉस्पिटल काम करते पाया गया। इसकी जानकारी एके हॉस्पिटल को सील करने पहुंची जिला प्रशासन की टीम को दिया गया।

मामला संज्ञान में आने पर सिविल सर्जन ने संबंधित कर्मचाारी को नोटिस जारी कर कार्रवाई की बात कही थी। लेकिन कार्रवाई के नाम पर अब तक कुछ नहींं किया गया है।
गौरतलब हो कि गुरुवार को दोपहर 2 से रात 8 बजे तक जिला अस्पताल में आक्सीजन टेक्नीशियन की ड्यूटी थी, लेकिन जिला प्रशासन की टीम की कार्रवाई के दौरान टेक्नीशियन बलराम एके हॉस्पिटल में मरीजों की तीमारदारी करते मिला। ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर डॉ. शरद कोहाड़े ने बताया कि इस संबंध में मुख्य चिकित्सा स्वास्थ्य अधिकारी को रिपोर्ट सौंपी जाएगी। ऑक्सीजन टेक्नीशियन की एके हॉस्पिटल में काम करने की जानकारी जिला प्रशासन की टीम में शामिल बेमेतरा एसडीएम दुर्गेश वर्मा और ब्लॉक मेडिकल आफिसर डॉ शरद कोहाड़े को दी गई है। जिला अस्पताल में इस मामले पर कोई जिम्मेदारी लेने को तैयार नहीं है। सिविल सर्जन ड्यूटी इंचार्ज पर मामला डालकर पल्ला झाड़ ले रही हैं। वहीं ड्यूटी इंचार्ज का साफ कहना है कि संस्था प्रमुख होने के नाते कार्रवाई सिविल सर्जन को करना है। उन्हें समय-समय पर रिपोर्टिंग की जा रही है कि संबंधित कर्मचारी उपस्थिति रजिस्टर में हस्ताक्षर करने के बाद गायब हो जाता है।

हर स्तर पर कोताही, सीएमएचओ ने खड़े किए हाथ
मुख्य चिकित्सा स्वास्थ्य अधिकारी डॉ खेमराज सोनवानी के अनुसार कार्रवाई संस्था प्रमुख को करनी है, फिर भी अस्पताल प्रबंधन से इस संबंध में रिपोर्ट मांगी गई है। गौरतलब हो कि आक्सीजन टेक्नीशियन की सेवा आपातकालीन होती है। ऐसी स्थिति में टेक्नीशियन को ड्यूटी समय में मौजूद रहना जरूरी है और समय समाप्त होने पर दूसरे टेक्नीशियन के आने के बाद, हटना चाहिए। लेकिन यहां हर स्तर पर कोताही बरती जा रही है। शिफ्ट बदलने के दौरान दूसरे टेक्नीशियन के आने का इंतजार नहीं किया जाता है।

डीएच में शिफ्ट के समय प्राइवेट अस्पताल में काम करते मिला टेक्नीशियन
जानकारी के अनुसार जिला अस्पताल में जीवनदीप समिति के अंतर्गत दो ऑक्सीजन टेक्निशियन हैं। जिनकी दो शिफ्ट में ड्यूटी अस्पताल प्रबंधन की ओर से लगाई जाती है। ड्यूटी रोस्टर के अनुसार हर सप्ताह शिफ्ट बदली जाती है, गुरुवार को टेक्नीशियन बलराम की ड्यूटी दोपहर 2 से रात 8 बजे तक थी। जिला प्रशासन की टीम शाम करीब 5.30 बजे एके हॉस्पिटल को सील करने पहुंची थी। इस दौरान अस्पताल में भर्ती मरीजों को जिला अस्पताल शिफ्ट किया गया। यहां टेक्नीशियन बलराम एके हॉस्पिटल में भर्ती मरीजों को एंबुलेंस में शिफ्ट कर रहा था। जिला अस्पताल की ड्यूटी आवर में ऑक्सीजन प्राइवेट अस्पताल काम करते पाया जान काफी गंभीर मामला है। मामला संज्ञान में होने के बावजूद इस घोर लापरवाही पर कार्रवाई नहीं करना उससे कही अधिक गंभीर है।

विधायक आशीष छाबड़ा का कहना है कि मरीजों की सुविधाओं के लिए जीवनदीप समिति के अंतर्गत विभिन्न सेवा के एवज में मरीजों से तय शुल्क लेकर फंड इक_ा किया जाता है। इस फंड का उपयोग अस्पताल में सुविधाओं के विस्तार, जीवनदीप समिति कर्मियों के वेतन भुगतान समेत अन्य कार्यों में किया जाता है। ऐसी स्थिति में जनता के पैसे का दुरुपयोग बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। जीवनदीप समिति से वेतन लेकर प्राइवेट अस्पताल में काम करते पाया जाना काफी गंभीर मसला है। इसके लिए मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी व सिविल सर्जन से जानकारी लेने के साथ संबंधित कर्मचारी पर कार्रवाई करने के निर्देश दिए जाएंगे।


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