बेमेतरा

अस्पताल प्रबंधन की भूमिका को जांच रही पुलिस, गिरफ्तार नक्सली को भेजा जेल
11-Jun-2022 2:41 PM
अस्पताल प्रबंधन की भूमिका को जांच रही पुलिस, गिरफ्तार नक्सली को भेजा जेल

एके हॉस्पिटल के डायरेक्टर को अभिरक्षा में लेकर पुलिस कर रही पूछताछ

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बेमेतरा, 11 जून। 
निजी अस्पताल में इलाज कराने के दौरान गिरफ्तार ईनामी नक्सली जयराम गुरूटी (28) को शुक्रवार को न्यायालय में पेश किया गया। जहां से उसे न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया गया है। जेल दाखिल करने के पहले नक्सली का जिला अस्पताल में डॉक्टरी मुलाहिजा कराया गया। मामले में नक्सली के साथ मौजूद अभिरक्षा में लिए गए 10 वर्ष के बालक और एके प्राइवेट हॉस्पिटल के डायरेक्टर डॉ. प्रवीण साहू से पूछताछ जारी है।  इस मामले में और कई चौकाने वाले खुलासे होने की सम्भवना है। मामले सम्बंधितों के भूमिका की जांच की जा रही है।

जानकारी के अनुसार अंतागढ़ के मेडिकल आफिसर और एके हॉस्पिटल के डायरेक्टर के पुराने सम्बंध है, दोनों ने मेडिकल की पढ़ाई साथ में की है। सम्बन्धों का हवाला देकर अंतागढ़ के मेडिकल आफिसर ने बेमेतरा के एके हॉस्पिटल में पेट दर्द के इलाज के लिए 7 जून ईनामी नक्सली को भर्ती कराया। नक्सली को भर्ती कराने के दौरान अंतागढ़ के मेडिकल आफिसर ने 10 साल के बालक की उसकी सामान्य देखरेख के लिए अस्पताल में छोड़ दिया था।

बालक के माता-पिता को गुमराह किया  
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार मेडिकल आफिसर बालक के माता पिता को कम्प्यूटर सिखाने के साथ काम दिलाने का भरोसा देकर साथ में लाया था। लेकिन बालक बेमेतरा के प्राइवेट अस्पताल में एक नक्सली की तीमारदारी में लगा हुआ था। जो मोबाइल रखा हुआ था, जिससे नक्सली अंतागढ़ के मेडिकल आफिसर से लग सम्पर्क में था। पुलिस अधीक्षक धर्मेंद्र की छवई के अनुसार प्रकरण की गहनता से जांच जारी है। फिलहाल नई गिरफ्तारी की पुष्टि नहीं की गई है।

डायरेक्टर की प्रकरण में संलिप्तता को लेकर जांच जारी
नक्सली के मददगारो की गिरफ्तारी के लिए पुलिस टीम को रवाना किया गया है। अस्पताल के डायरेक्टर की भूमिका की जांच की जा रही है। प्रकरण में सलिप्तता पाए जाने पर गिरफ्तारी होगी। फिलहाल अस्पताल डायरेक्टर को अभिरक्षा में रखा गया है। गौरतलब हो कि एके हॉस्पिटल प्रबंधन की भूमिका संदिग्ध पाए जाने पर जिला प्रशासन की ओर से अस्पताल को सील करने की कार्रवाई की गई है। अब अस्पताल के डायरेक्टर की भूमिका को लेकर जांच जारी है।

बीते महीनों के वीडियो फुटेज खंगाल रही पुलिस
मामले की विवेचना को लेकर पुलिस की साइबर सेल की ओर से डीव्हीआर में रिकॉर्ड वीडियो फुटेज को खंगाला जा रहा है। इसके अलावा जब्त ओपीडी, आईपीडी और अटेंडेंस रजिस्ट्रर की भी जांच की जा रही है। पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इस मामले में गहराई से जाँच में चौकाने वाले खुलासे होने के साथ कई सफेदपोश बेनकाब होंगे। अस्पताल के बीते महीनों के वीडियो फुटेज की जांच की जा रही है कि और कोई नक्सली इलाज के लिए अस्पताल तो नहीं आया था।

नक्सली के मददगारों की जानकारी जुटा रही पुलिस
जानकारी के अनुसार नक्सली को किस वाहन से अस्पताल लाया गया था, इसके वीडियो फुटेज में इसकी जांच की जा रही है। जानकारी के अनुसार ईनामी नक्सली अस्पताल के रिकॉर्ड में डोमार सिंह ग्राम सलधा के नाम से भर्ती था। जो पेट दर्द के इलाज के लिए अस्पताल आया था। जिसमें बेमेतरा में इलाज कराने की मंशा और उसके मददगार की जानकारी ली जा रही है। कहीं नक्सली किसी बड़ी वारदात को अंजाम देने की मंशा से जिला मुख्यालय आया था, इसकी जानकारी ली जा रही है।

नही आती हिंदी, छात्र को अनुवादक बनाकर लाया था जयराम
जांच में पता चला कि नक्सली कमाण्डर जयराम गुरूटी को हिंदी नही आती थी , इसलिए अनुवादक के लिए इस बच्चें का इस्तेमाल किया दसवीं पढऩे वाले इस छात्र की हिंदी अच्छी है। कंप्यूटर की जानकारी भी है। इसी का फायदा उठाते हुए छात्र को कम दिलाने के बहाने अपने साथ बेमेतरा लाया था। हॉस्पिटल में इलाज के लिए भर्ती होने पर अनुवादक और अटेंडर के लिए बच्चें का इस्तेमाल किया।

पोस्टमैन के नाम से हुआ अस्पताल में भर्ती
पूछताछ में कुछ और चौकाने वाले तथ्य खुलासे हुए है। नक्सली कमांडर अल्सर का इलाज कराने ग्राम सलधा (बेमेतरा) के अस्पताल में डोमार सिंह निषाद के नाम पर भर्ती हुआ था। इन्वेस्टिगेशन से पता चला कि डोमार सिंह नाम का उस गांव में एक पोस्टमैन है। खास बात यह है कि उसकी पहचान हॉस्पिटल संचालक डॉ. प्रवीण साहू से है। सलधा हॉस्पिटल संचालक डॉ. प्रवीण साहू का ननिहाल भी है।

अंतागढ़ सीएचसी ऑफिसर की तलाश जारी
एएसपी पंकज पटेल ने बताया कि नक्सली कमांडर जयराम को इलाज के लिए सीएचसी अंतागढ़ के मेडिकल ऑफिसर डॉ. तुकेश बट्टे अपनी कार से बेमेतरा लाकर उसने ही नक्सली को एके मल्टी स्पेशलिटी अस्पताल में भर्ती कर वापस लौट गया था। खुलासे के बाद पुलिस उस मेडिकल ऑफिसर को तलाश कर रही है।


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