बेमेतरा

बबूल का पेड़ काटकर बेच रहे लोग, मात्र औपचारिकता बन गई है पौधरोपण
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बेमेतरा, 5 जून। बेमेतरा ब्लाक में हाफ नदी के तट पर ग्राम पंचायत धनगांव में पडकीडीह रोड़ पर वर्ष 2013 में कैम्पा मद से वन विभाग ने हाईटेक नर्सरी बनाया। अति आधुनिक ग्रीन हाउस, जनरेटर, पौधों को सुरक्षित रखने के उपकरण पानी की टँकीया, बड़ी संख्या में पाइप सहित वे उपकरण खरीदे जो हाईटेक को परिभाषित कर सके, जब तक था पैसा तब तक ऐसा वैसा चला, अब 9 साल बाद इस हाईटेक नर्सरी के दरवाजे से अंदर की स्थिति समझ में आ जाता है। लोहे के गेट में पुराने कपड़े की रस्सी से बंधे गेट है।
चारों तरफ लगे फेंसिंग पोल दरकने लगे हैं। लाखों के समान अनुपयोगी पड़े हैं, उनकी सुरक्षा का कोई जतन नहीं है। अंदर कुछ हिस्से में कुछ दिहाड़ी मजदूर नीम, गुलमोहर, बांस जैसे पौधों की सेवा में लगे हैं। यदि इस नर्सरी की बाउंड्री मजबूत कर जो पौधे 9 साल में बिना सरकारी सेवा के बड़े हो गए उनकी सुरक्षा हो जाए तो जिले में एक दिखाने लायक नर्सरी वन विभाग के पास हो जाएगा।
नवागढ़ ब्लाक में सम्बलपुर से नांदघाट मार्ग में ग्राम पंचायत अमोरा में 40 एकड़ रकबे में राज्य कैम्पा मद से वर्ष 2014 में 17 हजार 730 विभिन्न प्रजाति के पौधे रोपे गए। आठ साल बाद निशानी के नाम पर केवल सूचना बोर्ड शेष है। वन विभाग का रिकार्ड कहता है, हमने पांच साल बाद पंचायत को सौंप दिया था। पंचायत के रिकार्ड में लेने का कोई उल्लेख नहीं है, लेकिन लाखों खर्च के बाद एकमात्र जीवित सूचना बोर्ड बता रहा है कि दुर्ग वन मण्डल का बेमेतरा कितना गम्भीर है कार्यो को लेकर।
ईई ने कहा बांस बल्ली उपलब्ध कराना वन विभाग का काम है। कलेक्टर ने वन विभाग के जिम्मेदार अधिकारी को कारण बताओ नोटिस जारी कर अपनी औपचारिकता पूरी की पर, वन विभाग को इससे फर्क नहीं पड़ा।