बेमेतरा

मानसून के मनुहार के साथ दस्तक, ग्रामीण खुश
आशीष मिश्रा
बेमेतरा, 1 जून (‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता)। साइबेरिया से उडक़र सरहद की सभी सीमा पार कर प्रजनन के लिए नवागढ़ ब्लाक आने वाले साइबेरियन पक्षी मानसून का मनुहार लेकर कटई पहुंच चुके हैं, गाँव कलरव से गुलजार है। यही नहीं इस बार अन्य वर्षों के मुकाबले इनकी संख्या भी अधिक है, नवागढ़ बेमेतरा मार्ग में छेरकापुर चमारी मार्ग में स्थित ग्राम कटई की अपनी अलग धार्मिक महत्ता है इसके साथ ही इस गांव की पहचान इन मेहमानों पक्षियों के कारण भी है।
सटीक पूर्वानुमान
ग्राम कटई में पाँच दशक से अधिक समय से आ रहे इन परिंदों ने सभी ज्योतिष व पंचाग को मात दे दिया है। कटई निवासी चुम्मन वर्मा ने बताया कि अब कटई के लिए इन पक्षियों की महत्ता मानसून से कम नहीं है इनका आगमन यह बताता है कि पखवाड़े भर बाद मानसून दस्तक देगा, गाँव में इनके शिकार पर पहले से पाबंदी है, मानसून भटकने व बारिश कमजोर होने या नहीं होने की जानकारी ये पक्षी पहले दे देते हैं। जून से दिसंबर-जनवरी तक इनका डेरा रहता है, यदि ये बीच में उड़े तो समझो अकाल तय है, वर्मा ने बताया कि दिन भर आसपास के गांव नदी नाले पोखर तालाब में चारा चुगकर देर शाम पक्षी कटई आ जाते हैं। गांव में मन्दिर व मुख्य मार्ग सहित आसपास के पेड़ों में बसेरा रहता है, प्रजनन के बाद ये अपने वतन चले जाते हैं। पक्षियों के जानकार बताते हैं कि प्रजनन के समय मादा पक्षियों की टांगे गुलाबी हो जाती हंै।
कोरोना संकट ने सन्देश दिया कि मानव प्रजाति ने परिंदों का जीना मुहाल कर दिया है। दो साल जब डीजे, पटाखे, धुंआ, धूल और डिस्पोजल बंद थे, तब परिंदों ने सुख से खाया और सुख से पाया भी। नतीजा सामने है कि इस बार आए मेहमानों की संख्या अधिक है। मानव भले कम हुए पर पशु-पक्षी बढ़े।
पेड़ बचाने अभियान चले
पडकीडीह निवासी पर्यावरण प्रेमी वीरेन्द्र दास बैष्णव ने कहा कि जिस गति से हमारे यहां पेड़ों की कटाई हो रही है। इससे यही लग रहा है कि हमारी आने वाली पीढ़ी पक्षी पुस्तकों में देखेगी, जैसे हम जंगली जानवर देख रहे हैं। गाँव में पीपल, नीम व बरगद जैसे बहुमूल्य पेड़ों की महत्ता को समझते हुए सघन वृक्षारोपण चले। वीरेन्द्र दास ने कहा कि छायादार फलदार के साथ औषधीय गुण वाले पेड़ लगे। इस साल लोग नींबू के लिए तरस गए। पचास साल से कटई आ रहे परिंदे हमारे पूर्वजों के लगाए पेड़ों में बसेरा करते हैं हमारी उपलब्धि शून्य है।