बस्तर

शिक्षा का स्तर सुधारने के बजाए बिगाड़ रही है भूपेश सरकार-आप
01-Nov-2021 5:17 PM
शिक्षा का स्तर सुधारने के बजाए बिगाड़ रही है भूपेश सरकार-आप

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
जगदलपुर, 1 नवंबर।
आम आदमी पार्टी के जिला अध्यक्ष तरुणा साबे बेदरकर ने  विज्ञप्ति जारी कर भूपेश सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि पहले ही छत्तीसगढ़ में शिक्षकों की कमी की वजह से शिक्षा का स्तर गिरता जा रहा है और दूसरी तरफ तमाम शिक्षकों को पढ़ाई के बजाय अन्य ड्यूटी में उलझा कर शिक्षा को बाधित करना चाह रही है भूपेश सरकार ।

तरुणा ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार को दिल्ली की केजरीवाल सरकार की तरह ही एक तत्काल एक आदेश जारी करना चाहिए, जिसमें शिक्षकों को स्कूल की ट्यूटी के अलावा कोई दूसरी ट्यूटी नही लगाई जाए जिससे तमाम शिक्षकों का पूरा ध्यान अपने स्कूल तक केंद्रित रहे व शिक्षा का स्तर सुधारने वे शिक्षक खुद से ततपरता दिखाए।

तरुणा ने पुन: कहा कि छत्तीसगढ़ की स्कूल पहले ही शिक्षकों की कमी झेल रही है अगर बस्तर की बात करें तो आज बस्तर जिले में लगभग 500 स्कूल ऐसे हैं, जिसने केवल और केवल एक शिक्षक के भरोसे है और लगभग 86 स्कूल ऐसे हैं, जिसमें शिक्षक ही नहीं है। शिक्षक विहीन विद्यालय में बच्चों की पढ़ाई क्या बिल्डिंग या चपरासी कराते होंगे।

ऐसे में शिक्षकों को कभी चुनाव के काम मे तो कभी सर्वे का काम व वर्तमान में निर्वाचन पर्यवेक्षक की ट्यूटी में लगा रही है, जो शिक्षकों के साथ साथ उन तमाम बच्चों के साथ खिलवाड़ है। ऐसे ट्यूटी लगने की वजह से शिक्षक अपने आप को बंधवा मजदूर की तरह समझने लगे है।

वर्तमान में शिक्षकों को निर्वाचन पर्यवेक्षक की ट्यूटी लगा कर भूपेश सरकार शिक्षकों के साथ अन्याय कर रही है व शिक्षा के कार्य को बाधित करना चाह रही है आम आदमी पार्टी इसका विरोध करती है व मीडिया के माध्यम से भूपेश सरकार से मांग करती है कि भविष्य में शिक्षकों की ट्यूटी शिक्षा के अलावा किसी अन्य ट्यूटी में न लगाए जिससे भविष्य में शिक्षा किसी भी तरह से बाधित न हो व प्रदेश के बच्चों को अच्छी शिक्षा शिक्षको के माध्यम से मिल सके।

दंति पोयम ने कहा भूपेश सरकार वैसे भी बेरोजगारों को रोजगार देने में नाकाम हो चुकी है, ऐसे में सरकार के पास एक अवसर है शिक्षित बेरोजगारों को रोजगार देने का व इस तरह की तमाम ट्यूटी के माध्यम से रोजगार उपलब्ध कराए जिससे उन तमाम बेरोजगारों को भी एक रोजगार उपलब्ध हो जाएगा जिसके लिए वे भटक रहे है।

 


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