बलरामपुर

खरवार जनजाति को भारत सरकार के राजपत्र में शामिल करने की मांग
11-Oct-2025 9:47 PM
खरवार जनजाति को भारत सरकार के राजपत्र में शामिल करने की मांग

खैरवार आदिवासी विकास परिषद ने मंत्री रामविचार को सौंपा ज्ञापन

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

बलरामपुर, 11 अक्टूबर। खरवार आदिवासी विकास परिषद छत्तीसगढ़ के पदाधिकारियों ने आदिम जाति विकास, अनुसूचित जाति, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक विकास मंत्री  रामविचार नेताम को ज्ञापन सौंपकर खैरवार  ,खेरवार  और खरवार जातियों को भारत सरकार के राजपत्र में अनुसूचित जनजाति की सूची में समान रूप से शामिल करने की मांग की है।

परिषद के प्रदेश अध्यक्ष बीर सिंह, प्रदेश उपाध्यक्ष भगवान सिंह, प्रदेश सचिव बबलानय सिंह, प्रदेश कोषाध्यक्ष शिवबालक सिंह तथा युवा प्रभाग के प्रदेश अध्यक्ष अमित कुमार सिंह ने संयुक्त रूप से बताया कि मध्यप्रदेश राजपत्र (08 दिसंबर 1950) एवं भारत सरकार गृह मंत्रालय द्वारा पारित संशोधन आदेश (27 जुलाई 1977) में ‘खैरवार’ को अनुसूचित जनजाति घोषित किया गया है। इसके बाद छत्तीसगढ़ गठन के उपरांत जारी अधिसूचना में भी खैरवार को अनुसूचित जनजाति सूची में शामिल किया गया है। परंतु उच्चारण एवं लेखन भिन्नता के कारण खेरवार  और खरवार  समुदायों को अभी तक भारत सरकार के राजपत्र में एकरूपता के साथ दर्ज नहीं किया गया है। जबकि छत्तीसगढ़ शासन के सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा 30 दिसंबर 2017 को जारी आदेश में स्पष्ट किया गया है कि ‘खैरवार, खेरवार और खरवार’ एक ही समुदाय हैं।

परिषद ने इस आदेश और मंत्रालय की पूर्व टिप्पणियों का हवाला देते हुए मंत्री श्री नेताम से अनुरोध किया कि छत्तीसगढ़ राज्य की अनुसूचित जनजाति सूची के अनुक्रमांक 21 में खैरवार  के साथ खेरवार और खरवार  को भी भारत सरकार के राजपत्र में सम्मिलित करने हेतु अनुशंसा की जाए।

इस अवसर पर बलरामपुर जिला अध्यक्ष उदयराज सिंह, जिला सचिव रामाशंकर सिंह, जिला कोषाध्यक्ष विजय सिंह, युवा प्रभाग जिला अध्यक्ष नरेन्द्र सिंह, वाड्रफनगर ब्लॉक अध्यक्ष बिहारी सिंह, ब्लॉक सचिव नन्दकेश्वर सिंह तथा प्रतापपुर ब्लॉक अध्यक्ष राम प्रसाद सहित परिषद के कई पदाधिकारी उपस्थित रहे।


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