बलरामपुर

शंकरगढ़ बचवार का बालक उमावि जर्जर
23-Aug-2025 10:15 PM
शंकरगढ़ बचवार का बालक उमावि जर्जर

सभी कमरे की छत से टपक रहा पानी, दीवारों में भी कई जगह दरार

-पुरनचंद देवांगन

राजपुर/शंकरगढ़, 23 अगस्त (‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता)। बलरामपुर जिले में एक ऐसा स्कूल है, जो अपनी जर्जर स्थिति पर आंसू बहा रहा है। इस स्कूल ने न जाने कितनों को अधिकारी कर्मचारी नेता बनाने में अहम भूमिका निभाई होगी, परंतु आज अपने ही अस्तित्व बचाने अधिकारियों व नेताओं का मुँह ताक रही है।

बलरामपुर जिले के शंकरगढ़ विकासखंड अंतर्गत शासकीय बालक उच्चतर माध्यमिक विद्यालय बचवार 1980 के दशक में शुरू हुई, तब यह स्कूल खपरैल नुमा विद्यालय हुआ करती थी, उसी समय पहली बार बलरामपुर जिले के शंकरगढ़ बचवार में पक्की छत वाली विद्यालय का निर्माण सन 1983 में किया गया, जो एक लम्बे समय से अपने छत के नीचे न जाने कितने विद्यार्थियों को शिक्षा दिलावाई और कईयों ने यहां पढ़ कर बड़े-बड़े पदों पर स्थापित हुए, साथ ही इसी विद्यालय में कई शिक्षकों ने भी अपनी सेवाएं दी।

आज इसी विद्यालय में शिक्षक के पद पर रहे डॉ.डी.एन.मिश्रा जिले में जिला शिक्षा अधिकारी के सर्वोच्च पद पर विद्यमान हैं। 43 साल बाद भी यह विद्यालय अपने छत के नीचे एक ममतामयी मां के समान अपने आंचल नुमा छत के नीचे बच्चों को शिक्षा दिला रही है। पर आज यह विद्यालय अपने जर्जर स्थिति पर आंसू बहा रहा है। इस विद्यालय की छतें और दीवार इतनी कमजोर हो गई है कि यह कभी भी अपने अस्तित्व को खो सकती है।

बरसात के समय इस विद्यालय की छतों पर जगह-जगह से पानी टपक रहा है। इस विद्यालय का कोई भी ऐसा कमरा नहीं बचा है जहां की छत से पानी ना टपक रहा हो, इस विद्यालय की दीवारें, खिड़कियां, दरवाजे सभी इतनी जर्जर हो चुकी है कि यह भवन कभी भी गिर सकती है।

 इस भवन के सुधार या नए भवन की स्वीकृति के लिए न तो किसी जनप्रतिनिधि और न ही किसी अधिकारियों द्वारा पहल की है।  खतरे के साए में शिक्षक और विद्यार्थी इस विद्यालय में अध्ययन-अध्यापन का कार्य करने को मजबूर हैं। इस विद्यालय में अध्ययन कर रहे विद्यार्थियों पर कई बार तो छत के प्लास्टर पर भी गिर चुका है जिससे कर्ई छात्र घायल भी हो चुके हैं। यह विद्यालय इतनी जर्जर हो चुकी है कि यह कभी भी गिर सकती है।

 मौजूदा शिक्षकों ने बताया कि इस भवन के जीर्णोद्धार के लिए पूर्व और वर्तमान के जनप्रतिनिधियों से कई बार निवेदन किया गया, लेकिन आज तक इस भवन की ओर किसी ने ध्यान नहीं दिया, जो बेहद निराशाजनक बात है।

 इस क्षेत्र के कांग्रेस सत्ता में विधायक रहे चिंतामणि महराज जो भाजपा सरकार में सरगुजा सांसद हैं। वे जब विधायक थे, तब इसी भवन में उन्होंने बच्चों के साथ खाना खाया था, तब उन्होंने इस भवन के लिए जीर्णोद्धार का प्रयास किया, लेकिन सही कार्य नहीं होने से आज भी स्थिति जस की तस बनी हुई है।

 जब ‘छत्तीसगढ़’ ने इस जर्जर भवन के संबंध में जिला शिक्षा अधिकारी से बात की तो उन्होंने जिला कलेक्टर से चर्चा कर भवन के संधारण की बात कही है।


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