बलौदा बाजार

निजी अस्पताल में भर्ती मरीज मीडिया की दखल के बाद डिस्चार्ज
19-Nov-2025 3:59 PM
निजी अस्पताल में भर्ती मरीज  मीडिया की दखल के बाद डिस्चार्ज

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

बलौदाबाजार, 19 नवंबर। जिले में एक मरीज को निजी अस्पताल से डिस्चार्ज कराने को लेकर प्रशासन और स्थानीय पत्रकारों के हस्तक्षेप का मामला सामने आया है। परिजन और ग्राम पंचायत बसंतपुर के सरपंच ने जिला प्रशासन और प्रेस क्लब को इस संबंध में लिखित धन्यवाद दिया है।

घटना 2 नवंबर की है, जब बसंतपुर निवासी शम्भू पटेल सडक़ दुर्घटना में घायल हो गए थे। परिजन उन्हें जिला चिकित्सालय बलौदाबाजार ले गए, जहां प्राथमिक उपचार के रूप में ड्रेसिंग और टांके लगाए गए।

परिजनों का आरोप है कि अस्पताल में मौजूद कुछ कर्मचारियों और एंबुलेंस चालक ने उन्हें बताया कि डॉक्टर उपलब्ध नहीं हैं और उपचार उचित रूप से नहीं हो पाएगा। परिजनों के अनुसार उन्हें ओमकार हॉस्पिटल ले जाने की सलाह दी गई, यह कहते हुए कि वहां आयुष्मान योजना के तहत उपचार हो जाएगा।

 

परिजनों के आरोप

परिजन बताते हैं कि ओमकार हॉस्पिटल पहुँचने पर उन्हें मरीज की स्थिति गंभीर बताए जाने की जानकारी दी गई। अस्पताल की ओर से जबड़े की हड्डी टूटने का उल्लेख करते हुए तत्काल ऑपरेशन की आवश्यकता और लगभग डेढ़ से दो लाख रुपये खर्च होने की बात कही गई।परिजनों का कहना है कि आयुष्मान योजना लागू न होने की बात बताते हुए निजी भुगतान के लिए दबाव बनाया गया। परिजनों का आरोप है कि आर्थिक असमर्थता जताने पर अस्पताल ने कई दस्तावेजों पर हस्ताक्षर करवाए और मरीज को कमरे में रोक लिया गया। परिजनों के अनुसार डिस्चार्ज के बदले लगभग 80 हजार रुपये देने की मांग की गई।

प्रशासन और प्रेस क्लब का हस्तक्षेप

मरीज के पिता गोरेलाल पटेल ने मामले की लिखित शिकायत कलेक्टर कार्यालय और प्रेस क्लब को दी। शिकायत मिलने के बाद जिला प्रशासन ने अस्पताल प्रबंधन से संपर्क किया और हस्तक्षेप के बाद मरीज को परिजनों को सौंप दिया गया।

डिस्चार्ज के बाद परिजनों ने शम्भू पटेल की जांच अन्य चिकित्सकों से कराई। परिजनों का कहना है कि परीक्षण में न तो जबड़ा टूटा पाया गया और न ही तत्काल सर्जरी की आवश्यकता बताई गई।

आभार पत्र सौंपा

मरीज, परिजन और ग्राम पंचायत बसंतपुर के सरपंच ने जिला कलेक्टर और प्रेस क्लब के नाम लिखित आभार पत्र सौंपा। परिजनों ने कहा कि हस्तक्षेप से उन्हें आर्थिक और मानसिक संकट से राहत मिली।

प्रशासन ने मामले की जानकारी लेकर आगे जांच की बात कही है। स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़े ऐसे मामलों को लेकर नियमों और प्रक्रियाओं के पालन को लेकर सतर्कता बढ़ाए जाने की आवश्यकता पर भी चर्चा की जा रही है।

 


अन्य पोस्ट