बलौदा बाजार
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बलौदाबाजार, 12 नवम्बर। बलौदाबाजार जिला अस्पताल में भर्ती एक मरीज को निजी अस्पताल भेजे जाने के मामले की जांच के लिए तीन सदस्यीय चिकित्सक समिति का गठन किया गया है। यह कार्रवाई मुख्य जिला चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमएचओ) डॉ. राजेश अवस्थी द्वारा की गई है। यह कदम तब उठाया गया जब बलौदाबाजार प्रेस क्लब ने इस संबंध में एक लिखित शिकायत जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग के उच्च अधिकारियों को भेजी थी।
शिकायत के अनुसार, 26 सितंबर को परमानंद राणा नामक मरीज को सडक़ दुर्घटना में घायल होने के बाद जिला अस्पताल बलौदाबाजार में भर्ती कराया गया था। मरीज के उपचार के दौरान ड्यूटी पर तैनात चिकित्सक डॉ. वसीम रज़ा ने मरीज की स्थिति गंभीर बताते हुए उसे निजी अस्पताल रेफर किया।
शिकायतकर्ता मोहनलाल अग्रवाल ने प्रेस क्लब को भेजे पत्र में आरोप लगाया कि निजी अस्पताल में पहुंचने के बाद मरीज के परिजनों से जांच और उपचार के नाम पर अधिक राशि वसूली गई तथा उन्हें मरीज को अन्य अस्पताल ले जाने की अनुमति नहीं दी गई।
इन शिकायतों के बाद बलौदाबाजार प्रेस क्लब ने 15 अक्टूबर को एक आपात बैठक आयोजित की। बैठक में सदस्यों ने यह प्रस्ताव पारित किया कि मामले की निष्पक्ष जांच कराई जाए। 16 अक्टूबर को क्लब ने इस संबंध में जिला कलेक्टर, स्वास्थ्य मंत्री, प्रभारी मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल और सीएमएचओ को शिकायत पत्र सौंपा।
प्रेस क्लब की बैठक में उपस्थित सदस्यों ने कहा कि, सरकारी अस्पतालों को निजी क्लीनिकों का रेफर सेंटर नहीं बनना चाहिए। यह गरीब और जरूरतमंद मरीजों के लिए कठिनाई उत्पन्न करता है।
प्राप्त शिकायतों के आधार पर मुख्य जिला चिकित्सा अधिकारी डॉ. राजेश अवस्थी ने तीन सदस्यीय जांच समिति गठित की है, जिसमें डॉ. अशोक वर्मा, डॉ. कल्याण कुर्वंशी और डॉ. टेंभूरकर शामिल हैं।
डॉ. अवस्थी ने बताया-मामला गंभीर है। समिति को समय-सीमा में जांच पूरी करने के निर्देश दिए गए हैं। रिपोर्ट प्राप्त होने के बाद नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।
प्रेस क्लब के अनुसार, जिले के कुछ चिकित्सक और कर्मचारी अपने या परिचितों के निजी अस्पतालों से जुड़े हुए हैं और मरीजों को वहां रेफर करने की शिकायतें पूर्व में भी प्राप्त हुई हैं। जांच समिति इन सभी बिंदुओं की समीक्षा कर यह निर्धारित करेगी कि मरीज को निजी अस्पताल भेजने की प्रक्रिया में कोई नियम उल्लंघन हुआ या नहीं।
जांच समिति को दस्तावेज़ों, चिकित्सा रिकॉर्ड और संबंधित पक्षों के बयान लेकर विस्तृत प्रतिवेदन तैयार करने का निर्देश दिया गया है।
जिला स्वास्थ्य विभाग ने कहा है कि रिपोर्ट आने के बाद आवश्यक प्रशासनिक कदम उठाए जाएंगे।


