बलौदा बाजार

जिला अस्पताल में ही डॉक्टर कम आधे पद खाली
18-May-2023 10:30 PM
जिला अस्पताल में ही डॉक्टर कम आधे पद खाली

150 बिस्तर वाले अस्पताल में स्वीकृत 125 पदों के विरुद्ध 59 हैं कार्यरत

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

बलौदाबाजार, 18 मई। जिला निर्माण के 11 वर्ष बाद भी बलौदाबाजार का सर्व सुविधा युक्त 100 बिस्तरीय जिला अस्पताल व अस्पताल परिसर में स्थित 50 बिस्तरीय प्रसूती भवन चिकित्सकों व चिकित्सकीय स्टाफ की कमी से जूझ रहा है। जिसके चलते दूरदराज क्षेत्र से इलाज हेतु पहुंचे ग्रामीणों को कई बार बिना समुचित इलाज के मायूस होकर लौटना पड़ता है।

आलम यह है कि यहां विशेषज्ञ चिकित्सकों स्टाफ नर्स लैब टेक्नीशियन के स्वीकृत कुल 125 पदों पर केवल 59 का स्टाफ ही कार्यरत हंै। अर्थात यहां आधे से ज्यादा पद रिक्त पड़े हुए हैं। जिसके चलते काम का दबाव भी यहां पदस्थ चिकित्सक की हमले पर अत्यधिक रहता है, वहीं अवकाश के दिनों में पहुंचे मरीजों को इलाज के लिए घंटों इंतजार करना पड़ता है। यदि शासन प्रशासन इस दिशा में गंभीर पहल करें तो सीमेंट संयंत्रों की बहुतायत वाले इस जिले में डीएम मद आदि से ऐसे चिकित्सकों की नियुक्ति किया जा सकता है।

वहीं सीएमएचओ डॉ. एमपी महेश्वर ने कहा कि इस संबंध में संचालक स्वास्थ्य सेवा को अवगत कराया जा चुका है। संभवत आगामी कुछ माह में इन पदों पर नियुक्ति हो सकेगी।

होनी चाहिए 16 लेकिन है सिर्फ 6

विदित हो 150 बिस्तर वाले नगर के जिला चिकित्सालय में विशेषज्ञ चिकित्सकों के 16 पदों पर केवल 6 चिकित्सक ही कार्यरत हैं। जबकि स्टाफ नर्स के स्वीकृत 77 पदों पर 28 नर्स ही कार्यरत हैं। वही लैब टेक्नीशियन के 11 पदों के विरुद्ध 6 कर्मचारी ही कार्यरत है यद्यपि चिकित्सक अधिकारी के स्वीकृत 18 पदों के विरुद्ध 16 चिकित्सक अधिकारी यहां कार्यरत हैं। जिला चिकित्सालय में ईएनटी एमडी मेडिसिन जैसे चिकित्सकों की आज भी आवश्यकता है। अक्सर यहां पदस्थ चिकित्सकों व स्टाफ के कई अवसर पर अन्य मरीजों अथवा मामलों में व्यस्त रहने के चलते आपातकालीन स्थितियों में मरीजों के इलाज में अनावश्यक विलंब भी होता है यद्यपि चिकित्सालय प्रबंधक द्वारा बेहतर इलाज का प्रयास किया जा रहा है। परंतु प्रतिदिन यहां ओपीडी हेतु बड़ी संख्या में पहुंचे मरीजों को आज भी कई अवसरों पर अत्यधिक भीड़ की वजह से अपने इलाज हेतु लंबे समय तक प्रतीक्षा करना पड़ता है। किसी तरह मरीज दूरदराज गांव से अपने संसाधनों से इलाज हेतु आते भी हैं। तो उन्हें भी इन परिस्थितियों में और असुविधाओं का सामना करना पड़ता है।

 कई अवसरों पर स्टाफ की कमी के चलते मरीजों के साथ चिकित्सकीय स्टॉप आपके साथ भी यहां आवश्यक विवाद की स्थिति निर्मित होती है। अस्पताल में कार्यरत नर्सों पर भी काम का अत्यधिक दबाव है। 150 बिस्तरी अस्पताल में कार्यरत 28 नर्सों पर ही मरीजों की देखभाल की जिम्मेदारी भी है।

क्षेत्रवासियों के अनुसार शासकीय जनप्रतिनिधियों द्वारा जिला चिकित्सालय के स्टाफ की कमी की दिशा में आज तक विशेष पहल भी नहीं किया गया। यदि प्रशासन व जनप्रतिनिधियों द्वारा इस दिशा में संयुक्त पहल किया गया तो विभिन्न क्षेत्रों में महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल कर राज्य स्तर का पुरस्कृत हो चुके जिला चिकित्सालय के प्रति आम जनों का भरोसा और भी सुदृढ़ हो पाता।

पूर्व कलेक्टर के प्रयासों से सीटी स्कैन व डायलिसिस प्रारंभ

पूर्व कलेक्टर रजत बंसल के प्रयासों से जिला चिकित्सालय के अलावा जिला के विभिन्न सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में सोनोग्राफी की सुविधा प्रारंभ होने से मरीजों को लाभ मिलना प्रारंभ हो गया है। इसके अलावा बलौदाबाजार जिला चिकित्सालय में करीब 3 करोड़ की लागत से सीटी स्कैन मशीन डायलिसिस यूनिट का लाभ भी अब मरीजों को मिलने लगा है। इसके अलावा जिला चिकित्सालय में भी एनसीआर व बर्न यूनिट चाइल्ड केयर यूनिट का निर्माण भी श्री बंसल की पहल पर प्रारंभ हुआ है।

 इस संबंध में सिविल सर्जन राकेश अवस्थी ने कहा कि यद्यपि चिकित्सालय में स्टाफ की कमी है। इसके बावजूद मरीजों को बेहतर सेवा लगातार उपलब्ध कराने का प्रयास किया जा रहा है। स्टाफ नर्स व अन्य चिकित्सकों की पद स्थापना हेतु प्रयास भी किया जा रहा है।


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