भारत में कोरोना वैक्सीन की बूस्टर डोज़, जिसे प्रिकॉशन डोज़ कहा जा रहा है, 10 जनवरी से लगनी शुरू हो जाएगी.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 25 दिसंबर, 2021 को हेल्थ केयर वर्कर्स और 60 साल की ऊपर की उम्र के लोगों के लिए बूस्टर डोज़ का एलान किया था.
देश के कोविड टास्क फोर्स के प्रमुख और नीति आयोग के सदस्य डॉक्टर वीके पॉल ने बताया कि बूस्टर डोज़ या एहतियाती तीसरी डोज़ उसी वैक्सीन की लगेगी, जिसकी पहली दो डोज़ लगी है.
ब्रिटेन की नेशनल हेल्थ सर्विस यानी एनएचएस की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार, कोरोना वायरस (कोविड-19) वैक्सीन की बूस्टर डोज़, पहले की दो डोज़ से मिली सुरक्षा को मज़बूत करने में मदद करती है. ये आपको कोविड-19 से गंभीर रूप से बीमार होने से लंबे समय तक बचाती है.
केंद्र सरकार ने फ़ैसला किया है कि जिन लोगों को पहले कोविशील्ड का टीका लगा है उन्हें कोविशील्ड की ही बूस्टर खुराक दी जाएगी, जबकि जिन लोगों ने पहले कोवैक्सीन ली है उन्हें कोवैक्सीन की बूस्टर खुराक दी जाएगी.
लेकिन आख़िर बूस्टर खुराक क्या है, ये ओमिक्रॉन के ख़िलाफ़ कैसे और कितनी प्रभावी है? और भारत ने इसे अभी देने का फ़ैसला क्यों किया? और अगर आप इसे लेना चाहते हैं तो आपको क्या करना होगा?
फिलहाल भारत में कोविशील्ड, कोवैक्सीन और स्पुतनिक टीके लगाए जा रहे हैं. टीके आपके शरीर को बीमारी या वायरल संक्रमण से लड़ने की शक्ति देते हैं.
जब हम किसी बीमारी से बचने के लिए टीका लगवाते हैं, तो हम अपने शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को उस बीमारी से लड़ने के लिए तैयार करते हैं. लेकिन कई बार वैक्सीन की एक से ज़्यादा खुराक लेनी पड़ती है.
कोविड बूस्टर डोज़, वैक्सीन की एक अतिरिक्त डोज़ होती है, जिसे तब दिया जाता है, जब वैक्सीन के ओरिजनल शॉट से मिली सुरक्षा वक़्त से साथ कम होने लगती है. आम तौर पर बूस्टर डोज़ तब दिया जाता है जब शुरुआती डोज़ से मिली इम्युनिटी अपने आप धीरे-धीरे कम होने लगती है.
बूस्टर शॉट उस इम्युनिटी के स्तर को लंबे वक़्त तक बनाने रखने में लोगों की मदद करता है.
भारत में बूस्टर शॉट को 'प्रिकॉशन डोज़' कहा जा रहा है. 25 दिसंबर को प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "एहतियात की दृष्टि से सरकार ने निर्णय लिया है कि हेल्थकेयर और फ्रंटलाइन वर्कर्स को वैक्सीन की प्रिकॉशन डोज़ भी प्रारंभ की जाएगी."
बीबीसी के स्वास्थ्य और विज्ञान संवाददाता जेम्स गैलाघेर कहते हैं कि ये कुछ हद तक हमारे स्कूल जैसा है.
जेम्स कहते हैं, "पहली खुराक आपका प्राथमिक विद्यालय है, जिसमें आप वर्णमाला सीखते हैं, आपको कई विषयों का बुनियादी ज्ञान मिलता है. लेकिन ये पर्याप्त नहीं है. इसलिए आप माध्यमिक विद्यालय और कॉलेज या विश्वविद्यालय में जाते हैं."
बूस्टर डोज़ किसे मिलेगी?
कई देशों में सभी नागरिकों के लिए बूस्टर डोज़ की शुरुआत की गई है. भारत में, फिलहाल बूस्टर डोज़ डॉक्टर, हेल्थ वर्कर, फ्रंटलाइन वर्कर को दी जाएगी.
60 वर्ष से ऊपर की आयु के कोमोरबिडिटी वाले नागरिकों को भी उनके डॉक्टर की सलाह पर वैक्सीन की प्रिकॉशन डोज़ का विकल्प उपलब्ध होगा.
आप कोरोना वैक्सीन का बूस्टर डोज़ कब ले पाएंगे?
10 जनवरी से बूस्टर डोज़ लगने लगेगी. केंद्र सरकार ने इससे जुड़ी गाइडलाइंस जारी की हैं और प्रिकॉशन डोज़ के लिए एलिजिबिलिटी और स्लॉट बुकिंग को लेकर स्थिति साफ़ की है.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार, हेल्थकेयर वर्कर, फ्रंटलाइन वर्कर और गंभीर बीमारियों से जूझ रहे 60 साल से ऊपर के बुजुर्ग प्रिकॉशन डोज़ के लिए पात्र होंगे.
इसके अलावा, ये डोज़ दूसरी डोज़ के 9 महीने बाद यानी दूसरी खुराक देने की तारीख से 39 हफ़्ते पर दी जाएगी.
इसके अलावा, गाइडलाइन के अनुसार प्रिकॉशनरी डोज़ के लिए पात्र होने पर लाभार्थियों को CoWIN से एक टेक्स्ट मैसेज भेजा जाएगा, ताकि पता चल सके कि उन्हें वैक्सीन की तीसरी खुराक लेनी है.
कोविड-19 की बूस्टर डोज़ के लिए कैसे रजिस्टर कर सकते हैं?
पात्र लोग CoWIN प्लेटफॉर्म पर वैक्सीनेशन स्लॉट बुक कर सकेंगे. खुराक लेने के लिए टीकाकरण केंद्र में जाकर भी स्लॉट बुक किया जा सकेगा और बूस्टर डोज़ लगवाया जा सकेगा.
हालांकि, इसके लिए पात्र व्यक्ति को पहले से ये सुनिश्चित करना होगा कि वो जिस केंद्र में जाना चाहते हैं, वहां वॉक-इन फैसिलिटी है या नहीं.
60 साल से अधिक आयु के पात्र लोगों को सिर्फ डॉक्टर की सलाह के आधार पर "प्रिकॉशनरी डोज़" दी जाएगी, ऐसे में बूस्टर डोज़ लेने के लिए उन्हें वैक्सीनेशन सेंटर पर कोमोरबिडिटी का सर्टिफिकेट लेकर जाना होगा.
कोविड-19 बूस्टर डोज़ में कौन सी वैक्सीन लगाई जाएगी?
भारत के कोविड टास्क फोर्स के प्रमुख और नीति आयोग के सदस्य डॉक्टर वी के पॉल ने बताया है कि पात्र लोगों को उसी कंपनी की प्रिकॉशन डोज़ (बूस्टर डोज़) दी जाएगी, जिसकी पहली दो डोज़ दी गई थी.
उन्होंने बताया कि जिन लोगों को पहली दो डोज़ कोवैक्सीन की लगी है, उन्हें एहतियाती खुराक भी कोवैक्सीन की लगेगी और जिन लोगों ने पहले कोविशील्ड की वैक्सीन लगवाई है, उन्हें बूस्टर डोज़ भी कोविशील्ड की लगेगी.
एहतियाती खुराक के लिए कोविड वैक्सीन मिक्सिंग पर उन्होंने कहा कि इस पर आगे चर्चा की जाएगी, क्योंकि इस विषय पर अधिक शोध चल रहा है.
बूस्टर डोज़ आपको कितनी सुरक्षा देगी?
बूस्टर डोज़ के बाद आपको ऐसी सुरक्षा मिलती है जो काफ़ी विस्तृत होती है. एक जैसे शोधों से इसका प्रभाव साफ़ है कि दो डोज़ ओमिक्रॉन के ख़िलाफ़ कमज़ोर हैं.
बूस्टर डोज़ के बाद किसी भी कोविड लक्षण के ख़िलाफ़ 75% तक की सुरक्षा देखी गई है.
बूस्टर डोज़ हमारे इम्यून सिस्टम को भविष्य के किसी भी वेरिएंट के ख़िलाफ़ शरीर को एक बढ़त ज़रूर देती है.
बेहद तेज़ी से फैलने वाले ओमिक्रॉन के ख़तरे के बीच भारत सरकार ने बूस्टर डोज़ लगाने का कदम लिया है.
अगर कोई कोरोना वायरस से संक्रमित हुआ है, तो उनमें वायरस के प्रति एंटीबॉडी विकसित हो जाती हैं.
बूस्टर डोज़ लेने से शरीर का इम्यून सिस्टम लंबे समय तक मज़बूत रहता है, इसलिए स्वास्थ्य विशेषज्ञों की सलाह है कि कोविड से संक्रमित होने के कुछ दिन बाद डॉक्टर की सलाह के अनुसार बूस्टर डोज़ लेनी चाहिए. (bbc.com)