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रायपुर-बिलासपुर में अब अत्याधुनिक पशु चिकित्सालय, सीएम की बैठक में निर्णय
17-Jun-2020 5:23 PM
रायपुर-बिलासपुर में अब अत्याधुनिक पशु चिकित्सालय, सीएम की बैठक में निर्णय

हाथी प्रभावित वन मंडलों में निगरानी के लिए 10-10 की टीम 

'छत्तीसगढ़' संवाददाता
रायपुर, 17 जून।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राज्य में हाथियों सहित अन्य वन्य प्राणियों के संरक्षण पर आज यहां अपने निवास पर वन अधिकारियों के साथ चर्चा की। इस दौरान राजधानी रायपुर के जंगल सफारी स्थित पशु चिकित्सालय और बिलासपुर के कानन पेंडारी स्थित पशु चिकित्सालय को अत्याधुनिक और सर्व सुविधायुक्त अस्पताल के रूप में विकसित करने एवं हाथी प्रभावित वन मण्डलों में निगरानी के लिए 10-10 लोगों की टीम बनाने के निर्देश दिए। उन्होंने राज्य में वन्य प्राणियों के संरक्षण के उपायों को बेहतर बनाने सहित इनकी निगरानी पर भी जोर दिया। 

मुख्यमंत्री श्री बघेल वन अफसरों से चर्चा करते हुए राज्य में वन्य प्राणियों के संरक्षण  उपायों को लेकर विस्तार से चर्चा की। इस दौरान बताया गया कि राज्य में विगत 10 वर्षों के दौरान हाथियों सहित अन्य वन्य प्राणियों की संख्या में बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है। अधिकारियों ने बताया कि राज्य में पिछले 10 वर्षों में हाथियों की संख्या 225 से बढ़कर आज 290 तक हो गई है। इसके अलावा वन तथा राजस्व क्षेत्रों में विशेषकर हाथी प्रभावित क्षेत्रों में वन्यप्राणियों के बचाव के लिए खुली विद्युत तारों को ऊर्जा और वन विभाग के द्वारा केबल लगाने के संबंध में भी विचार किया गया।

बैठक में वन विभाग के मैदानी अमले पर नियंत्रण और फील्ड में उनकी उपस्थिति सुुनिश्चित करने के लिए मोबाईल एप विकसित करने का निर्णय लिया गया है। इस एप के माध्यम से वन विभाग के फोरेस्ट गार्ड से लेकर उच्च स्तर के सभी अधिकारियों की मॉनिटरिंग की जाएगी। इससे वन प्रबंधन और वन्य प्राणियों के संरक्षण में तत्काल जरूरी कदम उठाए जा सके। इसी तरह मुख्यमंत्री श्री बघेल ने राज्य में वन्य प्राणियों तथा हाथियों के दल की सतत निगरानी के लिए सभी प्रभावित वन मण्डलों में 10-10 लोगों को चयन कर टीम बनाने के भी निर्देश दिए हैं। बैठक में उन्हें वन प्रबंधन समितियों के माध्यम से राशि भुगतान करने का निर्णय लिया गया। राज्य में वर्तमान में महासमुन्द वन मण्डल के अंतर्गत मानव-हाथी द्वंद में नियंत्रण के लिए संचालित मोबाईल बेस्ड एलर्ट सिस्टम की सराहना करते हुए इसे धरमजयगढ़ और सूरजपुर वन मण्डल के 10-10 गांवों में लागू करने का निर्णय लिया गया।

मुख्यमंत्री ने बैठक में वन्य प्राणियों के त्वरित उपचार दिलाने के मद्देनजर राजधानी रायपुर के जंगल सफारी स्थित पशु चिकित्सालय और बिलासपुर के कानन पेंडारी स्थित पशु चिकित्सालय को अत्याधुनिक और सर्व सुविधा युक्त अस्पताल के रूप में विकसित करने के निर्देश दिए।
 
प्रतिनियुक्ति पर लिए जाएंगे 
पशु चिकित्सक, विशेषज्ञ 

इस दौरान चर्चा करते हुए वन मंत्री श्री अकबर ने बताया कि वन विभाग में वर्तमान में कार्यरत पशु चिकित्सक संविदा नियुक्ति पर है, वन्य प्राणियों के उपचार के लिए विशेषज्ञ चिकित्सक बनने के पहले ही कई चिकित्सक अन्य सेवाओं में चले जाते हैं। जिसके कारण वन्यप्राणियों के उपचार में कई बार कठिनाईयां आती है। मुख्यमंत्री ने वन मंत्री श्री अकबर के अनुरोध पर पशु चिकित्सा विभाग में कार्यरत चिकित्सकों को वन विभाग में प्रतिनियुक्ति पर लेने के निर्देश दिए। उन्होंने सभी 20 वन मण्डलों में जहां वन्य प्राणियों की संख्या ज्यादा है, वहां इन चिकित्सकों को प्राथमिकता से तैनात करने कहा।

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