सरगुजा

नेशनल हाईवे में चक्काजाम करने पहुंचे किसान, समझाईश पर माने
27-Nov-2025 8:36 PM
नेशनल हाईवे में चक्काजाम करने पहुंचे किसान, समझाईश पर माने

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

लखनपुर, 27 नवंबर। सरगुजा जिले में धान के रकबे के आंकलन में हुई गड़बड़ी के कारण किसानों को धान बेचने के लिए परेशान होना पड़ रहा है। लखनपुर ब्लॉक के किसानों ने इसके विरोध में गुरुवार को लहपटरा में प्रदर्शन किया। किसान नेशनल हाईवे में चक्काजाम करने के लिए पहुंचे थे। लखनपुर नायब तहसीलदार ने किसानों की समस्या का समाधान करने का आश्वासन देकर चक्काजाम न करने की समझाईश देकर उन्हें मना लिया।

समर्थन मूल्य पर 15 नवंबर से धान की खरीदी शुरू हो गई है, लेकिन इस वर्ष नए प्रावधानों के कारण किसानों को धान बेचने में दिक्कतें आ रही हैं। किसानों का एग्री स्टैक पंजीयन में सभी रकबे नहीं जुड़ पाए हैं। कई किसानों का धान का रकबा ही शून्य बता रहा है। ऐसे किसान अपना धान समर्थन मूल्य में नहीं बेच सकेंगे। इससे परेशान लखनपुर के किसान गुरुवार को नेशनल हाईवे में चक्काजाम करने एकजुट हुए।

ज्ञात हो कि सरकार ने इस वर्ष क्रॉप का डिजिटल सर्वे निजी कंपनियों के माध्यम से कराया है। निजी कंपनियों द्वारा धान के रकबे का डिजिटल सर्वे किया। इसमें बड़े पैमाने पर गड़बड़ी हुई है। सरगुजा में धान लगाने वाले सैकड़ों किसानों का रकबा ही शून्य कर दिया गया है।

प्रदर्शन करने पहुंचे किसानों ने बताया कि कई किसानों का धान का रकबा रिकार्ड में शून्य बताने के कारण वे धान नहीं बेच सकेंगे। कुछ किसानों का रकबा कम कर दिया गया है। इसमें सुधार कराने के लिए वे परेशान हैं।

नायब तहसीलदार की समझाइश के बाद किसान चक्काजाम न करने पर राजी हो गए और लौट गए। हालांकि किसानों ने कहा कि उनकी समस्याओं का समाधान नहीं होता है तो वे चक्काजाम करने के लिए मजबूर होंगे।

किसान सहदेव का रकबा रिकार्ड में शून्य

किसानों ने कहा- कर्ज लिया, अब धान नहीं बेच सकेंगे लहपटरा के किसान रामजतन राम ने बताया कि उनका रकबा रिकार्ड में शून्य बता रहा है, जबकि पिछले वर्ष उन्होंने 86 क्विंटल धान बेचा था। वे समिति में पहुंचे तो उनका धान का रकबा शून्य बताया गया। इस कारण वे अपना धान नहीं बेच सकेंगे। तहसील जाएंगे और समस्या का निराकरण होगा, तब तक धान खरीदी की प्रक्रिया ही पूरी हो जाएगी।

लहपटरा के जगदेव राम ने बताया कि वे समिति में धान बेचने के लिए जानकारी लेने गए थे तो बताया गया कि उनका रकबा कम हो गया है। गत वर्ष उन्होंने 40 क्विंटल धान बेचा था। इस वर्ष उनका धान का रकबा जितना बताया जा रहा है, उसमें वे 21 क्विंटल धान बेच सकेंगे।

समस्याओं का हल कर रहे हैं-तिवारी

चक्काजाम की सूचना पर मौके पर पहुंचे लखनपुर के नायब तहसीलदार उमेश तिवारी ने बताया कि जिन किसानों का नाम एग्री स्टेक पंजीयन नहीं हो पा रहा है। हमने कहा है कि कृषि सेंटर से जो खसरा नंबर छूट गया है, पटवारी के माध्यम से हमारे पास आएगा। हम अप्रूव कर लेंगे। जिनका रकबा शून्य हो गया है, उसके लिए आवेदन देने पर पटवारी से वेरिफिकेशन कराएंगे। वेरिफिकेशन के बाद रकबा दर्ज हो जाएगा।

उमेश तिवारी ने बताया कि डीसीएस के माध्यम से 80 प्रतिशत गांवों में गिरदावरी की गई थी। कहीं ऑनलाइन एंट्री में दिक्कत के कारण यह समस्या बनी है तो उसे ठीक किया जाएगा।


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