सरगुजा
ग्रामीणों ने लकड़ी का परिवहन रोका
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
प्रतापपुर, 22 नवंबर। प्रतापपुर तहसील के वन परिक्षेत्र घूई अंतर्गत रमकोला गांव में निजी भूमि पर पेड़ों की कटाई की अनुमति के बीच जंगल क्षेत्र में पेड़ कटने का मामला सामने आने के बाद ग्रामीणों ने आपत्ति दर्ज कराई है। शिकायत के बाद कटाई और लकड़ी के परिवहन पर रोक लगा दी गई है।
निजी भूमि की अनुमति, कटाई पर उठे सवाल
रमकोला निवासी ननकू को उनकी निजी भूमि खसरा नंबर 549 और 683 पर लगे नौ साल वृक्षों की कटाई की अनुमति जून में राजस्व विभाग प्रतापपुर द्वारा दी गई थी।
ग्रामीणों का आरोप है कि अनुमति निजी भूमि के लिए थी, जबकि कटाई नदी तट के निकट वनभूमि पर हुई है। ग्रामीणों के अनुसार स्थल पर कई साल वृक्ष पहले ही काटे जा चुके थे और लकड़ी उठाने की तैयारी भी की जा रही थी।
अनुमति जून की, कटाई नवंबर में—ग्रामीणों ने उठाए प्रश्न
ग्रामीणों का कहना है कि नौ वृक्षों की कटाई में पाँच महीने का अंतर संदेह पैदा करता है और उन्हें आशंका है कि अनुमति को आधार बनाकर जंगल क्षेत्र के पेड़ काटे गए।
शिकायत के बाद जेसीबी पहुंची, ग्रामीणों ने रोका
शिकायत की जानकारी होने पर एक जेसीबी मशीन मौके पर पहुँची। ग्रामीणों ने कहा कि मशीन का उद्देश्य कटे हुए ठूंठ हटाना था। इसी दौरान जनपद सदस्य धनसाय मरावी और ग्रामीण मौके पर पहुंचे। ग्रामीणों के अनुसार बढ़ते विरोध के बाद जेसीबी मशीन को क्षेत्र से हटाकर वन विभाग कार्यालय ले जाया गया।
ग्रामीणों ने की जांच की मांग
ग्रामीणों ने पूरे प्रकरण की विस्तृत जांच की मांग की है। उन्होंने स्थल पर मौजूद जेसीबी, क्रेन, ट्रक और अन्य मशीनरी को भी जांच में शामिल करने की आवश्यकता बताई है। ग्रामीणों का कहना है कि अनुमति के नाम पर जंगल क्षेत्र में कटाई की घटनाएं पहले भी होती रही हैं।
परिवहन पर रोक
सूचना के बाद तमोर पिंगला गेम रेंजर अजय सोनी सहित वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची। अधिकारियों ने स्थल का निरीक्षण कर जांच पूरी होने तक लकड़ी के परिवहन पर रोक लगा दी है। विभाग का कहना है कि मामले की विस्तृत जांच की जाएगी और जो तथ्य सामने आएंगे, उनके आधार पर कार्रवाई की जाएगी।


