सरगुजा
कहा- आदिवासी संस्कृति को मैं पहले भी जीती थी और अब भी जीती हूं
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
अंबिकापुर, 20 नवंबर। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि जनजाति समाज का इस देश में बहुत बड़ा योगदान है। आदिवासी संस्कृति को मैं पहले भी जीती थी और अब भी जीती हूं। जल, जंगल और जमीन के साथ आदिवासी संस्कृति को बढ़ावा देने की जरूरत है।
अंबिकापुर में आयोजित जनजातीय गौरव दिवस 2025 के अवसर पर मुख्य अतिथि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य 25 साल का हो गया है। छत्तीसगढ़ के रहने वाले सभी लोगों को मैं बधाई देती हूं। भगवान बिरसा मुंडा के इस कार्यक्रम में शामिल होने और उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण करने का मुझे सौभाग्य प्राप्त हुआ है। अंबिकापुर में व्यापक स्तर पर 15 से 20 नवंबर तक जनजाति गौरव दिवस मनाया गया है।
अंबिकापुर से ओडिशा, झारखंड 200 किलोमीटर दूर है। छत्तीसगढ़ ओडिशा सटा हुआ है छत्तीसगढ़ और ओडिशा के लोगों में रोटी और बेटी का रिश्ता है। छत्तीसगढ़ के लोग ओडिशा में शादी करते हैं और ओडिशा वाले छत्तीसगढ़ में शादी करते हैं, ओडिशा और छत्तीसगढ़ की दोस्ती बहुत पुरानी है। छत्तीसगढ़ झारखंड ओडिशा के जनजाति समाज की विरासत बहुत गहरी है।
छत्तीसगढ़ के जनजाति समाज के लोग अपनी संस्कृति और परंपरा को बनाए रखे हुए हैं इसके लिए मैं उन्हें धन्यवाद देती हूं। क्योंकि अपनी संस्कृति को जीवित रखना बहुत जरूरी है। मैं भी जनजाति समाज की बेटी हूं, जनजाति परिवार में जन्म लेने पर मुझे बहुत गर्व है। जनजाति समाज की परंपरा को मैं पहले भी जीती थी और अब भी जीती हूं।
आदिवासी संस्कृति और सभ्यता को प्रमोट होने की जरूरत है, क्योंकि यह बेहद खूबसूरत और सुंदर है। ऐसे कार्यक्रमों में मैं जब जाती हूं तो जनजाति परिवार के लोगों से मुलाकात करती हूं। जनजाति महिलाओं से मुलाकात करने पर मुझे अच्छा लगता है। स्थानीय स्तर पर भी जनजाति समाज की संस्कृति और उनके विकास को प्राथमिकता से ध्यान देने की जरूरत है। शिक्षा, स्वास्थ्य, जल, जंगल, जमीन के साथ आदिवासी संस्कृति को मजबूत करने के लिए काम करने की जरूरत है।

बस्तर में नक्सलवाद की कमर टूट रही-साय
जनजातीय गौरव दिवस के अवसर पर अंबिकापुर में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि आज छत्तीसगढ़ के लिए बड़ा सौभाग्य का दिन है कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू जी ने हमारे निमंत्रण को स्वीकार किया और जनजाति गौरव समाज के इस कार्यक्रम में शामिल हुईं हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य को 25 साल पूरे हो गए हैं और छत्तीसगढ़ राज्य निर्माण करने वाले पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को हम याद करते हैं। रायपुर में जनजातीय संग्रहालय का निर्माण किया गया है और छत्तीसगढ़ में जनजाति समाज का बहुत बड़ा इतिहास रहा है। सरकार जनजाति समाज के विकास के लिए लगातार काम कर रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जनजाति समाज के लोगों का अधिकार तेंदूपत्ता से भी जुड़ा हुआ है और इसी वजह से तेंदूपत्ता का दाम बढ़ाया गया है और तेंदूपत्ता संग्राहकों को चरण पादुका दिया जा रहा है।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि बस्तर में नक्सलवाद की वजह से वहां विकास प्रभावित हो रहा था, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में नक्सलवाद खत्म किया जा रहा है। नक्सलवाद की कमर टूट रही है। बस्तर में भी विकास की रफ्तार पकडऩे वाली है, क्योंकि नक्सलवाद अपनी अंतिम सांस गिन रहा है। बस्तर के अलग-अलग इलाकों में बिजली पानी पहुंचाया जा रहा है। दूरसंचार के साधन स्थापित किए जा रहे हैं।
कार्यक्रम को राज्यपाल रमेन डेका, केंद्रीय राज्यमंत्री दुर्गा दास उईके, आदिम जाति विकास मंत्री रामविचार नेताम ने भी संबोधित किया।
इस दौरान केंद्रीय राज्यमंत्री तोखन साहू, वन मंत्री केदार कश्यप, सरगुजा के प्रभारी मंत्री ओपी चौधरी, मंत्री विजय शर्मा, मंत्री राजेश अग्रवाल, सांसद चिंतामणि महाराज, महापौर मंजूषा भगत, विधायक सामरी उद्धेश्वरी पैकरा, प्रदेश महामंत्री जनजाति गौरव समाज रामलखन सिंह पैकरा सहित समाज के हजारों लोग मौजूद थे।


