सरगुजा
उगते सूर्य को अघ्र्य देकर 36 घंटे के निर्जला व्रत का होगा पारण
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
अंबिकापुर, 27 अक्टूबर। सूर्य उपासना का महापर्व छठ पर्व अंबिकापुर में बड़े ही उत्साह एवं धूमधाम से मनाया जा रहा है। सोमवार को अम्बिकापुर नगर के शंकर घाट स्थित बांक नदी तट पर, मरीन ड्राइव, संत हरकेवल तालाब, पैलेस घाट, घुनघुट्टा नदी में उदयपुर ढाब के उत्तर वाहिनी घुनघुट्टा नदी के तट सहित शहर के विभिन्न घाटों पर हजारों की संख्या में छठ व्रती महिलाओं ने अस्ताचलगामी भगवान भास्कर को अघ्र्य अर्पित कर परिवार की सुख-समृद्धि की मंगल कामना की।
शंकर घाट में श्रद्धालुओं का जनसैलाब उमड़ा पड़ा, इसके साथ ही शहर के पैलेस घाट, जेल तालाब सहित अन्य तालाबों में लोगों का सैलाब उमड़ा पड़ा। मंगलवार की सुबह उगते सूर्य को अघ्र्य देकर छठ व्रतियां पारण करेंगी।
शहर के साथ जिले में आस्था के साथ छठ का महापर्व मनाया जा रहा है। पूरे शहर का वातावरण छठमय हो गया है। सोमवार को हजारों की संख्या में श्रद्धालु अघ्र्य देने के लिए दोपहर 2 बजे के बाद घाट पर पहुंचने लगे। छठव्रतियों ने घाटों पर अस्ताचलगामी सूर्य को अघ्र्य देकर परिवार की सुख-समृद्धि की कामना की।
अंबिकापुर में छठ व्रत करने वालों की संख्या प्रतिवर्ष बढ़ती जा रही है। छठ व्रतियों की लगातार बढ़ रही संख्या को देखते हुए लगभग हर मोहल्लों में छठ घाट बनाए गए हैं। शहर के प्रमुख शंकर घाट स्थित छठ घाट पर प्रतिवर्ष काफी संख्या में श्रद्धालु भगवान भास्कर को अघ्र्य देने पहुंचते हैं। यहां महामाया छठ पूजा सेवा समिति द्वारा पूरी तैयारी की गई थी। समिति द्वारा व्रतियों की सुविधा को देखते हुए टेंट पंडाल सहित अन्य सुविधाएं प्रदान की गई थी। इसी तरह शहर से लगे घुनघुट्टा नदी तट पर श्याम घुनघुट्टा छठ सेवा समिति, द्वारा व्यापक तैयारी की गई थी।
यहां शहर के अलावा आसपास के ग्रामीण क्षेत्र से भी काफी संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं। व्रतियों को यहां स्नान करने के लिए शुद्ध जल व पर्याप्त जगह काफी पसंद आई। इसी तरह शहर के शंकरघाट के अलावा, मैरीन ड्राइव तालाब, जेल तालाब, खैरबार नहरपारा, गोधनपुर तालाब, खर्रा स्थित घाटों को आकर्षक ढंग से सजाया गया था।
नंगे पैर, सिर पर दउरा और छठी मैया के गूंजते रहे गीत
अघ्र्य के लिए दोपहर करीब तीन बजे से ही सडक़ों एवं गलियों में व्रतियों की भीड़ दिखने लगी। महिलाएं छठी मइया का गीत गाते व पुरुष सिर पर सूपा व दउरा रख नंगे पैर घाट की ओर रवाना हुए। जैसे-जैसे शाम होती गई, व्रतियों की भीड़ बढ़ती गई। व्रतियों की सुविधा के लिए सडक़ों से लेकर घाटों तक विशेष व्यवस्था की गई थी।
व्रतियों को परेशानियों से बचाने के लिए सडक़ों की साफ-सफाई हुई थी। छठ घाटों में आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा। श्रद्धालुओं ने डूबते भगवान सूर्यदेव को अघ्र्य दिया।
दंडवत प्रणाम करते
पहुंचे छठ घाट
छठ व्रत अटूट आस्था का पर्व है। मान्यता है कि छठ व्रत करने पर उनकी सारी मन्नतें पूर्ण होती है, ऐसे में कई श्रद्धालु अपने घर से ही दंडवत प्रणाम करते हुए छठ घाटों तक पहुंचे।
सुबह उगते सूर्य को देंगी अघ्र्य
मंगलवार की सुबह उगते सूर्य को अघ्र्य देकर व 36 घंटे के कठिन उपवास का भी समापन होगा। शाम को अघ्र्य देने के बाद कई छठ व्रतियां परिवार संग पूरी रात घाट पर ही रुकी, जबकि कई लोग अपने- अपने घर वापस चले गए थे।
शंकर घाट छठ सेवा समिति के अध्यक्ष विजय सोनी, घुनघुट्टा सेवा समिति के संरक्षक राकेश गुप्ता एवं श्री रामघाट छठ पूजा सेवा समिति के संरक्षक दिनेश मिश्र ,संरक्षक विश्व विजय सिंह तोमर ने बताया कि छठ घाटों में आकर्षक साज-सज्जा के साथ और सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम के बीच हजारों छठ व्रतियों ने भगवान भास्कर को अघ्र्य दिया एवं अपने परिवार की खुशहाली के लिए आशीर्वाद मांगा।
20 वर्षों बाद संत हरकेवल तालाब में 90 छठ व्रतियों ने की पूजा
अंबिकापुर नगर के नमना कला स्थित संत हरकेवल तालाब जो कचरे के ढेर से पटा हुआ था, वार्ड के पार्षद मनोज गुप्ता के अथक प्रयास से गत 20 दिनों से नगर निगम की टीम एवं श्रम दान के माध्यम से काफी आकर्षक छठ घाट तैयार करवाया गया। तालाब में 11 सावर लगाए है। इसके अलावा घाट में 110 केला के खंभे, 3डी वाल पेंटिग और लाइटिंग से घाट को काफी खूबसूरत और आकर्षक रूप से सजाया गया।
पार्षद मनोज गुप्ता ने बताया कि घाट कों सजाने- सवारने में सीए एच एस जायसवाल, रामनिवास केडिया, नगर निगम आयुक्त डीएन कश्यप का काफी सहयोग रहा। 20 वर्षों बाद यहां छठ पूजा हो रहा है और लगभग 90 छठ व्रतियों ने पूजा अर्चना की।










