सरगुजा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
उदयपुर, 7 अक्टूबर। केदमा दशहरे में विशाल नाटक प्रतियोगिता, रावण दहन एवं भव्य आतिशबाजी सदैव आकर्षण का केंद्र बिंदु रही है। तीन हजार की जनसंख्या वाले ग्राम में 30 हजार से अधिक श्रद्धालुओं की उपस्थिति लोक कला एवं सनातन धर्म के प्रति लोगों की आस्था और श्रद्धा का प्रगटीकरण ही है। रायगढ़ कोरबा एवं सरगुजा से आमंत्रित विभिन्न नाटक मंडलियों द्वारा रामायण महाभारत एवं धार्मिक कथाओं के विभिन्न कथानकों का सरगुजा एवं छत्तीसगढ़ी भाषा में लोक मंचन केदमा दशहरे को सरगुजा जिले में अतिरिक्त विशिष्टता प्रदान करता है।
विधायक प्रतिनिधि रवि अग्रवाल, भाजपा जिला महामंत्री विनोद हर्ष के आतिथ्य, दुर्गा पूजा समिति अध्यक्ष सज्जू सिंह की अध्यक्षता में मंचीय कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए विनोद हर्ष ने कहा कि सनातन संस्कृति का लोक कला के माध्यम से सजीव मंचन केदमा दशहरा की गौरवशाली परंपरा को सदैव अलंकृत करते आया है। आदिवासी समाज की व्यापक सहभागिता जातिवाद का गंदा खेल खेलने वालों के मुंह पर करारा तमाचा है। विधायक प्रतिनिधि रवि अग्रवाल ने मंच से घोषणा करते हुए कहा कि अगले वर्ष दशहरा में नाटक मंडलियों के प्रोत्साहन एवं भव्य आतिशबाजी के लिए अतिरिक्त आर्थिक प्रबंधन किया जाएगा।
वरिष्ठ नागरिक अरविंद अग्रवाल ने दशहरा के कार्यक्रम को ऐतिहासिक निरूपित करते हुए कहा कि इस प्रकार के आयोजन हमारी संस्कृति और धार्मिक मान्यताओं को मजबूत करने में प्रमुख भूमिका निभाते हैं।
कार्यक्रम को दुर्गा पूजा समिति के अध्यक्ष सज्जू सिंह,मंडल अध्यक्ष अखंड विधायक जनपद अध्यक्ष,ओम प्रकाश सिंह पूर्व समिति अध्यक्ष, रामलाल सिंह ने भी संबोधित किया।कार्यक्रम का संचालन महेश्वर पैंकरा एवं आभार प्रदर्शन सुनील अग्रवाल ने किया।
अतिथियों द्वारा रावण दहन करने के पश्चात समिति द्वारा भव्य एवं अलौकिक गगनचुंबी आतिशबाजी कर उपस्थित विशाल जन समूह में रोमांच पैदा कर दिया।इस दौरान चल रही नाटक प्रतियोगिता के विभिन्न प्रतिभागी दलों से भेंट कर उन्हें शुभकामनाएं देते हुए उनके द्वारा मंचित दृश्यों का आनन्द लिया।
प्रतियोगिता का प्रथम पुरस्कार 51000 ढेंगुरडीह रायगढ़, द्वितीय पुरस्कार 35000 बूले सरगुजा, तृतीय पुरस्कार 25000 अमलडीहा कोरवा को प्रदान किया गया। आमंत्रित अतिथियों को समिति द्वारा स्मृति चिन्ह प्रदान कर सम्मान दिया।


