सरगुजा

हसदेव अरण्य क्षेत्र में पेड़ों की कटाई बंद कर सभी कोयला खनन परियोजनाओं को निरस्त करने की मांग
23-Sep-2025 10:51 PM
हसदेव अरण्य क्षेत्र में पेड़ों की कटाई बंद कर सभी  कोयला खनन परियोजनाओं को निरस्त करने की मांग

हसदेव बचाओ संघर्ष समिति ने अंबिकापुर में किया धरना-प्रदर्शन

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

अंबिकापुर, 23 सितंबर। हसदेव बचाओ संघर्ष समिति अंबिकापुर,सरगुजा के द्वारा मंगलवार को गांधी चौक, अंबिकापुर में एक दिवसीय धरना प्रदर्शन कर हसदेव अरण्य क्षेत्र में की जा रही पेड़ों की कटाई को बंद कर समस्त कोयला खनन परियोजनाओं को निरस्त करने की मांग को लेकर एकदिवसीय धरना प्रदर्शन किया गया। धरना प्रदर्शन उपरांत समिति द्वारा मुख्यमंत्री और राज्यपाल के नाम पर कलेक्टर सरगुजा को ज्ञापन सौंपा गया।

आंदोलनरत भानु प्रताप सिंह, त्रिभुवन सिंह,जी डी सोड़ी,उमेश्वर सिंह आर्मो,आलोक शुक्ला,आनंद प्रकाश ने बताया कि हसदेव अरण्य में राजस्थान राज्य विद्युत निगम लिमिटेड को तीन कोल ब्लॉक परसा ईस्ट केते बासेन,परसा एवं केंते एक्सटेंशन आवंटित है जिन्हें एमडीओ अनुबंध के माध्यम से अदानी समूह को सौंप दिया गया है । इन तीनों कॉल ब्लॉक में खनन के लिए न्यूनतम 12 लाख पेड़ काटे जा रहे हैं। हसदेव क्षेत्र में कई विलुप्तप्राय, संकटपूर्ण श्रेणी की वनस्पति, वन्य जीव और पक्षी पाए जाते हैं। छत्तीसगढ़ की प्रमुख जीवनदायनी नदियाँ हसदेव, रिहंद एवं उनकी सहायक नदियों का यह कैचमेंट क्षेत्र है। कोयला उत्खनन से प्राकृतिक जल स्रोत सूख रहे हैं और नदियाँ प्रदूषित हो रही हैं।जंगल के विनाश से हाथियों का प्राकृतिक रहवास और उनके आने जाने का रास्ता लगातार ख़त्म हो रहा है जिससे हाथी रहवासी इलाकों में आ रहे हैं।

प्राचीनतम नाट्यशाला पर गंभीर खतरा

समिति के सदस्यों ने बताया कि कोयला उत्खनन से पुरातात्विक और धार्मिक महत्व के स्थल रामगढ़ की पहाड़ी एवं प्राचीनतम नाट्यशाला पर खनन और भारी विस्फोट से गंभीर क्षति पहुँच रही है।पहाड़ी के कई हिस्सों में जगह-जगह दरार पड़ गई है।समिति के लोगों ने कहा कि 26  जुलाई 2022 को छत्तीसगढ़ विधानसभा के सदन में सत्ता पक्ष एवं विपक्ष के सभी सदस्यों की उपस्थिति में एक अशासकीय संकल्प हसदेव अरण्य क्षेत्र के सभी कोल ब्लॉक निरस्त किए जाएं,पारित हुआ था।भारतीय वन्य जीव संस्थान ने हसदेव की जैव विविधता अध्ययन रिपोर्ट में चेतावनी दी है कि हसदेव में एक भी कोयला खदान खुलने से छत्तीसगढ़ में मानव हाथी संघर्ष की स्थिति विकराल हो जाएगी।

10 किमी परिधि में खनन पर

पूर्ण प्रतिबंध लगाया जाए

हसदेव बचाओ संघर्ष समिति कि प्रमुख मांग है कि हसदेव अरण्य क्षेत्र को पुन: नो गो क्षेत्र घोषित करते हुए लेमरू हाथी रिजर्व क्षेत्र एवं उसके 10 किलोमीटर परिधि में खनन पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया जाए।

प्राचीन, पुरातात्विक और धार्मिक महत्व के स्थल रामगढ़ की पहाड़ी एवं प्राचीनतम नाट्यशाला पर खनन और भारी विस्फोट से हो रही अपूर्णीय क्षति की निष्पक्ष और वैज्ञानिक जांच की जाए एवं संरक्षण हेतु खनन पर प्रतिबंध सहित समस्त उपाय किए जायें।केंते एक्सटेंशन कोल ब्लॉक की भूमि अधिग्रहण को निरस्त करने छत्तीसगढ़ खनिज साधन विभाग ने 19 जनवरी 2021 को कोयला मंत्रालय को पत्र लिखा था । वन संरक्षक (वन्य प्राणी) प्रोजेक्ट एलीफेंट सरगुजा ने दिनांक 13 / 8 / 2020 को पत्र के माध्यम से वन स्वीकृति पर आपत्ति दर्ज की थी । पर्यावरणीय स्वीकृति हेतु आयोजित होने वाली लोक सुनवाई को भी निरस्त किया गया था, परन्तु शासन ने अपने पूर्व के सभी निर्णयों को बदलकर खनन हेतु स्वीकृतियां जारी कर दी हैं । इन सभी स्वीकृतियों को राज्य सरकार तत्काल वापिस लें। 

परसा कोल ब्लॉक में फर्जी एवं कूटरचित ग्रामसभा प्रस्ताव की अनुसूचित जन जाति आयोग द्वारा की गई जांच रिपोर्ट की अनुशंसाओं पर अमल करते हुए वन स्वीकृति तत्काल निरस्त कर दोषी अधिकारियों पर कार्यवाही की जाए।परसा कोल ब्लॉक प्रभावित ग्रामीणों पर दर्ज समस्त फर्जी आपराधिक मुकद्दमे निरस्त किए जाए। संचालित परसा ईस्ट केते बासेन कोयला खनन परियोजना की कोल बाशरी से साल्ही नाले एवं अटेम नदी में बहाए जा रहे प्रदूषित अपशिष्ट को तत्काल बंद किया जाए एवं पर्यावरणीय नियमों के उल्लंघन पर खनन कंपनी के खिलाफ़ कार्रवाई की जाए। परसा ईस्ट केते बासेन कोयला खनन परियोजना के खनन किए जा चुके क्षेत्र को माइनिंग क्लोजर प्लान अनुसार पुनर्भरण कर पूर्व काटी गईं प्रजातियों के पौधों को लगाकर जमीन वापस की जाए।

18 अक्टूबर 2024 को परसा कोल ब्लॉक में वन विभाग द्वारा करवाई गई अवैध पेड़ो की कटाई के दरम्यान कटा हुआ पेड़ गिरने से दबकर मरने वाले मजदूर कमलेश सिदार को राहत आपदा के तहत नियमानुसार शासकीय मुआवजा राशि प्रदान की जाए।


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