सरगुजा

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
अंबिकापुर, 7 सितंबर। अल्पसंख्यक कांग्रेस छत्तीसगढ़ के महासचिव परवेज आलम गांधी ने हाल ही में राजस्थान, पंजाब, उत्तराखंड समेत कई राज्यों में लगातार हो रही भारी वर्षा और बाढ़ की स्थिति को लेकर गहरी चिंता व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक आपदा के कारण सामान्य जनजीवन पूरी तरह से अस्त-व्यस्त हो गया है, सडक़ों पर जलभराव, घरों के क्षतिग्रस्त होने और जनहानि की घटनाओं ने स्थिति को बेहद गंभीर बना दिया है।
परवेज आलम ने कहा कि अतिवृष्टि का सबसे अधिक दुष्प्रभाव किसानों पर पड़ा है। खेतों में खड़ी फसलें नष्ट हो गई हैं, जिससे किसानों को भारी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है। साथ ही पशुधन की हानि ने ग्रामीण अंचलों की स्थिति और भी दयनीय बना दी है। किसानों पर आई यह दोहरी मार न केवल उनके परिवारों को संकट में डाल रही है, बल्कि आने वाले समय में खाद्यान्न आपूर्ति और ग्रामीण अर्थव्यवस्था पर भी गहरा असर डाल सकती है।
उन्होंने कहा कि जब किसान परेशान होता है तो पूरा देश संकट में आ जाता है, क्योंकि किसान ही अन्नदाता है। ऐसे कठिन समय में किसानों को अकेला नहीं छोड़ा जा सकता। परवेज आलम गांधी ने केंद्र और राज्य सरकारों से आग्रह किया है कि किसानों की पीड़ा को समझते हुए संवेदनशीलता दिखाएं और तुरंत राहत प्रदान करने के लिए ठोस कदम उठाएँ। उन्होंने मांग की है कि प्रभावित किसानों को फसल खराबे का उचित मुआवजा दिया जाए।विशेष राहत पैकेज की घोषणा की जाए।जिन क्षेत्रों में घर और पशुधन का नुकसान हुआ है।
वहां विशेष पुनर्वास और सहायता योजनाएँ लागू की जाएँ।किसानों के कर्ज की स्थिति को देखते हुए उन्हें कजऱ् माफी या पुनर्गठन की सुविधा दी जाए।
परवेज आलम गांधी ने कहा कि अल्पसंख्यक कांग्रेस किसानों के साथ खड़ी है और उनके हितों के लिए आवाज उठाती रहेगी। उन्होंने उम्मीद जताई कि सरकारें तुरंत संज्ञान लेकर पीडि़त परिवारों को न्याय और सहायता प्रदान करेंगी।