सरगुजा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
अंबिकापुर, 21 अगस्त। डिजिटल युग में इंटरनेट और मोबाइल का उपयोग जहां एक ओर जीवन को आसान बना रहा है, वहीं दूसरी ओर साइबर अपराध और ऑनलाइन धोखाधड़ी का खतरा भी तेजी से बढ़ रहा है।
इसी महत्वपूर्ण विषय पर विद्यार्थियों को जागरूक करने के उद्देश्य से माउंट लिट्रा जी विद्यालय में आज एक विशेष संगोष्ठी का सफल आयोजन किया गया।
इस संगोष्ठी में मुख्य अतिथि के रूप में आईपीएस राहुल बंसल सर पधारे। निदेशक केपी दीक्षित, प्रतीक दीक्षित, रिप्रेजेंटेटिव अचिन झा सर ने अपनी उपस्थिति से बच्चों को अनुगृहित किया।
मुख्य अतिथि ने अपने संबोधन में विद्यार्थियों को साइबर फ्रॉड के विभिन्न रूपों — जैसे फिशिंग ईमेल्स, फर्जी कॉल्स, ऑनलाइन शॉपिंग फ्रॉड, बैंकिंग धोखाधड़ी और सोशल मीडिया स्कैम्स के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने कहा कि साइबर अपराधियों की सबसे बड़ी ताकत हमारी लापरवाही है। यदि हम सतर्क और जागरूक रहें तो किसी भी फ्रॉड का शिकार नहीं बन सकते।
आईपीएस राहुल बंसल ने विद्यार्थियों को सुरक्षित इंटरनेट उपयोग के लिए 5 अहम सुझाव भी दिए — जैसे कि अनजान लिंक या ईमेल पर क्लिक न करें, पासवर्ड हमेशा मजबूत और गुप्त रखें,किसी से भी अपने बैंक या ओटीपी संबंधी जानकारी साझा न करें,सोशल मीडिया पर अनजान लोगों से दूरी बनाए रखें व किसी भी धोखाधड़ी की स्थिति में तुरंत पुलिस या साइबर सेल से संपर्क करें।
विद्यालय के निदेशक के पी दीक्षित ने भी विद्यार्थियों को संबोधित किया और कहा कि, डिजिटल माध्यमों का सही और जिम्मेदारीपूर्ण उपयोग करना समय की आवश्यकता है। ऐसे शैक्षणिक कार्यक्रम विद्यार्थियों को न केवल शिक्षित करते हैं, बल्कि जीवन में सतर्क और समझदार नागरिक बनने के लिए प्रेरित भी करते हैं। अचिन झा सर ने भी बच्चों को इंटरनेट का सही उपयोग करने की आवश्यकता के बारे में जानकारी दी।
प्रधानाचार्या वर्षा अग्रवाल ने बच्चों को संबोधित करते हुए उन्हें एक जागरूक नागरिक बनने की सीख दी व टेक्नोनॉजी के सदुपयोग की प्रेरणा दी।
संगोष्ठी में विद्यार्थियों ने उत्साहपूर्वक प्रश्न पूछे और वास्तविक उदाहरणों से साइबर सुरक्षा की बारीकियों को समझा। पूरे कार्यक्रम के दौरान विद्यार्थियों में गहरी रुचि देखने को मिली।
कार्यक्रम के अंत में मुख्य अतिथि द्वारा पूर्व छात्र सृजन सिंह भदौरिया,सिमरन भगत व नैंसी बिंद को उनके पढ़ाई व खेल में अद्भुत प्रदर्शन करने के लिए सम्मानित किया। निर्देशकगण ने मुख्य अतिथि को स्मृति चिन्ह प्रदान किया और उनका आभार व्यक्त किया।


