सूरजपुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
सूरजपुर, 23 दिसंबर। प्रदेश में निरंतर उत्पन्न हो रही सामाजिक अशांति, जनजातीय आस्था पर आघात तथा संगठित रूप से खड़े किए जा रहे सांस्कृतिक टकराव के विरोध में सर्व समाज ने 24 दिसंबर को प्रदेशव्यापी छत्तीसगढ़ बंद का आह्वान किया है।
उन्होंने कहा कि यह बंद पूर्णत: शांतिपूर्ण, लोकतांत्रिक एवं संवैधानिक दायरे में आयोजित किया जाएगा, जिसमें प्रदेश के विभिन्न सामाजिक, जनजातीय एवं नागरिक संगठनों की सक्रिय सहभागिता रहेगी।
सर्व समाज ने प्रेस वार्ता आयोजित कर स्पष्ट किया कि कांकेर जिले के आमाबेड़ा क्षेत्र में हाल ही में घटित घटना कोई एकल या अपवादस्वरूप घटना नहीं है। इस प्रकार की घटनाएं पूर्व में भी छत्तीसगढ़ के जनजातीय, ग्रामीण एवं मैदानी क्षेत्रों में सामने आती रही हैं।
आरोप लगाया कि एक निश्चित पैटर्न के तहत ईसाई मिशनरियों एवं उनसे जुड़े कन्वजऱ्न-प्रेरित समूहों द्वारा सुनियोजित ढंग से ऐसे हालात निर्मित किए जा रहे हैं, जिससे समाज में तनाव, टकराव एवं वैमनस्य फैल रहा है। दुर्भाग्यवश, इन घटनाओं का प्रत्यक्ष दुष्परिणाम सर्व समाज, विशेषकर जनजातीय समुदायों को भुगतना पड़ रहा है।
आमाबेड़ा की घटना ने यह भी उजागर किया है कि पाँचवीं अनुसूची के अंतर्गत अधिसूचित जनजातीय क्षेत्रों में ग्राम सभा की संवैधानिक भूमिका, जनजातीय आस्था एवं परंपराओं की सुरक्षा को गंभीर रूप से नजरअंदाज किया गया।
स्थानीय विरोध के बावजूद जिला पुलिस-प्रशासन की निष्क्रियता, बाहरी संगठनों—विशेषकर भीम आर्मी—की संगठित भूमिका तथा पक्षपातपूर्ण प्रशासनिक कार्रवाइयों ने पुलिस-प्रशासन की निष्पक्षता पर गंभीर प्रश्नचिह्न खड़े किए हैं।
सर्व समाज, छत्तीसगढ़ ने मांग की है कि राज्य में धर्म स्वातंत्र्य विधेयक को शीघ्र, प्रभावी एवं सख्ती के साथ लागू किया जाए, ताकि प्रलोभन, दबाव अथवा षड्यंत्रपूर्वक किए जा रहे धर्मांतरण पर नियंत्रण स्थापित हो सके।
ऐसे मामलों में दोषियों पर कठोर कार्रवाई की जाए।
कांकेर जिले में जनजातीय समाज पर हुए संगठित हमले के लिए भीम आर्मी से जुड़े तत्वों एवं कन्वर्टेड ईसाई समूहों के सभी दोषियों पर कठोरतम धाराओं में तत्काल कार्रवाई की जाए।
जिला पुलिस अधीक्षक कांकेर इंदिरा कल्याण एलेसेला का स्थानांतरण पर्याप्त नहीं है। उनकी संदिग्ध भूमिका को देखते हुए तत्काल निलंबन एवं स्वतंत्र, निष्पक्ष तथा उच्चस्तरीय जांच कराई जाए।
शव दफन प्रक्रिया के दौरान पक्षपातपूर्ण प्रशासनिक रवैया अपनाने तथा हिंदू समाज पर असत्य व दुर्भावनापूर्ण आरोप लगाने वाले एसडीएम ए.एस. पैकरा एवं तहसीलदार सुधीर खलखो को निलंबित कर उनकी भूमिका की निष्पक्ष जांच सुनिश्चित की जाए।
जनजातीय ग्रामीणों के विरुद्ध दर्ज किए गए पक्षपातपूर्ण आपराधिक प्रकरणों को तत्काल निरस्त किया जाए, लगाए गए आरोप वापस लिए जाएं तथा पुलिस बल प्रयोग से पीडि़त ग्रामीणों को उचित मुआवजा प्रदान किया जाए।
व्यापक आंदोलन की चेतावनी
सर्व समाज के पदाधिकारियों ने कहा कि यदि शासन-प्रशासन समय रहते निष्पक्ष एवं ठोस निर्णय लेने में विफल रहता है, तो सर्व समाज को लोकतांत्रिक एवं कानूनी दायरे में अपने आंदोलन को और व्यापक करने के लिए बाध्य होना पड़ेगा, जिसकी संपूर्ण जिम्मेदारी शासन-प्रशासन की होगी।
सूरजपुर में सर्व समाज की आयोजित पत्रकार वार्ता में जनजातीय कार्य संभाग प्रमुख बाबूलाल सिंह मरापो,साहू समाज के जिला संरक्षक रामबिलास साहू,बंगाली समाज जिला प्रमुख बाबूलाल विश्वास, गोड़ समाज से दुर्गा चरण सिंह, धरमराज पावले, चेंबर ऑफ कॉमर्स के रौनक जैन,राम गुलाब सिंह,शंकर अग्रवाल इस दौरान उपस्थित थे।


