सूरजपुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
प्रतापपुर, 22 दिसंबर। प्रतापपुर विकासखंड अंतर्गत आदिम जाति सेवा सहकारी समिति मर्यादित दवनकरा के प्रबंधन के खिलाफ ग्राम पंचायत मटिंगड़ा सहित आसपास के गांवों के किसानों ने शिकायत दर्ज कराई है। किसानों ने अनुविभागीय दण्डाधिकारी (राजस्व) प्रतापपुर के माध्यम से कलेक्टर सूरजपुर के नाम ज्ञापन सौंपा है।
किसानों का कहना है कि वे समिति से केवल खाद लेते हैं, जिसकी राशि धान विक्रय के समय समायोजित कर ली जाती है। उनका आरोप है कि इसके बावजूद समिति द्वारा उन्हें पूर्व कर्जदार बताकर राशि की मांग की जा रही है। किसानों ने दावा किया कि रिकॉर्ड में कर्ज दर्शाकर उनसे वसूली की जा रही है।
शिकायतकर्ताओं के अनुसार, इस मामले में समिति के प्रबंधक संतोष नाविक की भूमिका को लेकर सवाल उठाए गए हैं। किसानों का कहना है कि उनके खिलाफ पहले भी शिकायतें की गई थीं। उनका दावा है कि इस संबंध में पूर्व में एसडीएम और कलेक्टर कार्यालय में आवेदन दिए गए तथा थाना स्तर पर एफआईआर भी दर्ज कराई गई, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई।
ग्रामीणों ने यह भी दावा किया कि संतोष नाविक को पूर्व में चार से पांच बार निलंबित या बर्खास्त किया गया था, लेकिन बाद में उन्हें पुन: पदस्थ किया गया। किसानों का कहना है कि सहकारी विभाग में की गई कार्रवाइयों का प्रभाव जमीनी स्तर पर दिखाई नहीं देता।
किसानों ने यह भी बताया कि पूर्व में मुख्यमंत्री जनदर्शन कार्यक्रम में संतोष नाविक के खिलाफ 119 क्विंटल फर्जी धान विक्रय की शिकायत की गई थी। ग्रामीणों के अनुसार, जिला स्तरीय जांच में शिकायत सही पाई गई थी और प्रकरण कार्रवाई के लिए सरगुजा आयुक्त को भेजा गया था, लेकिन उस मामले में भी अब तक अंतिम निर्णय नहीं हो सका है।
किसानों ने प्रशासन को अवगत कराया है कि यदि छह दिवस के भीतर मामले की जांच कर कार्रवाई नहीं की गई, तो वे समिति और धान खरीदी केंद्र के पास एक दिवसीय धरना देंगे। इसके साथ ही भैसामुंडा-बनारस मार्ग पर चक्का जाम करने की भी चेतावनी दी गई है। किसानों ने कहा कि आंदोलन की जिम्मेदारी प्रशासन की होगी।
इस संबंध में सहकारी समिति प्रबंधन या संबंधित अधिकारियों की प्रतिक्रिया प्राप्त नहीं हो सकी है।


