सूरजपुर
प्रतापपुर, 10 नवंबर। शिव शिष्य हरीन्द्रानन्द फाउंडेशन के तत्वावधान में शासकीय महाविद्यालय खेल मैदान, प्रतापपुर में विराट शिव गुरु महोत्सव का भव्य आयोजन संपन्न हुआ।
कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में पधारी दीदी बरखा आनंद ने कहा कि शिव केवल नाम के नहीं, बल्कि काम के गुरु हैं। शिव के औढरदानी स्वरूप से धन, धान्य, संतान और संपदा प्राप्त करने की परंपरा तो सर्वविदित है, परंतु अब समय है कि उनके गुरु स्वरूप से भी हम ज्ञान प्राप्त करें। ज्ञान के बिना कोई भी संपत्ति या वैभव व्यर्थ है।उन्होंने कहा कि भगवान शिव जगतगुरु हैं और हर धर्म, जाति, संप्रदाय या लिंग के व्यक्ति उन्हें अपना गुरु बना सकता है।
दीदी बरखा आनंद ने यह भी बताया कि साहब श्री हरीन्द्रानन्द जी ने सन् 1974 में भगवान शिव को अपना गुरु माना था, और 1980 के दशक तक यह शिव शिष्यता आंदोलन पूरे भारतवर्ष में फैल गया। उन्होंने और दीदी नीलम आनंद जी ने हर मानव को जाति, धर्म, संप्रदाय और भेदभाव से परे होकर शिव के गुरु स्वरूप से जुडऩे का आह्वान किया।
वहीं भैया अर्चित आनंद ने कहा कि यह विचार केवल धार्मिक नहीं, बल्कि गहन आध्यात्मिक है। यह किसी संप्रदाय की सीमाओं में बंधा नहीं, बल्कि आत्मा और परमात्मा के शाश्वत संबंध की अनुभूति कराता है। उन्होंने कहा कि शिव का शिष्य होना ही मानवता की सर्वोच्च साधना है। महोत्सव में क्षेत्र के समीपवर्ती गाँवों और नगरों से हजारों की संख्या में शिव शिष्य परिवार के गुरु भाई-बहन उपस्थित हुए।
कार्यक्रम के दौरान विशेष रूप से मुख्यमंत्री की पत्नी कौशल्या देवी साय, वन विकास निगम अध्यक्ष एवं कैबिनेट दर्जा प्राप्त रामसेवक पैकरा, विधायक शकुंतला सिंह पोर्ते, जिला पंचायत अध्यक्ष चन्द्रमणि देवपाल पैकरा, जिला सदस्य लवकेश पैकरा, मंडल अध्यक्ष मुकेश अग्रवाल, नगर पंचायत अध्यक्ष मानती सिंह, उपाध्यक्ष अजित शरण सिंह सहित अनेक जनप्रतिनिधि, सामाजिक कार्यकर्ता एवं वरिष्ठ नागरिक बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।
समापन सत्र में शिव शिष्य हरीन्द्रानन्द फाउंडेशन और जिला आयोजन समिति सूरजपुर ने सभी आगंतुकों, अतिथियों, स्थानीय प्रशासन, मीडिया प्रतिनिधियों और उपस्थित गुरु भाई-बहनों का हृदय से आभार व्यक्त किया।


