राजपथ - जनपथ

छत्तीसगढ़ की धडक़न और हलचल पर दैनिक कॉलम : राजपथ-जनपथ : दूबर बर दू असाढ़....
25-Aug-2021 6:43 PM
 	 छत्तीसगढ़ की धडक़न और हलचल पर दैनिक कॉलम : राजपथ-जनपथ : दूबर बर दू असाढ़....

दूबर बर दू असाढ़....
वैसे तो कई प्रतियोगी परीक्षाएं ऑफलाइन आयोजित की जा चुकी है पर 10वीं-12वीं बोर्ड परीक्षा ऑनलाइन रखी गई थी। अब जब कोरोना संक्रमण कम से कम छत्तीसगढ़ में काफी हद तक नियंत्रण में है, माध्यमिक शिक्षा मंडल 12वीं बोर्ड की पूरक परीक्षाओं को ऑफलाइन आयोजित करने पर विचार कर रहा है। इसके लिए फॉर्म भरे जा रहे हैं। यानि पूरक परीक्षा में वह छूट नहीं मिलेगी जो ऑनलाइन में मिल गई। ऑनलाइन परीक्षा में सुविधा रही कि किताबों को देखकर उत्तरपुस्तिकायें भरी गई और इत्मीनान से जमा करने का वक्त भी मिला। ऑफलाइन परीक्षा तो असल परीक्षा जैसी ही होगी, जिनमें यह छूट नहीं दी जायेगी। इस बार ऑनलाइन परीक्षा के कारण ही नतीजे शानदार आये। ऐसी सुविधाजनक स्थिति में भी बहुत से छात्रों का रिजल्ट पूरक में रहा। अब इन्हें असल परीक्षा की असल तैयारी करनी होगी। बहुत से छात्र सोच रहे होंगे, काश, ऑनलाइन परीक्षा को कुछ अधिक गंभीरता से लेते तो यह नौबत नहीं आती।

एक और राजीव भवन का रास्ता साफ
भाजपा पार्षदों के कड़े विरोध के बीच बिलासपुर नगर निगम की सामान्य सभा में कांग्रेस भवन (राजीव भवन) के लिये जमीन के आवंटन का प्रस्ताव पास हो गया। दरअसल इस जमीन को कांग्रेस को देने का विरोध इस आधार पर था कि यह शहर के बीचों-बीच पुराने बस स्टैंड की खाली जगह है, जो बेशकीमती है। यहां पहले मल्टीलेवल पार्किंग का प्रस्ताव भी था। भाजपा ने सवाल किया कि विकास के दूसरे कामों में इतनी ही तेजी से काम क्यों नहीं होते? बात ठीक भी है। शहर की तमाम परियोजना अंडरग्राउंड सीवरेज, अमृत मिशन, स्मार्ट सडक़, तिफरा ओवरब्रिज आदि अधूरी पड़ी हैं। अधिकांश योजनाएं भाजपा शासन काल की हैं। ये सब चुनावी मुद्दे भी रहे, जिससे कांग्रेस को शहर में बढ़त मिली। पर अब उनके पास जवाब नहीं है। कांग्रेस भवन के लिये जमीन हासिल करना कांग्रेस के लिये प्रतिष्ठा का प्रश्न था। सत्ता में होने का इतना लाभ ले लेना तो बनता है। पर अगले चुनाव में हिसाब तो शहर के विकास का ही लिया जायेगा।

यूरोप की सबसे ऊंची चोटी पर तिरंगा
छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मंडल के सहायक अभियंता चित्रसेन साहू ने अपने कृत्रिम पैरों के सहारे अविश्वसनीय उपलब्धि हासिल की।
रूस के माउन्ट एलब्रुस पर्वत की 18 हजार 510 मीटर ऊंची चोटी उन्होंने अपने कृत्रिम पैरों के सहारे फतह की। देश में अब तक कोई इतनी ऊंचाई पर कृत्रिम पैरों के सहारे नहीं पहुंचा है। उनका यह अभियान मास्को के समय के अनुसार सुबह 23 अगस्त को सुबह 10.54 बजे पूरा हुआ। इसे मिशन इंक्लूजन-अपने पैरों पर खड़े हैं- नाम दिया गया था।
अपना अनुभव सोशल मीडिया पर साझा करते हुए चित्रसेन लिखते हैं- पर्वतारोहण के लिये मौसम अच्छा नहीं था। चढ़ाई के  दौरान माइनस 25 डिग्री सेल्सियस तापमान, उस पर 50 से 70 किलोमीटर क रफ्तार में बर्फीला तूफान चल रहा था। पर लाखों की उम्मीद और आशीर्वाद से वे यूरोपीय महाद्वीप की सबसे ऊंची चोटी पर तिरंगा फहरा सके। चित्रसेन बताते हैं कि कि वे 7 में से 3 महाद्वीपों का सफर पूरा कर चुके हैं। अब चौथे की तैयारी कर रहे हैं। चित्रसेन को इस मिशन में नाचा (नार्थ अमेरिका छत्तीसगढ़ एसोसिएशन) के साथ ही छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मंडल, राजेन्द्र किशन लाल फाउन्डेशन, जीवन दीप, एगटेक नेक्स्ट वेल्थ आदि का साथ मिला।  

शौक बड़ी चीज है...
ये लखन लाल हैं, ड्राइवर हैं लोरमी के। अपनी मोटरसाइकिल में 15 आईने लगा के रखते हैं और उसके ऊपर जगमगाती हुई लाइट।  ‘‘कहते हैं शौक बड़ी चीज है, अलग शौक होना चाहिए’’  (तस्वीर और जानकारी अखबारनवीस रितेश मिश्रा की)

सीन 1
सुबह सब्जी मंडी का दृश्य
काका आलू कैसे दिए ।
15 के किलो बाऊजी
सही लगाओ
सही है बाऊजी
बड़ी लूट मचा रखी है 10 के लगाओ।
नही बाऊजी, नही बैठेगा ।
अरे देदो... दो किलो लूंगा
ठीक है बाउजी।

सीन 2
शाम का वक़्त घर का दृश्य:
Hello pizza hut: Yes sir.
Please book order,
one large capsicum paneer pizza
with e&tra cheez and one garlic bread.
Ans: Okay sir.
सीन 3
Knock knock.... Ting tong
कौन है ?
Pizza delivery boy: Pizza, sir.
Ohh coming...
Thanks.... कितना हुआ ?
Ans: 570 Rs. Sir.
ये लो 600 and keep the change;

बहुत मेहनत करते हो.

Ans: Thanks Sir.

सीन 4
कमरे का दृश्य -  TV में समाचार
दो किसानों ने और आत्महत्या की।
(Pizza खाते हुए) - साला, ये govt

किसानों के बारे में बिल्कुल भी नहीं सोच रही...
बड़े शर्म की बात है !

नाटक समाप्त

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