राजपथ - जनपथ
थोड़ा केन्द्र के टैक्स की बात हो जाये....
केन्द्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री अश्वनी चौबे छत्तीसगढ़ के दौरे पर कल थे। पत्रकारों ने उनसे सवाल किया पेट्रोल-डीजल की भारी कीमत पर। चौबे ने कहा-राज्य सरकार टैक्स घटाये तो कम हो जायेंगे दाम। यह सही है कि राज्य सरकार वैट के रूप में काफी रकम वसूल कर रही है। पेट्रोल में यह बेस प्राइज का 25 प्रतिशत और दो रुपये है। डीजल में बेस प्राइज के 25 प्रतिशत के साथ 1 रुपया प्रति लीटर है। राज्य का टैक्स करीब 14-15 रुपये प्रति लीटर बनता है। दूसरी तरफ केन्द्र की बात करें तो सेंट्रल एक्साइज के रूप में करीब 33 रुपये और डीजल पर 29 रुपये है। राज्य और केन्द्र की सेस अलग से लगाई जाती है। फिर भी केन्द्र का टैक्स राज्य के टैक्स के मुकाबले बहुत अधिक है। इस समय करीब दोगुना है। केन्द्रीय मंत्री ने केवल राज्य सरकार से उम्मीद की कि वह टैक्स घटाये पर लोग तो केन्द्र से भी ऐसी पहल की उम्मीद रखते हैं, उन्होंने इस पर कुछ नहीं कहा। वैसे छत्तीसगढ़ का वैट टैक्स पड़ोसी राज्यों मध्यप्रदेश, उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र से कम ही है।
आंगनबाड़ी और मनरेगा का बहिष्कार
गांव वाले अपने बच्चों को पौष्टिक आहार और प्रारंभिक शिक्षा-दीक्षा से महफूज रखने के लिये तैयार हैं लेकिन धर्म परिवर्तन करने वाली आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के पास भेजने के लिये नहीं। इस आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के परिवार के लोग मजदूरी करते हैं। फरमान यह भी है कि उनको मनरेगा में काम करने के लिये नहीं बुलाया जाये। बुलाया गया तो गांव के लोग नहीं जायेंगे। यानि खाली हाथ बैठे रहना भी मंजूर है। यह घटना राजनांदगांव जिले के एक गांव बागद्वार की है। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता ने पहले स्थानीय जनप्रतिनिधियों और पुलिस से शिकायत की, मदद नहीं मिली तो वह राजधानी पहुंची और यहां महिला बाल विकास विभाग की सचिव से फरियाद की। यह जरूर हुआ है कि बहिष्कार करने वालों को चुनौती देने के लिये आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का संगठन भी उनके साथ है। यदि कोई बिना प्रलोभन से, स्वेच्छा से धर्म परिवर्तन करता है तो यह कोई अपराध नहीं है। दूसरी ओर, सामाजिक बहिष्कार इस नाम से या किसी दूसरी वजह से किया जाना जरूर अपराध है। सचिव तक शिकायत हुई है तो कार्रवाई की उम्मीद की जा सकती है।
रोड सेफ्टी मैच में सेफ्टी से खिलवाड़
छत्तीसगढ़ जब देश के कोरोना संक्रमण से प्रभावित छह शीर्ष राज्यों में शामिल हो तब भी कोशिश की जा रही है कि लॉकडाउन न हो और सामान्य गतिविधियों को सावधानी बरतते हुए जारी रखा जा सके। इसीलिये नया रायपुर में चल रहे रोड सेफ्टी मैच के दौरान दर्शकों के लिये मास्क पहनना जरूरी किया गया है। पर लोगों की आदत छूट सी गई थी। गेट पर चेकिंग के दौरान तो लोगों ने मास्क लगाया पर भीतर घुसते ही लापरवाही बरती। किसी ने उम्मीद नही की थी कि मैच चलने के दौरान उन पर जुर्माना ठोक दिया जायेगा। चेकिंग शुरू होते ही कई ने जेब से निकालकर मास्क पहन लिये तो कई ने मन मसोसकर चालान जमा किया। अब आगे होने वाले मैच में जो दर्शक जा रहे हैं, उन्हें इसका ख्याल रखना होगा।