राजपथ - जनपथ

छत्तीसगढ़ की धड़कन और हलचल पर दैनिक कॉलम : राजपथ-जनपथ : पंडे होते तो ऐसी नौबत आती क्या?
15-Jan-2021 4:30 PM
छत्तीसगढ़ की धड़कन और हलचल पर दैनिक कॉलम : राजपथ-जनपथ : पंडे होते तो ऐसी नौबत आती क्या?

पंडे होते तो ऐसी नौबत आती क्या?

भाजपा शासनकाल में शराब दुकानों की नीलामी बंद कर सरकारी शराब दुकानें खोल दी गई। आबकारी विभाग को जो कमाई ठेकेदारों के रास्ते से मिला करती थी अब उन्हें खुद खोजना पड़ रहा है। इसीलिये धीरे-धीरे सभी अंग्रेजी शराब दुकानों के सामने चखना दुकानें पहले की तरह खुल गई हैं। पर इनमें तो छोटा हिसाब-किताब होता है। कोचिये भी इन्हें संभालने पड़ रहे हैं। थोड़े अधिक दाम पर कई ठेलों और झोपडिय़ों में यह उपलब्ध हो जाता है। अवैध शराब को खरीदो और निकलो, वरना पुलिस को भी हिस्सा देना पड़ेगा।

एक समस्या और आ गई है। शराब बिक्री की रकम आबकारी अफसरों के पास रोजाना जमा हो जाना है। दुकानों में एडहॉक पर लाये गये सुपरवाइजर और सैल्समैन के हाथों में लाखों रुपयों का हिसाब होता है, जबकि इनकी तनख्वाह मामूली होती है। इसीलिये अब तक अनेक मामले आ चुके हैं, जिनमें वे बड़ी रकम लेकर फरार हो जाते हैं। रायपुर के राजेन्द्र नगर इलाके की शराब दुकान का सुपरवाइजर भी लापता है। उसके पास करीब 20 लाख रुपये हैं। सुपरवाइजर नहीं मिला तो अधिकारी ने वहां के दो सैल्समैन की ही धुनाई कर दी। इन अस्थायी कर्मचारियों ने हिम्मत जुटाकर अफसर के खिलाफ पुलिस में शिकायत कर दी। अपनी नौकरी को ही दांव पर लगा दिया। मामला बिगड़ते देख अफसर ने दोनों को समझाया और शिकायत वापस कराई। पर, गायब सुपरवाइजर कहां है, इसकी खबर अब भी नहीं है। आबकारी और सीएसएमसीएल  वालों को शराब बिक्री के लिये ढेर सारे इंतजाम करके दिये गये हैं पर पंडे नहीं दिये गये। अफसरों को खुद ही निपटना पड़ रहा है। अब इनकी व्यवस्था भी हो जाये तो शराब बिक्री की रकम डूबने से बच सकती है।

बर्ड फ्लू, एके नम्बर सब्बो बर...

पड़ोसी राज्यों में बर्ड फ्लू के मामले आने के बावजूद छत्तीसगढ़ की अब तक निगेटिव रिपोर्ट आने के चलते लोग राहत की सांस ले रहे थे लेकिन बालोद में अब इसकी पुष्टि हो गई है। यहां करीब 200 मुर्गियां एक साथ मरी पाई गईं, जिनमें से 10 का सैम्पल जांच के लिये भेजा गया, पांच में एच-5, एन-8 का संक्रमण मिला। गिधाली गांव जहां के एक पोल्ट्री फॉर्म में मुर्गियों की मौत हुई अब वहां के एक किलोमीटर के दायरे के सभी मुर्गियों को मारने का आदेश दिया गया है साथ ही जिले में पोल्ट्री पोडक्ट के आयात, निर्यात पर भी रोक लग गई है। सोशल मीडिया और टीवी अख़बारों का कमाल है कि देश के अनेक से बर्ड फ्लू की चिंताजनक ख़बरें बीते कई दिनों से आ रही थी। दिक्कत है ज्यादातर जागरूक लोगों के पास पशु चिकित्सा या वन विभाग के अधिकारियों के फोन नंबर नहीं हैं। इनसे ज्यादा पाला पड़ता नहीं है, पर डायल 112 की गाडिय़ां जरूर घूमती दिखती हैं। इन वाहनों में लिखा भी होता है, एके नंबर, सब्बो बर। मतलब सभी काम के लिये उपलब्ध। अब लोगों ने पक्षियों की संदिग्ध मौतों को देखकर इसी 112 नंबर पर डायल करना शुरू कर दिया है। अब ये पेट्रोलिंग वाहन वन और पशु चिकित्सा विभाग के अधिकारियों के नंबर जुटा रहे हैं और खबर पहुंचाने की जिम्मेदारी उठा रहे हैं। 

अन्य पोस्ट

Comments

chhattisgarh news

cg news

english newspaper in raipur

hindi newspaper in raipur
hindi news