राजपथ - जनपथ
हवा देना जारी है, और...
पूर्व सीएम रमन सिंह को पनामा पेपर्स पर एक बार फिर सफाई देनी पड़ रही है। कांग्रेस के लोग रमन सिंह-परिवार की संपत्ति की जांच के लिए दबाव बना रहे हैं। वैसे तो ये आरोप कोई नए नहीं हैं। रमन सिंह सीएम थे, तब सबसे पहले सुप्रीम कोर्ट के बड़े वकील प्रशांत भूषण ने पनामा पेपर्स के हवाले से रमन सिंह के पुत्र अभिषेक सिंह का विदेश में खाता होने का आरोप लगाया था। पनामा पेपर्स में अभिषाक सिंह नाम है। खैर, रमन सिंह-अभिषेक इस पर कई बार सफाई भी दे चुके हैं।
रमन सिंह ने तो अपने खिलाफ आरोपों पर एक बार कानूनी कार्रवाई की चेतावनी भी दी थी। बात पुरानी हो गई। उस समय चर्चा थी कि प्रशांत भूषण, रमन सिंह से इसलिए नाराज थे कि उनके सहयोगी जूनियर अधिवक्ताओं के खिलाफ बस्तर में पुलिस ने कार्रवाई कर दी थी। अब प्रशांत भूषण तो खामोश हैं, लेकिन कांग्रेस के लोग थोड़े-थोड़े दिनों में पुराने आरोपों को हवा देते रहते हैं। इससे पूर्व सीएम और भाजपा के लोगों का हलाकान होना स्वाभाविक है।
इससे ज्यादा रमन सिंह के विरोधी एक भाजपा नेता परेशान हैं। उनकी परेशानी की वजह यह है कि जब भी रमन सिंह पर आरोप लगते हैं, मीडिया वाले बाइट लेने उनके घर पहुंच जाते हैं। पार्टी के भीतर के समीकरण भले ही कुछ हो, लेकिन सार्वजनिक तौर पर बचाव करना ही पड़ता है। मीडियावालों के लिए सहूलियत यह रहती है कि भाजपा नेता का बंगला कांग्रेस भवन से कुछ ही दूरी पर है। ऐसे में प्रतिक्रिया के लिए भाजपा दफ्तर के बजाए नेताजी के घर पहुंचना ज्यादा आसान रहता है।
आवभगत में जुटे रहने वाले
कांग्रेस के निगम-मंडलों की दूसरी सूची में कई नामों का हल्ला है। सुनते हैं कि दूसरी सूची में प्रोटोकाल से जुड़े दूसरी पंक्ति के सभी नेताओं के नाम हैं। इनमें अजय साहू, सन्नी अग्रवाल, शिव सिंह ठाकुर और आरपी सिंह प्रमुख हैं। चर्चा है कि प्रोटोकाल से जुड़े नेताओं को पद देने की सिफारिश प्रदेश प्रभारी पीएल पुनिया ने की थी। और उनकी सिफारिश पर राष्ट्रीय नेताओं की आवभगत में जुटे रहने वाले सभी नेताओं का नाम जोड़ा गया है। अब सूची का बेसब्री से इंतजार किया जा रहा है।
दरबार से जुड़े लोग तैयार नहीं
शदाणी दरबार हॉटस्पाट बन गया है। दरबार और इससे सटी कॉलोनी में डेढ़ सौ से अधिक कोरोना पॉजिटिव मिले हैं। शदाणी दरबार के प्रमुख संत युधिष्ठिरलाल और उनके परिवार के आधा दर्जन सदस्य भी कोरोना की चपेट में आ गए थे। सभी अब स्वस्थ हैं। युधिष्ठिरलाल चाहते हैं कि शदाणी दरबार को फिर से खोलने की अनुमति दे दी जाए। चूंकि यह पूरा इलाका हॉटस्पाट बन चुका है। इसलिए प्रशासन ने यहां बैरिकेड्स लगाकर लोगों की आवाजाही पर रोक लगा दी है।
त्योहार का सीजन है, लिहाजा बैरिकेड्स हटाने के लिए कलेक्टर को आवेदन भेजा गया है। आवेदन लेकर खुद श्रीचंद सुंदरानी गए थे। सुनते हैं कि प्रशासन तो बैरिकेड्स हटाने के लिए तैयार है, लेकिन स्वास्थ्य विभाग इसके पक्ष में नहीं है। सीएमओ ने कह दिया कि वे दरबार और आसपास के लोगों की पूरी जांच कराएंगे। इसके बाद ही विभाग की तरफ से बैरिकेड्स हटाने की अनुमति दी जा सकती है। मगर दरबार से जुड़े लोग इसके लिए तैयार नहीं हैं। कुछ लोगों को शंका है कि एक साथ जांच होने पर कई और पॉजिटिव निकल सकते हैं। इससे प्रशासनिक अफसर उलझन में हैं।