राजपथ - जनपथ

छत्तीसगढ़ की धड़कन और हलचल पर दैनिक कॉलम : राजपथ-जनपथ : डर्टी पिक्चर की जमकर चर्चा
10-Aug-2019
छत्तीसगढ़ की धड़कन और हलचल पर दैनिक कॉलम : राजपथ-जनपथ : डर्टी पिक्चर की जमकर चर्चा

हिंदुस्तानी लोगों की कचरा पैदा करने और उसे साफ-सुथरी जगह पर फैलाने की क्षमता दुनिया में सबसे अधिक है। लोगों के मन में अपनी इस कचरा-संस्कृति के लिए राष्ट्रवाद इतना मजबूत है कि अगर कुछ समय तक गंदगी न फैला सके तो उन्हें लगता है कि वे पाकिस्तानी हो गए हैं। ऐसे में हर कोई साफ जगह को गंदा करने में मुफ्त ओवरटाईम करने के लिए भी तैयार रहते हैं। 

छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के अकेले संग्रहालय के अहाते में साज-सज्जा के लिए कुछ मूर्तियां लगाई गई हैं जिनमें से एक में एक महिला कुछ पढ़ते हुए दिखती है। अब प्रतिमा में बनी यह किताब एक सपाट सतह है, और अगर उस पर गंदगी न हो, तो यह लोगों के स्वाभिमान पर, उनके राष्ट्रवाद पर चोट करने वाली बात हो जाती है। इसलिए लोगों ने उसका इस्तेमाल कचरा लादने के लिए कर रखा है। आसपास कचरा डालने के लिए कई जगहें हैं, लेकिन उसमें कचरा डालने का भला क्या मजा? गंदगी में जीने में हिंदुस्तानियों ने एक महारत हासिल कर रखी है, और यह एक राष्ट्रीय गौरव की बात भी समझी जाती है। 

डर्टी पिक्चर की जमकर चर्चा
छत्तीसगढ़ में डर्टी पिक्चर के विलेन सकपकाए हुए हैं। दरअसल, राज्य में सरकार बदलते ही इसकी जांच तेज होने की अटकलें लगाई जा रही थी, लेकिन इस बीच लोकसभा के चुनाव आ गए और जांच आगे बढ़ नहीं पाई, तो इस गोरखधंधे में शामिल लोगों ने राहत की सांस ली। अब फिर से उनकी सांस फूलने लगी है, क्योंकि सरकार ने अपने एजेंडे के मुताबिक डर्टी पिक्टर के निर्माता निर्देशकों की धरपकड़ और पूछताछ शुरू कर दी है। ऐसे ही एक नामीगिरामी और धन्ना सेठ को पुलिस ने नोटिस जारी किया। हालांकि वे शहर से बाहर होने के कारण पूछताछ के लिए पुलिस के समक्ष हाजिर नहीं हुए। उनके परिवार के लोगों ने भरोसा दिलाया है कि शहर में आते ही वे पुलिस के समक्ष उपस्थित हो जाएंगे। खैर, वे आते हैं या नहीं यह दीगर बात है, लेकिन उनके करीबी सूत्रों का कहना है कि पुलिस का सामना करने से पहले वे जुगाड़ तंत्र में लगे हुए हैं। यह बात भी जगजाहिर है कि उन्हें अपने नाथ और बाबा का सहारा मिलता रहा है। इस बार भी वे अपने नाथ और बाबा को पुकार रहे हैं। अब देखना यह है कि उन्हें कहां से कितना सहारा मिलता है, लेकिन इतना तो तय है कि डर्टी पिक्चर से प्रताडि़त लोग चुटकी ले रहे हैं कि अब तेरा क्या होगा।

लेकिन कुछ और डर्टी पिक्चरें पिछली सरकार के कार्यकाल में जनसंपर्क विभाग के पैसों से बनाने की चर्चा रही और उसका स्टिंग ऑपरेशन भी हवा में तैरता रहा। उस चर्चा के मुताबिक राज्य के दर्जन भर प्रमुख पत्रकारों का भी स्टिंग एक विदेशी सेक्स-पर्यटन केंद्र पर बनने की चर्चा रही, और लोग मजा लेकर उसका भी इंतजार करते रहे। फिलहाल भाजपा के भीतर सरकारी सेक्स-सीडी के स्टिंग को लेकर राजनीति चल रही है, और दिल्ली में बड़े नेताओं के सामने पिछली सरकार का यह कारनामा भाजपा के लोग ही पेश कर रहे हैं। 
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