राजपथ - जनपथ

राजपथ-जनपथ : पंजाब से रिश्ता नहीं?
11-Mar-2025 4:35 PM
 राजपथ-जनपथ : पंजाब से रिश्ता नहीं?

पंजाब से रिश्ता नहीं?

शराब घोटाला केस में ईडी ने सोमवार को पूर्व सीएम भूपेश बघेल के भिलाई-3 स्थित निवास पर दबिश दी, तो किसी को आश्चर्य नहीं हुआ। भूपेश का नाम तो शराब घोटाला केस में उछलता ही रहा है। मगर इस बार ईडी की राडार में भूपेश बघेल नहीं बल्कि उनके बेटे चैतन्य थे। ईडी अफसरों ने घर में प्रवेश करते ही पूर्व सीएम को बता दिया कि वो चैतन्य की जांच के लिए आए हैं।

करीब 11 घंटे तक जांच चली, और फिर बाहर निकलते ही कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने ईडी अफसरों को घेर लिया। किसी तरह पुलिस सुरक्षा के बीच ईडी अफसर वहां से निकल पाए। और प्रदेश कांग्रेस के प्रमुख नेता और विधायक-पूर्व विधायक बघेल निवास के बाहर थे, तो छापे को लेकर कई तरह की चर्चा भी हो रही थी।

पूर्व डिप्टी सीएम टीएस सिंहदेव ने मीडिया से चर्चा में छापे की टाइमिंग पर सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा कि श्री बघेल पंजाब कांग्रेस के प्रभारी हैं, और वहां राजनीतिक अस्थिरता है। पंजाब के आम आदमी पार्टी के 37 विधायक दुबई में हैं, और ऐसी चर्चा है कि पंजाब में कांग्रेस की सरकार बन सकती है। सिंहदेव ने आशंका जताई कि कांग्रेस को रोकने के लिए भूपेश भाई के यहां छापे डाले गए हैं।

पार्टी की पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी, और सचिन पायलट के भी बयान आए, जिसमें उन्होंने मोदी सरकार पर केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग के आरोप लगाए। जांच पड़ताल पूरी होने के बाद पूर्व सीएम भूपेश बघेल के बयान को लेकर काफी उत्सुकता थी। उन्होंने मीडिया से चर्चा में कहा कि तीन दिन पहले पीएम आवास में गड़बड़ी को लेकर डिप्टी सीएम विजय शर्मा के खिलाफ विधानसभा में सवाल उठाए थे। इसके चलते ईडी उनके घर जांच के लिए पहुंच गई।

भूपेश ने याद दिलाया कि पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा ने भी डिप्टी सीएम अरुण साव के विभागों में भ्रष्टाचार के मामले उठाए थे। इसके बाद उनके यहां भी ईडी जांच के लिए पहुंच गई। भूपेश के बयान से एक बात तो साफ है कि पंजाब की कथित राजनीतिक अस्थिरता से छापे का कोई लेना देना नहीं है।

दारू का पैसा आखिर कितना?

पूर्व सीएम भूपेश बघेल के घर पर छापेमारी के बीच बाहर कांग्रेसजनों में आपस में काफी कुछ चर्चा होती रही। ईडी की टीम ने दुर्ग जिले के 12 नेताओं, बिल्डर, और कारोबारियों के यहां भी छापे डाले हैं। इनमें से दो बड़े जमीन के कारोबारी भी हैं। हल्ला है कि दोनों जमीन कारोबारियों ने दो साल में करीब 4 सौ करोड़ की जमीन खरीदी है। इसमें शराब घोटाले का पैसा भी लगा है।

एक हल्ला यह भी रहा कि मार्च के महीने में शराब कारोबार से जुड़े करीब 13 करोड़ रूपए इन्हीं सबके बीच में बंटने के लिए आने वाले थे। इसी को रोकने के लिए छापे डले हैं। इसमें सच्चाई कितनी है यह तो पता नहीं, लेकिन एक बात जरूर है कि ईडी ने 2161 करोड़ का शराब घोटाला होना बताया है। मगर चार साल बाद भी इतने सारे छापों के बाद घोटाले की रकम इसके आसपास भी नहीं पहुंच पाई है। यही वजह है कि मामला अब राजनीतिक रंग ले रहा है।

पत्नियों का होली मिलन 

होली का रंग चढऩे लगा है। 14 मार्च को होली है, लेकिन इससे पहले कई जगहों पर होली मिलन कार्यक्रम चल रहे हैं। इन्हीं में से एक आईपीएस अफसरों की पत्नियों के होली मिलन समारोह की काफी चर्चा है। यह होली मिलन कार्यक्रम राजनांदगांव के बाहरी इलाके के एक होटल में हुआ।

होली मिलन में करीब दो दर्जन आईपीएस अफसरों की पत्नियां थीं। उन्होंने खूब रंग-गुलाल खेले। अच्छे खाने-पीने का इंतजाम था। कुछ अफसरों को अच्छी पोस्टिंग मिली है। उनकी पत्नियां काफी खुश थीं। कुछ को आने वाले फेरबदल में उम्मीद की किरण दिख रही है। कुल मिलाकर यह होली मिलन समारोह सौहार्दपूर्ण माहौल में निपटा।

लागा लेहे..

हमारे छत्तीसगढ़ में ऐसा माना जाता है कि यदि कोई व्यक्ति किसी से उधार या ऋण लेता है और वह उसे नहीं चुकाता तो अगले जन्म में उधार देने वाला किसी भी तरह अपना दिया हुआ उधार वसूल  लेता है।  बचपन में हमें बताया जाता था कि एक पेड़ पर जो दूसरा पेड़ उग आता है,  वह पिछले जन्म के अपने ऋण को इस तरह वसूल रहा है।  छत्तीसगढ़ में इसे ‘लागा लेहे’ कहते हैं। ( लागा यानी उधार या ऋ ण लेहे यानी लिया है)  

खैर, वनस्पति विज्ञान के जानकार कहते हैं कि इस तरह एक पेड़ के उपर दूसरा पेड़ का उग जाना बीज के प्रसार के कारण होता है। जो सही भी है। पक्षी फल खाते हैं और कहीं भी मल त्याग देते हैं। उनके मल में फलों का बीज होता है जो मल के साथ जहां गिरता है वहां  मिट्टी पानी के संपर्क में आकर अंकुरित होकर पौधा और फिर पेड़ बन जाता है। हवा से भी बीजों का फैलाव होता है इसके अलावा फलों के चटखने से भी होता है। खैर, जो भी हो यदि हमारे बड़े बुजूर्ग उधान नहीं लेने और उसे समय पर चुकाने के लिये ऐसी कोई मन-गढंत बातें बताते भी हैं तो क्या बुराई है। 
(तस्वीर- गोकुल सोनी)

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