सांप-पाप के किस्से
नगरीय निकायों, और पंचायतों के नवनिर्वाचित महिला प्रतिनिधियों के पति सक्रिय हो गए हैं। कई जगहों पर वे पत्नी की जगह बैठकों में हिस्सा लेना भी शुरू कर दिया है। ऐसे ही एक-दो जगहों पर तो बैठकों में पार्षद पतियों की फजीहत भी हुई है।
बताते हैं कि रायपुर नगर निगम के सभापति प्रत्याशी का नाम तय करने के लिए पिछले दिनों भाजपा पार्षद दल की बैठक हुई थी। बैठक में चार महिला पार्षद के पति भी थे। इस पर पर्यवेक्षक धरमलाल कौशिक ने नाराजगी जताई, और चारों पार्षद पतियों से बैठक स्थल से बाहर जाने के लिए कहा। पार्षद पतियों के जाने के बाद बैठक शुरू हुई।
कुछ इसी तरह का मामला महासमुंद जिले के बागबाहरा में भी आया है। बागबाहरा नगर पालिका के सभापति के चयन के लिए भाजपा पार्षद दल की बैठक में दो महिला पार्षदों की जगह उनके पति बैठक में पहुंच गए थे। इस पर पर्यवेक्षक ने नाराजगी जताई, और पार्षद पतियों को फटकार लगाई। इसके बाद दोनों महिला पार्षद बैठक में आई, और रायशुमारी की औपचारिकता पूरी की गई।-
भूपेश की महिमा
ईडी के खिलाफ सोमवार को कांग्रेस का प्रदर्शन भीड़ के लिहाज से काफी सफल रहा। प्रदर्शन में नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत, पूर्व सीएम भूपेश बघेल, और पार्टी के तमाम प्रमुख विधायकों ने उपस्थिति दर्ज कराई। इस मौके पर प्रमुख नेताओं ने ईडी की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए, और तीखे वार किए।
पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने तो अपने उद्बोधन के बीच मौका पाकर अपने नए दायित्व का भी बखान किया। भूपेश को पार्टी का राष्ट्रीय महामंत्री बनाया गया है, उन्हें पंजाब का प्रभारी बनाया गया है। भूपेश ने कहा कि वो छत्तीसगढ़ के तीसरे कांग्रेस नेता हैं जिसे पार्टी ने राष्ट्रीय महामंत्री बनाया है। उनसे पहले दिवंगत चंदूलाल चंद्राकर, और मोतीलाल वोरा ही इस पद पर रहे हैं। तीनों ही दुर्ग जिले से ताल्लुक रखते हैं।
भूपेश बघेल यह अहसास कराने में लगे रहे कि पार्टी ने भले ही उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर दायित्व दिया है, लेकिन छत्तीसगढ़ में उनकी सक्रियता कम नहीं होगी। वो यहां अहम रोल अदा करते रहेंगे। मगर वो प्रदेश कांग्रेस का चेहरा रहेंगे या नहीं, यह तो आने वाले समय में पता चलेगा।
मां के साथ पुलिस का भी आशीर्वाद
राजधानी रायपुर में मलबा, रेत, मुरम, या दूसरी भवन निर्माण सामग्री लेकर चलने वाले ऐसे दानवाकार डम्पर पर माँ के आशीर्वाद के साथ-साथ पुलिस का आशीर्वाद भी दिखता है क्योंकि दिनदहाड़े शहर की सडक़ों पर बिना नंबर प्लेट दौड़ते हुए भी रोका-टोका नहीं जाता। यह तस्वीर एनआईटी के सामने जीई रोड पर ली हुई है, यहां पर यह डम्पर एक दिन खराब खड़ा हुआ था, और उस दौरान दर्जनों पुलिस गाडिय़ां सैकड़ों बार इसके बगल से निकली होंंगी। ([email protected])