राजपथ - जनपथ

राजपथ-जनपथ : कांग्रेस का घरेलू हिसाब-किताब
15-Nov-2024 3:50 PM
राजपथ-जनपथ : कांग्रेस का घरेलू हिसाब-किताब

कांग्रेस का घरेलू हिसाब-किताब 

रायपुर दक्षिण के चुनाव नतीजे को लेकर कयास लगाए जा रहे हैं। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने चुनाव संचालन से जुड़े नेताओं के साथ गुरुवार को बैठक की, और संभावनाओं पर चर्चा की। बताते हैं कि निगम के एक प्रमुख पदाधिकारी ने कह दिया कि उनके वार्ड से कांग्रेस प्रत्याशी को बढ़त मिलने की संभावना कम है। उन्होंने तर्क दिया कि उनके वार्ड में लोग वोट डालने नहीं निकले, इससे नुकसान हुआ है। 

दिलचस्प बात यह है कि ये निगम पदाधिकारी प्रदेश में सबसे ज्यादा मतों से वार्ड मेंबर का चुनाव जीते थे। अब जब वो खुद ही बढ़त दिला पाने में असमर्थता जता रहे हैं, तो चुनाव नतीजे का अंदाज लगा पाना मुश्किल नहीं है। निजी चर्चा में पार्टी के कई लोग कह रहे हैं कि आकाश शर्मा के प्रत्याशी बनने से युवाओं का कांग्रेस के प्रति रूझान दिखा है। 

युवा कांग्रेस, और एनएसयूआई के कार्यकर्ता पूरी ताकत से मैदान में डटे रहे। इसके कारण मुकाबला बराबरी का दिख रहा था, लेकिन आखिरी क्षणों में यह बात उभरकर सामने आई है कि कुछ प्रमुख नेताओं ने अपनी जिम्मेदारी सही ढंग से नहीं निभाई, इस वजह से उनके अपने इलाकों में वोटिंग कम हुई है। इससे कांग्रेस प्रत्याशी को नुकसान उठाना पड़ सकता है। एक बात साफ है कि चुनाव नतीजे अनुकूल नहीं आए, तो पार्टी में गदर मचना तय है। देखना है आगे क्या कुछ होता है। 

36गढ़ और महाराष्ट्र दोनों जगह 

रायपुर दक्षिण का चुनाव निपटने के बाद प्रदेश भाजपा, और कांग्रेस के नेता महाराष्ट्र में सक्रिय हो गए हैं। पूर्व सीएम भूपेश बघेल नागपुर में प्रचार कर रहे हैं, तो पूर्व डिप्टी सीएम टीएस सिंहदेव को मराठवाड़ा इलाके की जिम्मेदारी दी गई है। सिंहदेव ने महाराष्ट्र के चुनाव घोषणा पत्र तैयार करने में भी भूमिका निभाई है। 

दूसरी तरफ, भाजपा के क्षेत्रीय महामंत्री (संगठन) अजय जामवाल पुणे के 18 विधानसभा क्षेत्रों में पार्टी प्रत्याशियों को बढ़त दिलाने के लिए रणनीति बनाने में जुटे हुए हैं। जामवाल पखवाड़े भर से महाराष्ट्र में हैं। प्रदेश भाजपा के प्रवक्ता नलिनेश ठोकने को भी तुलजापुर विधानसभा में प्रचार की जिम्मेदारी दी गई है।

सांसद बृजमोहन अग्रवाल भी विदर्भ में चुनाव प्रचार के लिए जाने वाले हैं। यही नहीं, उल्हासनगर के भाजपा नेताओं ने छत्तीसगढ़ के सिंधी नेताओं को प्रचार के लिए बुलाया भी है। उल्हासनगर सिंधी बाहुल्य विधानसभा है। छत्तीसगढ़ भाजपा संगठन ने जिला उपाध्यक्ष ललित जैसिंघ को वहां प्रचार के लिए भेजा है। इससे परे सरकार के आधा दर्जन मंत्री झारखंड चुनाव में पहले से ही सक्रिय हैं। कुल मिलाकर झारखंड, और महाराष्ट्र चुनाव में दोनों ही प्रमुख दल कांग्रेस और भाजपा छत्तीसगढ़ के नेताओं का पूरा उपयोग कर रही है। 

रेलवे का गैर-जिम्मेदाराना रवैया

रेलवे की ओर से यात्रियों को 120 दिन पहले टिकट बुकिंग की सुविधा दी जाती है, जिससे लोग अपने यात्रा कार्यक्रम को अच्छी तरह से व्यवस्थित कर सकें। विशेषकर दूर की यात्राओं और त्योहारों के दौरान, पहले से टिकट बुक करना यात्रियों के लिए एक जरूरी बात है। मगर, विडंबना यह है कि रेलवे प्रशासन ट्रेनों को को अचानक रद्द कर यात्रियों के सपनों और ज़रूरतों पर अनदेखी की मुहर लगा देता है।

नौरोजाबाद स्टेशन में तैयार की गई तीसरी लाइन को जोडऩे के लिए एक साथ 24 ट्रेनों को रद्द करने की सूचना 14 नवंबर को दी गई। रेलवे ने इस कार्यक्रम को दो चार दिन में तो बनाया नहीं होगा? काफी पहले से तय होगा कि कब कौन सा काम करना है। मगर यात्रियों को महज एक हफ्ते या कभी-कभी दो चार दिनों की नोटिस पर सूचित किया जाता है कि उनकी ट्रेन रद्द कर दी गई है। टिकट बुक करा चुके यात्रियों का पैसा तो रेलवे 60 रुपये (एसी में ज्यादा) प्रोसेसिंग फीस काटकर लौटा देती है पर बूढ़े, बुजुर्ग, महिलाओं को मानसिक रूप से भयंकर कठिनाई का सामना करना पड़ता है। कई बार यात्रियों को किसी आवश्यक कार्य, जैसे कि स्वास्थ्य संबंधित आवश्यकताएं, नौकरी के साक्षात्कार, या पारिवारिक कार्यक्रमों में शामिल होने के लिए यात्रा करनी होती है। ऐसे में, अचानक ट्रेन रद्द होने से उनके सामने एक बड़ी समस्या खड़ी हो जाती है।

रेलवे की इस मनमानी से यात्रियों में नाराजगी बढ़ रही है। हर बार इसे अधोसंरचना विकास का नाम दिया जाता है। रेलवे  को चाहिए कि वह अपने निर्णयों में पारदर्शिता लाए और अचानक रद्द करने की बजाय यात्रियों को टिकट बुक कराने के दौरान ही आगाह कर दे। कोई सांसद इस बात को संसद में उठाएगा?

(rajpathjanpath@gmail.com)


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