राजपथ - जनपथ
इतनी सद्भावना कि क्या कहें, शब्द नहीं हैं...
आज के माहौल में इतनी सद्भावना देखकर दिल भर आया। रायपुर की चौबे कॉलोनी में कृष्ण भक्तों की तरफ से हुए भंडारे में ‘अब्बा हुज़ूर’ ब्रांड के चावल की बोरियों रखी हैं। मिलकर चलेंगे, तो आगे बढ़ेंगे।
रायपुर दक्षिण का हाल
रायपुर दक्षिण में मतदान के पहले तक कांग्रेस, और भाजपा के दिग्गज नेता अपने-अपने दलों के नेताओं से चर्चा कर बूथ प्रबंधन पर जोर देते रहे। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज कांग्रेस भवन में डटे रहे, तो प्रभारी सचिन पायलट फोन पर कुछ पार्षदों के सीधे संपर्क में रहे। भाजपा के चुनाव प्रचार की कमान सांसद बृजमोहन अग्रवाल संभाल रहे थे।
बृजमोहन ने प्रभारी शिवरतन शर्मा के साथ मिलकर बूथ स्तर तक प्रचार से लेकर वोटिंग तक की रणनीति बनाई। उनके साथ चुनाव प्रभारी स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल डटे रहे। जायसवाल चुनाव प्रचार को लेकर फीडबैक से पार्टी संगठन को अवगत कराते रहे।
वित्त मंत्री ओपी चौधरी को छोडक़र सरकार के बाकी सभी मंत्रियों ने प्रचार किया है। चौधरी को लेकर यह बताया गया कि वो दीवाली के बाद से झारखंड में डटे हुए हैं। ओपी चौधरी झारखंड के हजारीबाग लोकसभा की विधानसभा सीटों में चुनाव की कमान संभाल रहे हैं। यही वजह है कि वो यहां प्रचार करने नहीं आए। वैसे तो 28 और प्रत्याशी चुनाव मैदान में थे। मगर इनमें से कोई भी प्रचार करते नहीं दिखे।
न आने की चर्चा
रायपुर दक्षिण विधानसभा उपचुनाव में प्रदेश भाजपा प्रभारी नितिन नबीन की गैरमौजूदगी की काफी चर्चा रही। नितिन नबीन प्रदेश भाजपा की चुनाव समिति की बैठक लेने आए थे, लेकिन प्रत्याशी घोषित होने के बाद से रायपुर नहीं आए। जबकि कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी सचिन पायलट ने दो सभाएं ली थी।
हल्ला तो यह भी है कि नितिन नबीन, प्रत्याशी चयन से नाखुश रहे हैं। उन्होंने नए चेहरे को प्रत्याशी बनाने का सुझाव दिया था। मगर पार्टी ने उनकी बात नहीं मानी। हालांकि पार्टी नेताओं का कहना है कि नितिन नबीन को हाईकमान ने झारखंड चुनाव में अहम जिम्मेदारी दी है। वो वहां सक्रिय हैं। और झारखंड चुनाव में व्यस्तता की वजह से सुनील सोनी के प्रचार के लिए नहीं आ सके। चाहे कुछ भी हो, नितिन नबीन की गैरमौजूदगी की चुनावी परिदृश्य से गायब रहने की काफी चर्चा हो रही है।
बटालियन और कंस्ट्रक्शन
राज्य पुलिस के एक बटालियन में दो पुलिस अफसरों के बीच विवाद की खूब चर्चा हो रही है। सुनते हैं कि बटालियन में कंस्ट्रक्शन का काम होना है। इसके टेंडर आदि में कमांडेंट विशेष रुचि ले रहे हैं। बड़ा काम है, इसलिए कमांडेंट का रूचि लेना गलत नहीं है। मगर इस प्रक्रिया से राज्य पुलिस सेवा की महिला अफसर जुड़ी हुई हैं, जिन्होंने बारीक नुक्स निकाल दिया है। इसके बाद से कमांडेंट नाराज चल रहे हैं।
चर्चा तो यह भी है कि कमांडेंट और महिला अफसर के बीच एक सीनियर अफसर के कमरे में विवाद भी हुआ। सीनियर अफसर को हस्तक्षेप कर मामला शांत करना पड़ा। हल्ला है कि कमांडेट ने महिला अफसर का सीआर भी खराब कर दिया है। जिसको लेकर महिला अफसर, कानूनी कार्रवाई करने जा रही हैं। यानी पुलिस महकमे का यह विवाद आने वाले दिनों में और बढ़ सकता है। देखना है आगे क्या होता है।