सारंगढ़-बिलाईगढ़
छत्तीसगढ़ी संस्कृति का प्रतीक है हरेली त्यौहार-रतन शर्मा
24-Jul-2025 8:27 PM

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सारंगढ़ बरमकेला, 24 जुलाई। छत्तीसगढ़ के पहले लोक त्यौहार हरेली पर्व पर गुरुवार को कृषि यंत्रों और बैलों की पूजा-अर्चना की गई। हरेली पर्व के साथ ही त्यौहारों का दौर शुरू हो गया। समाज सेवी रतन शर्मा ने कहा कि हरेली का अर्थ प्रकृति के चारों तरफ हरियाली से है। छत्तीसगढ़ी संस्कृति का हरेली त्यौहार प्रतीक है। किसान खेत में बोआई कार्य पूर्ण करके त्यौहार को मनाता है । इस दिन सभी किसान अपने खेत में उपयोग होने वाले औजार नागर, रापा हंसिया, कुदारी, गैती, टंगिया, बसला बिन्धना, आरी, पटासी, साबर आदि का विधि विधान से पूजा कर चावल से बने चीला रोटी, नारियल का भोग लगा धरती मां का पूूजा करते हैं। इस दिन सभी घरों में पूड़ी, बड़ा, खुरमी, ठेठरी पकवान बनाये जाते हैं । इस अवसर पर समाज सेवी रतन शर्मा ने सभी छगवासियों को हरेली तिहार की शुभकामना देते हुए बधाई दी है।
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