सारंगढ़-बिलाईगढ़

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
सारंगढ़, 21 जुलाई। सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिले में पुलिस ने बुजुर्ग महिला हत्याकांड का खुलासा किया है। गोद लिए बेटे ने अपनी पत्नी के साथ मिलकर सुपारी देकर बुजुर्ग मां की हत्या कराई। पुलिस ने 4 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है।
पुलिस के अनुसार प्रार्थी ने मौखिक बताकर रिपोर्ट दर्ज कराया कि - मंझलीबाई खुंटे पण्ड्रीपाली 15 जुलाई की रात्रि में खाना खा कर अपने कमरे में दरवाजा को बंद कर सोई थी, जो 16 जुलाई को सुबह लगभग 9 बजे तक कमरे से बाहर नहीं निकली थी। आवाज देने पर नहीं निकली, तब गांव वालों द्वारा दरवाजा को खोलकर देखने पर मौत हो गई थी । सूचक की रिपोर्ट पर थाना सरसीवां में मर्ग कायम कर जांच पंचनामा में लिया गया।
जांच दौरान प्रार्थी, गवाहों का कथन लिया गया। कथन में मंझलीबाई की मृत्यु संदेहास्पद बताने एवं प्राप्त पीएम रिपोर्ट के अवलोकन उपरांत प्रथम दृष्टया अज्ञात आरोपी के विरूद्ध थाना सरसीवां में धारा 103(1), 238 बीएनएस कायम कर विवेचना में लिया गया।
संदेही भजनलाल कठौतिया, नोनीबाई कठौतिया, सावनदास मानिकपुरी एवं राजा कुर्रे सभी निवासी पण्ड्रीपाली थाना सरसीवां को तलब कर पूछताछ करने पर पहले तो घटना के बारे में जानने से इंकार कर रहे थे। पुलिस द्वारा कड़ाई से पूछताछ करने पर आरोपी भजनलाल कठौतिया ने बताया कि - मैं मंझलीबाई से परेशान था, आये दिन मेरे नाम से थाना सरसीवां, एसपी कार्यालय व कलेक्टर में शिकायत करती रहती थी । जिससे मंै एवं मेरा परिवार काफी परेशान हो गये थे। इसलिए मंै और मेरी पत्नी नोनीबाई, मंझली बाई को मारने का प्लान बना कर गांव के राजा कुर्रे को 40 हजार रूपये में सुपारी दिये थे। राजा कुर्रे अपने दोस्त सावनदास मानिकपुरी के साथ 15 जुलाई को रात्रि करीब 8-9 बजे आकर मंझलीबाई को गेरवा रस्सी से गला दबाकर हत्या कर दिया और हम सभी लोग मिलकर राजा कुर्रे का सहयोग किये और घटना को आत्महत्या करार देने के लिए उसके गले में पहनी हुई रेश्मी धागा में बंधी चाबी को हाथ में पहनी चूड़ी से फंसा दिया एवं दरवाजा को अंदर से बंद कर खिडक़ी से भाग गए, ताकि - किसी को शक न हो और सुबह होने पर गांव वाले को मंझलीबाई की मृत्यु हो जाने की खबर दिए।
आरोपियों को 19 जुलाई को गिरफ्तार कर न्यायिक रिमाण्ड पर भेजा गया।