सारंगढ़-बिलाईगढ़

साढ़े 10 हजार स्कूलों को बंद करना शिक्षा और रोजगार विरोधी कदम-कांग्रेस
08-Jun-2025 4:32 PM
साढ़े 10 हजार स्कूलों को बंद करना शिक्षा और रोजगार विरोधी कदम-कांग्रेस

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
सारंगढ़-बिलाईगढ़, 8 जून।
राज्य सरकार द्वारा किए जा रहे शिक्षकों के युक्तियुक्तकरण और स्कूलों के विलय के खिलाफ कांग्रेस ने कड़ा विरोध दर्ज किया है। कांग्रेस ने इसे सुनियोजित षड्यंत्र करार देते हुए कहा कि - यह निर्णय न केवल प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था को कमजोर करेगा, बल्कि हजारों शिक्षकों, कर्मचारियों और ग्रामीण समुदायों को सीधे तौर पर प्रभावित करेगा। पत्रकार वार्ता में मुख्य वक्ता पूर्व विधायक महासमुंद विनोद चंद्राकर थे ।
कांग्रेस नेताओं ने पत्रकार वार्ता में बताया कि - राज्य सरकार द्वारा लागू किए जा रहे इस फैसले से प्रदेश के 10463 स्कूलों को बंद कर दिया गया है और 45000 से अधिक शिक्षकों के पद समाप्त हो जाएंगे। नये सेटअप के नाम पर स्कूलों में न्यूनतम शिक्षक की संख्या को घटा दिया गया है, जिससे बच्चों की पढ़ाई बुरी तरह प्रभावित होगी।
 

शिक्षा व्यवस्था पर पड़ेगा गंभीर प्रभाव
वर्तमान में राज्य के प्राइमरी स्कूलों में शिक्षक-छात्र अनुपात 1:21 है, जिसे बढ़ाकर 1:30 किया जा रहा है। वहीं मिडिल स्कूलों में यह अनुपात 1:26 से बढ़ाकर 1: 35 किया जा रहा है, जिससे शिक्षकों के एक-तिहाई पद समाप्त हो जाएंगे। कांग्रेस ने आरोप लगाया कि यह सब कुछ केवल इसीलिए किया जा रहा है, ताकि सरकार को नई शिक्षकों की भर्ती न करनी पड़े ।
आदिवासी क्षेत्रों को अधिक नुकसान
कांग्रेस नेताओं ने चेताया कि - इस निर्णय का सबसे अधिक असर बस्तर, सरगुजा और जशपुर जैसे आदिवासी बहुल इलाकों पर पड़ेगा, जहां पहले से ही शिक्षा की स्थिति कमजोर है। स्कूलों के बंद होने से बच्चों की पढ़ाई बाधित होगी और ड्रॉपआउट रेट में वृद्धि हो सकती है।
रसोइयों और कर्मचारियों पर संकट
स्कूल बंद होने से न केवल शिक्षक, बल्कि मध्यान्ह भोजन बनाने वाली महिलाएं, रसोइये, चौकीदार, सफाईकर्मी व  हजारों सहायक कर्मचारी भी बेरोजगार हो जाएंगे। स्वसहायता समूहों से जुड़ी महिलाएं, जो मध्यान्ह भोजन योजना के तहत कार्य कर रही थीं, उनके जीवनयापन पर भी संकट आ गया है।
 कांग्रेस ने सरकार की नीतियों पर सवाल उठाते हुए कहा कि विधानसभा में खुद सरकार ने 58000 पद रिक्त होने की बात मानी थी और 35000 पद भरने का आश्वासन दिया था। बजट में भी 20000 शिक्षकों की भर्ती की घोषणा की गई थी। अब यदि 45 हजार पद ही समाप्त कर दिए जाएंगे तो भर्ती कहां से होगी?
कोई परामर्श नहीं, जबरदस्ती निर्णय
कांग्रेस ने भाजपा सरकार को अधिनायकवादी करार देते हुए कहा कि - इतना बड़ा निर्णय बिना किसी शिक्षक संगठन, पालक संघ, शिक्षा विद या छात्र संगठनों से चर्चा किए ही थोप दिया गया है। न तो प्रमोशन की ठोस नीति है, न स्थानांतरण की प्रक्रिया स्पष्ट है, और न ही समयमान वेतनमान का समाधान किया गया है।
 कांग्रेस ने घोषणा की है कि यह शिक्षा और रोजगार विरोधी फैसला किसी भी हाल में स्वीकार नहीं किया जाएगा। पार्टी जिलों और ब्लॉकों में इस अन्यायपूर्ण निर्णय के खिलाफ व्यापक आंदोलन छेड़ेगी। शीघ्र ही आंदोलन की तारीख और स्वरूप की घोषणा की जाएगी।
 इस कार्यक्रम में कांग्रेसी नेता दिनेश यदु संयुक्त सचिव प्रदेश कांग्रेस कमेटी , विधायक उत्तरी गनपत जांगड़े , जिला कांग्रेस अध्यक्ष ताराचंद देवांगन, पूर्व जिला अध्यक्ष अरुण मालाकार , मंजू लता आनंद , लता जाटवर , डीडीसी बिनोद भारद्वाज , सरिता गोपाल पार्षद, नीतीश बंजारे , गोपाल बाघे, अजय बंजारे , राधे जायसवाल, पुरुषोत्तम साहू, शुभम बाजपेई, संजय दुबे ,गोल्डी नायक, राजकमल अग्रवाल के साथ सैकड़ो कांग्रेसी कार्यकर्ता उपस्थित 


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