सारंगढ़-बिलाईगढ़

सारंगढ़ में कांग्रेस के समर्थन से भाजपा की बागी बनी जपं अध्यक्ष
08-Mar-2025 7:58 PM
सारंगढ़ में कांग्रेस के समर्थन से भाजपा की बागी बनी जपं अध्यक्ष

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

सारंगढ़, 8 मार्च। सारंगढ़ जनपद में कब्जे को लेकर आज फिर एक बार सेटिंग की राजनिति ने हाथ मार दिया है। 15 जनपद सदस्य होने के बाद भी भाजपा यहां पर अपने अधिकृत उम्मीदवार रजनी चोखलाल पटेल को अध्यक्ष बनाने में नाकामयाब हुई।

मिली जानकारी के अनुसार ममता राजु ठाकुर ने भाजपा से बगावत कर अध्यक्ष का फार्म दाखिल किया जिसके बाद कांग्रेस अधिकृत प्रत्याशी नेताम ने अपना नाम वापस लिया और उसके बाद कांग्रेस ने ममता राजीव सिंह ठाकुर को अपना समर्थन। इस तरह ममता राजीव सिंह ठाकुर सारंगढ़ जनपद में कांग्रेस के समर्थन से जनपद अध्यक्ष बनने में कामयाब हुई। जनपद पंचायत में बहुमत होने के बाद भी कांग्रेस की रणनिती के सामने भाजपा धाराशायी हो गई। हर बार की तरह इस बार भी सेटिंग की राजनिति में भाजपा को हार का मुंह देखना पड़ा। ममता राजीव सिंह ठाकुर को 25 में से 15 बीडीसी के वोट मिले वहीं भाजपा अधिकृत प्रत्याशी श्रीमती रजनी चोखलाल पटेल को 10 वोट प्राप्त हुए। अधिकृत घोषणा अभी शेष है तो वहीं अभी हेमा विश्वनाथ बसंत और चंद्र कुमार नेताम ने उपाध्यक्ष का फार्म भरा है जिसमेंं कांग्रेस राजकुमारी चंद्रकुमार नेताम को बहुमत मिला।

अध्यक्ष चुनाव के दौरा कांग्रेस और भाजपा कार्यकताओं की बीच जमकर गहमागहमी जारी रही। कांग्रेस कार्यकर्ताओं और भाजपा कार्यकर्ताओं के बीच बहुत ज्यादा धक्कामुक्की देखने को मिली।

भाजपा के भीतरघातियों ने फिर ढहाया किला, ओपी चौधरी के मेहनत पर फेरा पानी

यहां पर यह भी जानना जरूरी है कि भाजपा की बहुमत होने के बाद भी जनपद में भाजपा का अध्यक्ष नही बन पाना कोई नई बात नही है। इसके पहले भी कई बार ऐसा हो चुका है। भाजपा के भीतरघातियों ने पहले भी जनपद में भाजपा को मौका नही दिया है और इस बार भी भाजपा के तथाकथित भीतरघातियों के कारण भाजपा की लुटिया डुब गई। जिलाध्यक्ष ज्योति पटेल के कार्यकाल का यह पहला शक्ति प्रदर्शन वाला चुनाव था जिसमें ज्योतिलाल पटेल की करारी पराजय के रूप में देखा जा रहा है।

पार्टी के अधिकृत प्रत्याशी को हरवाने का सिलसिला कोई नया नही है। लगातार कई वर्षों सक सिलसिला अनवरत जारी है। चाहे विधानसभा हो या फिर जनपद चुनाव हो या फिर विधानसभा चुनाव। सभी चुनावों में पार्टी के अधिकृत प्रत्याशी को हरवाने में कुछ चेहरे लगातार सक्रिय रहते हैं जिसके कारण आज भी जनपद में भाजपा का हार का मुंह देखना पड़ा। सारंगढ़ में सलवा जुडूम की राजनिति से भाजपा ना पहले उबर पायी थी और ना ही आज उबर पायी है। फुल छाप कांग्रेसी कहें या पंजा छाप भाजपाई।


अन्य पोस्ट