सारंगढ़-बिलाईगढ़
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
सारंगढ़, 19 जून। प्रदेश में महिलाओं को सशक्त बनाने सरकार नित नए आयाम स्थापित कर उन्हें नई बुलंदियों को छुने की सांसे भर रही है। वहीं आज समाज में महिलाएं अपने ही घर में घरेलू हिंसा का शिकार होती दिख रही है।
कोसीर मुख्यालय के दहिदा गाँव की एक ऐसा वाक्या सामने आई है जिसमें दो मासूम बेटियों की माँ बेबस है और न्याय के लिए कानून से गुहार लगा रही है।
प्रीति डहरिया मीडिया में अपना पक्ष रखते हुए कहती हैं कि उनका विवाह सारंगढ़ मुख्यालय के चुरेला निवासी एमबीबीएस डॉ. लोकनाथ डहरिया से 2019 में विवाह हुआ था। विवाह के कुछ दिन तक सब ठीक था फिर डॉक्टर और उनके परिवार के लोग दहेज में कुछ नहीं लाई कहकर ताने कसते और प्रताडि़त करते हुए मारपीट करते। मैं गर्भवती थी, तो मेरे साथ मारपीट कर भ्रूण हत्या करने का भी प्रयास किया गया। इस तरह मैं अपने ससुराल में प्रताडि़त होती रही सामाजिक पंचायत भी हुए पर मुझे न्याय नहीं मिल सका। 29 दिसम्बर 2022 को मेरे साथ मारपीट किये जान का खतरा हो गया, जिसकी शिकायत सारंगढ़ थाने में की हूँ। अपने ससुर पर आरोप लगाते हुए कहती हैं कि मेरा ससुर कहता है दो -दो बेटी को जनी हो।
वहीं प्रीति कहती हैं उसके दो साल की बच्ची के साथ निंदनीय कृत्य उसका जेठ का बेटा किया है, जिसका सारंगढ़ में मामले दर्ज हैं। अपने साथ घटे घटनाओं को सारंगढ़ थाने के साथ-साथ जिला कलेक्टर जनदर्शन में और महिला आयोग में शिकायत की हैं। अब कानून से न्याय की गुहार लगा रही हैं।


