सारंगढ़-बिलाईगढ़

सारंगढ़, 1 मार्च। ग्राम सेमरापाली में आयोजित श्रीमद भागवत कथा के पंचम दिवस में वृंदावन से पधारी कथा वाचिका देवी अनिता (रक्षा) ने कथा में प्रभु श्री कृष्ण के बाल लीलाओं का वर्णन किया।
उन्होंने प्रभु की मीठी मीठी लीलाओं के माध्यम से बताया कि किस प्रकार प्रभु इस धरती पर जन्म लेने के बाद भूल जाते हैं कि वो परमात्मा है। अपने मित्रों के साथ खूब बचपन का आनंद लेते है। अपने मित्रों का जूठन खाते है, तो कभी घोड़ी बनकर खुद बैठते है, तो कभी घोड़ी बन कर अपने ऊपर मित्रों को बैठाते है। अपनी मीठी-मीठी लीलाओं को कर करके मैया यशोदा को बहुत आनंद प्रदान करते है। छोटे से कन्हैया राक्षसी पूतना का वध करते है।
जब से भगवान बैकुण्ठ से ब्रज धाम में आये है, तब से बैकुण्ठ से भी सुन्दर ब्रज धाम लगने लगा है। बाल लीला में प्रभु के माखनचोरी लीलाओं का झाकी के माध्यम से बाल लीला का दर्शन कराए। भगवान श्री कृष्ण ने सभी ब्रजवासियों से कहा कि हमें गोवर्धन पर्वत की पूजा करना चाहिए सूर्य नारायण की पूजा करना चाहिए, वो इस धरती के साक्षात नारायण है। आज के इस कथा के अन्त में गोवर्धन पूजा में 56 भोग प्रसाद लगाया गया।