सारंगढ़-बिलाईगढ़

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
सारंगढ़-बिलाईगढ़़, 1 मार्च। कलेक्टर डॉ.फरिहा आलम सिद्दीकी के निर्देशन में व मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.एफआर निराला के मार्गदर्शन में चिरायु योजनान्तर्गत चिन्हित ऑपरेशन से इलाज योग्य बच्चों को प्राथमिकता से लाभ पहुंचाने को जोर दिया गया है। ऐसे ही सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सारंगढ़ अंतर्गत चिरायु टीम (ब) के डॉ.नम्रता, डॉ.प्रभा द्वारा प्राथमिक विद्यालय केडार में स्वास्थ्य परीक्षण के दौरान जन्मजात हृदय रोग (वीएसडी)से ग्रसित बालक बलबीर पिता कला राम को चिन्हित किया गया था। जिसे तत्काल उच्च स्तरीय इलाज हेतु रायपुर रिफर किया गया।
बलबीर अपने माता-पिता व चिरायु के समस्त आवश्यक कागजात के साथ 8 फरवरी को रायपुर स्थित एसएमसी अस्पताल में भर्ती हुए। जहाँ इकोकार्डियोग्राफी जांच के बाद जन्मजात हृदय रोग (वीएसडी)से ग्रसित होने की पुष्टि हुई। चिरायु टीम से बराबर सम्पर्क में रहते हुए और डॉक्टरों द्वारा समस्त प्रकार के जांच के बाद 10 फरवरी को बलबीर का सफलता पूर्वक ऑपरेशन हुआ। चार दिनों तक डॉक्टरों के अपने ऑब्जर्वेशन में रखने के बाद अस्पताल से छुट्टी कर दी गई।
डॉक्टर द्वारा 22 फरवरी को स्टीच ओपन कर फॉलोअप किया गया। चिरायु टीम के डॉक्टरों द्वारा भी घर जाकर समय पर फॉलोअप की प्रक्रिया की जा रही है। बालक बलबीर अभी पहले से स्वस्थ महसूस कर रहा है। कुछ दिनों पहले भी डोमाडीह, केडर निवासी कृष्ण गोपाल का भी जन्मजात हृदय रोग का ऑपरेशन हुआ था। पहले से इनका शारीरिक विकास भी अच्छा हो रहा है। अभी इन बच्चों को देखकर ये नहीं कहा जा सकता कि इन्हें कभी इस प्रकार की समस्या रही होगी। चिरायु कार्यक्रम में प्रमुख रूप से खण्ड चिकित्सा अधिकारी डॉ.आरएल सिदार, जिला कार्यक्रम प्रबंधक एनएल इजारदार, डॉ.पीडी खरे जिला नोडल अधिकारी (चिरायु), बुधेश्वर कोशले, अशोक लहरे (आरएचओ) का योगदान रहा है।