राजपथ - जनपथ
जब नई सडक़ का मटेरियल कचरा बन जाए
अंबिकापुर के सदर रोड की यह तस्वीर सिस्टम का एक आईना है। रातोंरात नई सडक़ बनी थी और सुबह होते-होते उसी सडक़ को सफाई कर्मचारियों ने बेलचों से उखाड़ दिया। उन्हें क्या पता कि परत इतनी पतली और मटेरियल इतना घटिया है कि उसके बेलचे से उखड़ जाएगी। छत्तीसगढ़ युवक कांग्रेस के महामंत्री विष्णु देव सिंह ने अपने फेस बुक पोस्ट पर इसका एक वीडियो साझा किया है। यह दावा भी उन्हीं का है कि रात में सडक़ बनी थी। मटेरियल इतना खराब था कि उसने मोहल्ले में कचरा साफ करने वाले कर्मचारी ने उखाडक़र ट्रैक्टर पर लाद दिया। युवक कांग्रेस नेता ने लिखा है कि लोगों के यहां सडक़ पर चोरी हो जाती होगी लेकिन अपने यहां सडक़ ही चुरा ली जाती है।
जनता की रेल-अमीरों की रेल
भारतीय रेलवे ने एक बार फिर यात्री किराए में वृद्धि की है,जो दो दिन बाद लागू हो जाएगी। इसी साल जुलाई में भी किराया बढ़ाया गया था। इस बार साधारण श्रेणी में 215 किलोमीटर से अधिक दूरी पर एक पैसा प्रति किलोमीटर, जबकि मेल एक्सप्रेस की नॉन-एसी (जनरल और स्लीपर सहित) तथा सभी एसी श्रेणियों में 2 पैसे प्रति किलोमीटर की बढ़ोतरी हो जाएगी। रेलवे का दावा है कि इससे चालू वित्त वर्ष में करीब 600 करोड़ रुपये की अतिरिक्त आय होगी, जबकि जुलाई की वृद्धि से अब तक 700 करोड़ रुपये मिल चुके हैं।लेकिन क्या यह वास्तव में मामूली है?नहीं। मजदूर, छात्र, छोटे व्यापारी हजारों किलोमीटर का सफर करते हैं और महीने में एक से अधिक बार, कुछ व्यापारी तो लगातार यात्रा पर रहते हैं। रेलवे खुद कह रहा है कि इससे 600 करोड़ की कमाई होगी। यह राशि हमारी आपकी जेब से ही निकल रही है।रेलवे का फोकस वंदे भारत, तेजस जैसी प्रीमियम ट्रेनों और अमृत भारत स्टेशनों पर है, जिनका किराया कितना ऊंचा है कि आम यात्री इन्हें वहन नहीं कर सकता। ये सुविधाएं अमीर वर्ग के लिए हैं, लेकिन किराया बढ़ोतरी का बोझ गरीब पर। जनरल कोच में भीड़, गंदगी, सुरक्षा की कमी बरकरारहै। छत्तीसगढ़ से चलने और गुजरने वाली ट्रेनों के स्लीपर और जनरल डिब्बों का हाल देखा जा सकता है। कई बार थर्ड एसी में भी गंदगी और भीड़ मिलती है। सुविधाओं को लेकर तेजस, वंदेभारत, राजधानी, दुरंतो आदि ट्रेनों पर ध्यान अधिक है। पर जब किराये में वृद्धि की बात आती है तो सभी श्रेणी के यात्रियों से एक जैसा बर्ताव होता है। इस बार भी यही हुआ है।
सुलगते जिले से तबादला
आईपीएस अफसरों की एक छोटी तबादला सूची सोमवार की रात जारी की गई। इसमें कांकेर एसपी इंदिरा कल्याण एलेसेला का तबादला सरगुजा रेंज डीआईजी के पद पर किया गया। एलेसेला की जगह गरियाबंद एसपी निखिल रखेचा को कांकेर एसपी बनाया गया है।
कांकेर पिछले कुछ दिनों से अशांत रहा है। यहां चर्च जलाने की घटना हुई, और दो समुदायों के बीच मारपीट हुई। इसके चलते कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े हुए थे, और समुदाय विशेष की तरफ से एसपी को हटाने की मांग भी हो रही थी। कांकेर एसपी के तबादले की बड़ी वजह यही रही है। कांकेर के नए एसपी निखिल रखेचा ने गरियाबंद में काफी बेहतर काम किया है।
रखेचा की आईएएस पत्नी नम्रता जैन को दो दिन पहले ही पड़ोस के जिले नारायणपुर कलेक्टर बनाया गया है। नम्रता जैन मूलत: दंतेवाड़ा जिले की रहवासी हैं, और वो बस्तर की आदिवासी संस्कृति से परिचित हैं। इसके अलावा आईपीएस अफसर वेदव्रत सिरमौर को गरियाबंद एसपी बनाया गया है। सिरमौर पर्यटन बोर्ड में जीएम के पद पर थे। सिरमौर से पर्यटन विभाग में प्रतिनियुक्ति से सेवाएं वापस ली गई। पर्यटन मंडल में पुलिस अफसर की नियुक्ति भी पहली बार की गई थी। इन सबके बावजूद पुलिस में कुछ और फेरबदल की संभावना बनी हुई है।
अनुसूचित जाति इलाकों में...
भाजपा अनुसूचित जाति इलाकों में पैठ जमाने की भरपूर कोशिश कर रही है। इस कड़ी में सोमवार को अनुसूचित जाति बाहुल्य जांजगीर-चाम्पा जिले के खोखराभाठा में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा की सभा भी हुई। भीड़ के मामले में सभा काफी सफल रही। नड्डा ने सीएम और प्रदेश अध्यक्ष किरण देव की पीठ भी थपथपाई।
भाजपा को विधानसभा चुनाव में बड़ी जीत मिली थी, मगर जांजगीर-चांपा लोकसभा की सभी विधानसभा सीटें हार गई। बाद में नगरीय निकाय व पंचायत चुनाव में फिर भाजपा का परचम लहराया है। अब तीन साल बाद होने वाले विधानसभा चुनाव को देखते हुए पार्टी के रणनीतिकार अनुसूचित जाति बाहुल्य इलाकों में अभी से ध्यान केन्द्रित कर रहे हैं। पार्टी के रणनीतिकार मानते हैं कि इलाके में बहुजन समाज पार्टी की स्थिति कमजोर हुई है। इसका सीधा फायदा कांग्रेस को मिला है। अब अनुसूचित जाति मतदाताओं के बीच पैठ बनाने के लिए काम चल रहा है। नड्डा की सभा भी इसी रणनीति का हिस्सा था। पार्टी के कुछ नेताओं का मानना है कि महतारी वंदन योजना के चलते अनुसूचित जाति वर्ग की महिलाओं के बीच पार्टी की पकड़ मजबूत हुई है। इन सबको देखते हुए सीएम विष्णुदेव साय ने रायपुर लौटने के बाद प्रदेश सरकार के तीसरे साल को महतारी गौरव वर्ष घोषित किया। यानी अगला पूरा साल महतारी गौरव वर्ष के रूप में मनाया जाएगा। भाजपा अनुसूचित जाति महिला मोर्चा के बैनर तले कई कार्यक्रम करने की योजना है। इसमें सीएम विशेष रूप से मौजूद रहेंगे। आरएसएस के पदाधिकारी भी इलाके में सक्रिय हो गए हैं। ऐसे में भाजपा यहां मजबूत स्थिति में आ जाए, तो आश्चर्य नहीं होना चाहिए।


