राजपथ - जनपथ

राजपथ-जनपथ : कुत्ता प्रेमियों को चोट !
14-Nov-2025 6:44 PM
राजपथ-जनपथ : कुत्ता प्रेमियों को चोट !

कुत्ता प्रेमियों को चोट !

छत्तीसगढ़ के कोरिया जिले के बैकुंठपुर में नगर पालिका के एक सरकारी बैनर ने नया विवाद खड़ा कर दिया है। नगरपालिका सीएमओ के आदेश पर लगाए गए इस बोर्ड में साफ लिखा है- क्षेत्र में खुले में कुत्तों को भोजन कराना मना है। हालांकि, आदेश में उल्लंघन करने पर किसी जुर्माने या कार्रवाई का कोई उल्लेख नहीं है। बैनर सामने आते ही शहर दो हिस्सों में बंट गया है। कुत्ता प्रेमी नागरिकों का कहना है कि यह फरमान अमानवीय है और इससे स्ट्रीट डॉग्स का व्यवहार और ज्यादा आक्रामक हो सकता है। वही दूसरी ओर, कुत्तों के काटने के लगातार बढ़ते मामलों से परेशान लोग इसे जरूरी कदम बता रहे हैं। इस बहस के बीच सुप्रीम कोर्ट का हालिया निर्देश और अहम हो जाता है। कोर्ट ने राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों से कहा है कि स्कूल-कॉलेज, अस्पताल और रेलवे स्टेशन जैसी सार्वजनिक जगहों से आवारा कुत्तों को हटाया जाए ताकि लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके। नगर पालिका के इस आदेश के पालन से बैकुंठपुर के कुछ इलाकों में कुत्तों का जमावड़ा कम होने लगा है, लेकिन विरोध की आवाजें भी तेज हो गई हैं। अब देखने वाली बात होगी कि प्रशासन इस विवाद को कैसे संभालता है।

गड़े धन की तलाश में डकैती

कोरबा जिले के छोटे से गांव तराईडांड़ में एक किराना दुकानदार के घर पर डेढ़ दर्जन हथियारबंद डकैतों ने आखिर क्यों धावा बोला होगा? इनको कट्टा, चाकू, सब्बल, लाठी और वाहन जुटाने के साथ-साथ पूरी साजिश रचने में भी कम खर्च नहीं आया होगा। आखिरकार, उन्हें घर में मौजूद 11 लोगों को बंधक बनाना था। डकैतों ने ऐसी बेरहमी दिखाई कि महिलाओं और बच्चों तक को नहीं छोड़ा और उनके साथ भी मारपीट की।

पुलिस ने जब मौके का निरीक्षण किया तो पता चला कि पीडि़त परिवार को बंधक बनाने के बाद डकैतों ने घर के अलग-अलग हिस्सों में फर्श खोद डाला। दरअसल, वे गड़ा हुआ धन और आभूषण तलाश रहे थे। कहानी यह सामने आई है कि जिस किसान शत्रुघ्न महंत के यहां डकैती हुई, उनकी बेटी बबीता बचपन से पूर्व मुख्यमंत्री की उप सचिव रही सौम्या चौरसिया के घर पली-बढ़ी है। कोरबा में चौरसिया परिवार ने उसकी पढ़ाई-लिखाई और यहां तक कि विवाह की जिम्मेदारी उठाई।

कोयला लेवी घोटाले और आय से अधिक संपत्ति मामले में जांच एजेंसियों और अदालतों का सामना कर रहीं सौम्या चौरसिया की करीब 50 करोड़ रुपये की संपत्ति पिछले महीने ही ईओडब्ल्यू ने अटैच की थी। जब्त संपत्ति में कोरबा जिले के सतरेंगा और अजगरबहार की जमीन भी शामिल है।

डकैतों को शायद उन्हें लगा होगा कि अवैध कमाई यहां भी छिपाई गई है। जांच एजेंसी का ध्यान इस छोटे से गांव की तरफ नहीं गया होगा। हालांकि खुदाई से कुछ नहीं मिला, लेकिन घर से करीब 10 लाख के जेवर और डेढ़ लाख रुपये नकद लूटे जाने की रिपोर्ट दर्ज कराई गई है। यह साफ नहीं है कि यह रकम और आभूषण महंत परिवार के ही थे या किसी अन्य की अमानत।

वैसे, इतनी बड़ी संख्या में डकैतों का एक साथ किसी घर में घुसकर दो घंटे तक वारदात अंजाम देना और घटना के तीन दिन बाद भी पुलिस का किसी ठोस सुराग तक नहीं पहुंच पाना, उसकी मुस्तैदी पर गंभीर सवाल खड़ा करता है।

ये सडक़ें कब सुधरेंगीं?

कबीरधाम बाईपास का भी देख लिया, सरगुजा का रिंगरोड भी देख लिया। अब इसे देखिये यह है राजधानी रायपुर से बस्तर जाने वाली सडक़ का हाल। केसकाल घाटी की यह सडक़ महीनों से इसी हालत में है। गिट्टी बिछकर पड़ी है, डामर चढऩे के इंतजार में। मरम्मत हो रही है तो कब पूरी होगी, पता नहीं। बजट की कमी से सडक़ अधूरी है या ठेकेदार और अफसरों के बीच ट्यूनिंग नहीं बैठने के कारण। वैसे कल ही पीडब्ल्यूडी के सचिव ने विभागीय अफसरों की बैठक लेकर एक बार फिर दिसंबर तक जर्जर सडक़ों का  ‘हर हाल में’ निर्माण पूरा करने का निर्देश दिया है। देरी करने पर ठेकेदारों पर पेनल्टी लगाने की भी चेतावनी दी है। दो महीने और इंतजार कर लीजिए।

नितिन नबीन का डंका

छत्तीसगढ़ भाजपा के प्रभारी नितिन नबीन ने अच्छी खासी मार्जिन से जीत हासिल कर पांचवीं बार विधायक बने हैं। सीएम विष्णुदेव साय और दोनों डिप्टी सीएम अरुण साव व विजय शर्मा, भी नबीन के प्रचार के लिए  बिहार गए थे। छत्तीसगढ़ के दो दर्जन से अधिक नेता, नबीन के विधानसभा क्षेत्र बाकीपुर में प्रचार खत्म होने तक डटे रहे, और अब बिहार में एनडीए को भारी बहुमत मिलने पर यहां खुशियां मनाई जा रही है।

वेतन आयोग पर भ्रम और फैक्ट चैक

8वें केंद्रीय वेतन (रंजना देसाई आयोग) आयोग के गठन के बाद से दिल्ली से अपलोड एक मैसेज रायपुर तक केंद्रीय कर्मियों, पेंशनरों के वॉट्सऐप समेत सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। इस मैसेज में लिखा है,  फाइनेंस एक्ट 2025 के नए नियमों के अनुसार पेंशनर्स अब महंगाई भत्ता (डीए) वृद्धि या भविष्य के पे कमीशन के फायदों के लिए पात्र नहीं होंगे, जिसमें आने वाला 8वां वेतन आयोग भी शामिल है।

इसके बाद यह मतलब प्रचारित हो रहा हैं कि जो लोग पहले ही रिटायर हो चुके हैं, या जनवरी 26 तक रिटायर होंगे उन पर 8 वें वेतन आयोग के फायदे और डीए में बढ़ोतरी लागू नहीं होगी। यह मैसेज सेवारत कर्मचारियों और 67 लाख  पेंशनर्स के बीच चिंता बढ़ा दी है। डीओपीटी,और सरकार भी सकते में हैं।

केंद्र सरकार के आधिकारिक फैक्ट चेकर (पीआईबी फैक्ट चेक)  ने अपने एक्स अकाउंट पर गुरुवार को एक पोस्ट किया है। इस पोस्ट में स्पष्ट किया है कि यह खबर झूठी है। पीआईबी फैक्ट चेक ने कहा, क्या रिटायर सरकारी कर्मचारी फाइनेंस एक्ट 2025 के तहत डीए वृद्धि और पे कमीशन के फायदे मिलना बंद कर देंगे? वॉट्सऐप पर यह एक मैसेज वायरल हो रहा है जिसमें दावा किया गया है कि केंद्र सरकार ने फाइनेंस एक्ट 2025 के तहत रिटायर कर्मचारियों के लिए डीए बढ़ोतरी और पे कमीशन रिवीजन जैसे रिटायरमेंट के बाद मिलने वाले फायदों को बंद कर दिया है। यह दावा फेक है!


अन्य पोस्ट