राजपथ - जनपथ

राजपथ-जनपथ : बुजुर्ग तन के बागी तेवर
05-Oct-2025 6:43 PM
राजपथ-जनपथ : बुजुर्ग तन के बागी तेवर

बुजुर्ग तन के बागी तेवर

आखिरकार नाटकीय घटनाक्रम के बाद पूर्व गृहमंत्री ननकीराम कंवर अपनी ही सरकार के खिलाफ धरना प्रदर्शन करने का इरादा बदल दिया। कंवर, कोरबा कलेक्टर अजीत बसंत को हटाने की मांग पर अड़े हुए थे। बाद में प्रदेश भाजपा अध्यक्ष किरणदेव ने उन्हें किसी तरह समझा बुझाकर धरना न देने के लिए राजी किया, और फिर किरणदेव से चर्चा के बाद कंवर शनिवार की रात में ही कोरबा निकल गए।

कंवर प्रकरण के चलते पार्टी की काफी किरकिरी हुई है। प्रदेश भाजपा के सबसे पुराने नेता कंवर ने जिस तरह अपनी ही सरकार के खिलाफ मोर्चा खोला था उससे एक बुजुर्ग नेता, और सरकार के बीच अंतरविरोध खुलकर सामने आ गया। पार्टी के कई नेता, इस प्रकरण को लेकर सरकार और संगठन को कटघरे में खड़ा कर रहे हैं। कंवर ने नवरात्रि से पहले कोरबा कलेक्टर को हटाने के लिए अल्टीमेटम दिया था। मगर उनसे कोई चर्चा नहीं की गई। उन्होंने कोरबा कलेक्टर के खिलाफ 14 बिंदुओं पर शिकायत की थी। और जब कंवर ने राजधानी में आकर धरना-प्रदर्शन की चेतावनी दी, तब कहीं जाकर बिलासपुर कमिश्नर से जांच प्रतिवेदन मांगा गया।

 खास बात ये है कि डिप्टी सीएम अरुण साव, और उद्योग मंत्री लखनलाल देवांगन तक कंवर के शिकायती पत्र पर चर्चा की बात करते रहे। मगर उन्हें गंभीरता से नहीं लिया गया। और जब कंवर कोरबा से धरना देने के लिए रायपुर पहुंच गए, तब कहीं जाकर पार्टी और सरकार के लोगों ने उनसे संपर्क किया।

इसी बीच केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह प्रदेश दौरे पर थे। इसलिए पार्टी, और सरकार के लोग फिर व्यस्त हो गए। और जब कंवर ने रौद्र रूप दिखाया, तो पार्टी बैकफुट पर आ गई। प्रदेश अध्यक्ष किरण देव ने उन्हें भरोसा दिलाया कि वो सीएम से चर्चा कर कलेक्टर का तबादला करने के लिए तैयार करेंगे। कंवर ने कोरबा जाते-जाते कह दिया है कि कलेक्टर को नहीं बदला गया, तो वो फिर खुरापात करेंगे। इससे परे चर्चा यह भी है कि कंवर प्रकरण की जानकारी केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह तक पहुंची है।

जगदलपुर रवाना होने से पहले शाह की वीआईपी लाउंज में सीएम विष्णुदेव साय, और डिप्टी सीएम विजय शर्मा के साथ अलग से 20 मिनट चर्चा हुई थी। चर्चा है कि इसमें कंवर सहित प्रदेश के अन्य विषयों पर भी बात हुई है। कहा जा रहा है कि असंतुष्ट नेताओं को मनाने के लिए कोई ठोस पहल की जा सकती है। आने वाले दिनों में क्या कुछ होता है यह देखना है।

गए थे न्याय दिलाने, मांगनी पड़ी माफी

तीन दिन पहले अन्याय का विरोध करने पहुंचे कांग्रेस नेताओं को उल्टे पैर लौटना पड़ा। इतना ही नहीं माफी भी मांगनी पड़ी। ताकि एफआईआर न हो जाए। दरअसल हुआ यह कि तिल्दा रोड पर एक फैक्ट्री अर्थमेट में तीन दिन पहले लेबर क्वार्टर में रहने वाली मासूम के साथ फैक्ट्री के ही युवक ने रेप किया था। फैक्ट्री स्टाफ माता पिता की रिपोर्ट पर पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया। जेल भेजने लिखा पढ़ी चल रही थी। इसकी भनक लगते ही कांग्रेस के स्थानीय नेता फैक्ट्री घेराव, मालिक पर भी कार्रवाई की मांग करते हुए प्रदर्शन करने जा पहुंचे। इनमें एक पूर्व सांसद, पूर्व विधायक जैसे दिग्गज के साथ ब्लॉक अध्यक्ष, ओबीसी प्रकोष्ठ अध्यक्ष आदि आदि। वैसे पूरे आयोजन का अगुवा ओबीसी प्रकोष्ठ ही था। फैक्ट्री मालिक से अभी चर्चा चल ही रही थी कि एक नेता ने जला हुआ आयल उन पर उड़ेल दिया। फिर क्या था फैक्ट्री संचालक ने इसे अपना ढाल बनाया।

फैक्ट्री मालिक के तेवर देख सभी नेता सकते में आए और उन्हें माफी मांगकर लौटना पड़ा। आयल से तरबतर फैक्ट्री मालिक भाग कर चेंबर से निकले और थाने जाकर एक एक पर जलाकर मारने की एफआईआर दर्ज कराने की चेतावनी दी। इससे बदनामी, थाने के चक्कर, उस पर  विरोधी दल की सरकार का रिएक्शन सब कुछ नेताओं के ज़हन में उतर गया। फिर क्या था एक मैडम ने माफी मांगना शुरू की तो बाकी भी मानो अपराधबोध में खड़े थे।  वैसे इलाके की फैक्ट्रियों में ऐसे विरोध प्रदर्शनों को लेकर प्रकोष्ठ छवि अच्छी नहीं है। बस खर्च निकालने का तरीका बताया जा रहा है। प्रकोष्ठ के नेता स्वयं को एक बड़े नेता का भांजा भतीजा कहकर राजनीति चमका रहे हैं।


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