राजपथ - जनपथ

हृदय परिवर्तन का राज
राज्य में ट्रांसफर-पोस्टिंग पर से बैन हट गया है। यद्यपि स्कूल शिक्षा, परिवहन, वन और माइनिंग में तबादलों पर रोक जारी रहेगी। इन सबके बीच तबादले को लेकर भाजपा एक विधायक की पैंतरेबाजी की पार्टी के अंदरखाने में काफी चर्चा हो रही है।
बताते हैं कि विधायक महोदय आदिवासी इलाके से आते हैं। उन्होंने कांग्रेस सरकार के मंत्री को हराया था इसलिए उनकी पूछपरख थोड़ी ज्यादा होती है। सरकार में विधायक की सिफारिशों को यथावत महत्व भी दिया जाता है।
विधायक ने सबसे पहले अपने इलाके एक रेंजर को हटवाया, जो कि तत्कालीन मंत्री जी के काफी करीबी माने जाते थे। मगर हाल ही में उन्होंने उसी रेंजर की फिर अपने इलाके में पोस्टिंग करवा दी। विधायक के अचानक हृदय परिवर्तन कैसे हुआ, इसकी काफी चर्चा है।
नौकरी के लिए ट्रंप से गुहार!
बेरोजगारी क्या कुछ नहीं करवा सकती, इसका ताजा उदाहरण छत्तीसगढ़ के मुंगेली जिले के एक युवा सूरज मानिकपुरी का यह पोस्टकार्ड है, जो उन्होंने किसी मंत्री, मुख्यमंत्री या राष्ट्रपति को नहीं, बल्कि सीधे संयुक्त राज्य अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को भेजा है।
पत्र में उन्होंने बड़े ही सम्मानपूर्वक लिखा है कि आपकी भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से दोस्ती विश्व प्रसिद्ध है। छत्तीसगढ़ के 57,000 युवा, जो शिक्षक भर्ती की राह देख रहे हैं, बात मोदी जी तक पहुंचा दी जाए और यह भर्ती जल्द शुरू करवाई जाए।
पोस्टकार्ड की भाषा हिंदी सहित अंग्रेजी में भी है, बात मगर पूरी दिल से लिखी गई प्रतीत होती है। उसे गंभीरता से कार्रवाई की उम्मीद है, मानो व्हाइट हाउस अब भारत सरकार की फाइलें फॉरवर्ड करता हो। भावना एकदम स्पष्ट है-सरकारी नौकरी चाहिए, चाहे ट्रंप की सिफारिश से ही क्यों न मिले!
वैसे कुल मिलाकर यह पत्र, निराशा, अपेक्षा, व्यंग्य, हास-परिहास और प्रचार पाने की मिली-जुली कसरत है। जिस पोस्टकार्ड पर लिखा गया है, वह केवल भारत में मान्य है। लिखने वाला अंग्रेजी का जानकार प्रतीत होता है। इन्हें ट्रंप की ई मेल आईडी का जुगाड़ कर लेना चाहिए।
दिल्ली में दफ्तरों के पते बदल जाएंगे
दिल्ली में बहुत जल्द सरकारी दफ्तरों के पते बदल जाएंगे। यानी निर्माण भवन के सभी दफ्तर अब हजारों करोड़ की लागत से बने नए नवेले आधुनिक सेंट्रल विस्टा में संचालित होने लगेंगे। इसके लिए आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय ने चरणबद्ध शिफ्टिंग के लिए सोमवार को सभी विभाग प्रमुखों को पत्र भेज दिया है। इनमें से कुछ विभागों में प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ छत्तीसगढ़ के अधिकारी अपने नए दफ्तरों की बनावट और व्यवस्थाओं को शान से बता रहे हैं। सेंट्रल विस्टा परियोजना के तहत कॉमन सेंट्रल सेक्रेटेरियट (सीसीएस) भवन में एक साथ होंगे। पत्र में अपने विभागों और प्रभागों को एक केंद्रीय सचिवालय का गठन करने का निर्देश दिया।
बताया जा रहा है कि निर्माण भवन में स्थित कार्यालयों को इस महीने के अंत तक नए परिसर में स्थानांतरित कर दिया जाएगा। लगभग पूर्ण हो चुके सीसीएस परिसर के भवन क्रमांक 1,2,3 में अगले 7 से 10 दिनों के भीतर आवंटन शुरू होने वाला है। एमओएचयूए के अतिरिक्त सचिव (प्रशासन) की अध्यक्षता में स्थानांतरण समय-सीमा में पूरा किया जा रहा। नए भवन परिसर में फर्नीचर, एनआईसी कनेक्टिविटी, आईसीटी सुविधाएं और बुनियादी सुविधाओं सहित बुनियादी कार्यालय बुनियादी ढांचे का प्रावधान किया जाएगा। कार्यालयों को फाइलें, दस्तावेज, मशीनें और इलेक्ट्रॉनिक उपकरण पैक करने के लिए एक सख्त समय सीमा दी गई है। यह भी बताया जा रहा कि स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय निर्माण भवन में ही रह सकता है।
इसके अलावा, वित्त मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले विभागों और बोर्डों (सीबीडीटी और सीबीआईसी) ने पहले ही अपनी अनुमानित जगह की मांग भेज दिया है। इन दफ़्तरों को जुलाई 2025 के मध्य तक अपनी शिफ्टिंग शुरू होने की उम्मीद है। नॉर्थ ब्लॉक से संचालित होने वाले वित्त और गृह का जिक्र किए बिना, उन्हें सबसे पहले स्थानांतरित किए जाने की उम्मीद है। इस साल अगस्त के बाद वित्त और गृह के बाद साउथ ब्लॉक खाली हो जाएगा। कुछ हफ़्ते पहले विज्ञान भवन एनेक्सी से संचालित उत्तर पूर्व (डोनर) मंत्रालय, अंतर-राज्य परिषद सचिवालय, इंडिया इन्वेस्ट को पहले ही इंडियन गेट पर जोधपुर ऑफिसर्स हॉस्टल में स्थानांतरित कर दिया गया था।अगस्त से दिल्ली जाने पर अलग अलग भवन जाने के बजाय अफसरों से मुलाकात एक ही भवन में हुआ करेगी।
विस्तार बीरबल की खिचड़ी जैसा
विष्णुदेव साय कैबिनेट का विस्तार होना है। कब होगा, यह तय नहीं है। सीएम पिछले दिनों पीएम -सीएम से मिलकर लौटे, तो सोशल मीडिया में 14 या 15 तारीख को कैबिनेट विस्तार की संभावना जताई जाने लगी है।
हालांकि सीएम ने इस पर सिर्फ इतना ही कहा कि समय आने पर कैबिनेट विस्तार हो जाएगा। मगर पार्टी के अंदरखाने में नई तिथि की काफी चर्चा हो रही है। पार्टी के कई प्रमुख लोग दावा कर रहे हैं कि रथयात्रा के पहले कैबिनेट विस्तार हो जाएगा। यह तर्क दिया जा रहा है कि हिन्दू मान्यताओं में रथयात्रा के बाद शुभ कार्य नहीं होते हैं। इसलिए जो कुछ भी होना है, वो इसी महीने होगा। चर्चा तो यह भी है कि पार्टी हाईकमान ने भी कैबिनेट विस्तार के लिए हरी झंडी दे दी है।
यह भी कहा जा रहा है कि हरियाणा पैटर्न पर कैबिनेट में तीन मंत्री रखे जाएंगे। रायपुर और बिलासपुर से एक-एक मंत्री लिए जाएंगे। एक मंत्री दुर्ग या फिर बस्तर से लिए जा सकते हैं। इन सबके बीच बिलासपुर संभाग के एक ताकतवर नेता की सक्रियता काफी चर्चा में है। हल्ला है कि पार्टी ने जिस तरह कैबिनेट के गठन में चौंकाया था, इस बार भी कुछ नया प्रयोग कर चौंका सकती है। बहरहाल, जितनी मुंह, उतनी बातें। अब इन दावों में कितना दम है, यह तो आने वाले दिनों में पता चलेगा।
तालाबों के साथ सूखती परंपराएं
आजकल गांवों में अगर कोई चीज सबसे तेजी से खत्म हो रही है, तो वो है – पुराने तालाब। न पानी बचा है, न वो सोच कि पानी कैसे बचाया जाए। मॉनसून तो इस बार वक्त से पहले आ गया, लेकिन उसका जोश अभी तक गायब है। खेत सूखे हैं, गांवों के तालाब-पोखर सूख चुके हैं और अब तो कई गांवों में पानी के लिए हाहाकार जैसी हालत है।
ऐसे वक्त में दुर्ग के कंडरका गांव का तालाब मिसाल बनकर खड़ा है। कहते हैं कि ये तालाब पिछले 150 साल में एक बार भी नहीं सूखा। 6 गांवों की पानी की जरूरत यही एक तालाब पूरी करता है। पीने का पानी, सिंचाई, और जानवरों के लिए भी, सबका सहारा बना हुआ है।
इस तालाब के पीछे की कहानी भी कम दिलचस्प नहीं। बताते हैं कि जमींदार गुरमिन गौटिया की पत्नी से जब दूसरी महिलाओं ने यह कह दिया कि गौटिया की पत्नी होकर भी अपना तालाब नहीं है, तो बात मजाक की नहीं रह गई, वह जमींदार की इज्जत से जुड़ गई, जिसने पूरे इलाके के लिए जल का ऐसा स्रोत बना दिया जो आज तक काम आ रहा है। क्या हम भी कुछ ऐसा बना सकते हैं जो आगे पीढिय़ों के काम आए?