राजपथ - जनपथ

राजपथ-जनपथ : दिग्गज ट्रेनिंग पर
29-May-2025 7:10 PM
राजपथ-जनपथ : दिग्गज ट्रेनिंग पर

दिग्गज ट्रेनिंग पर

रायपुर आईजी अमरेश मिश्रा एक हफ्ते की ट्रेनिंग में मसूरी गए हैं। उनकी जगह दुर्ग आईजी रामगोपाल गर्ग, रायपुर आईजी के प्रभार पर हैं। मिश्रा के साथ खैरागढ़ एसपी त्रिलोक बंसल भी मसूरी ट्रेनिंग में गए हैं। दोनों अफसर ट्रेनिंग पूरी कर अगले हफ्ते लौटेंगे।

हालांकि बंसल खैरागढ़ से तबादला हो चुका है। उनकी जगह आईपीएस के वर्ष-2016 बैच के अफसर लक्ष्य शर्मा को खैरागढ़ एसपी बनाया गया है। लक्ष्य शर्मा की पोस्टिंग महीने भर पहले हो चुकी थी, जब वो ट्रेनिंग के लिए हैदराबाद पहुंच चुके थे, तब उन्हें पोस्टिंग ऑर्डर मिला। उन्हें डीजीपी ने ट्रेनिंग पूरी कर जाइनिंग की सलाह दी। लक्ष्य शर्मा ट्रेनिंग पूरी कर चुके हैं, और वो एक-दो दिन में खैरागढ़ एसपी के रूप में जॉइनिंग दे देंगे।

लक्ष्य शर्मा त्रिपुरा में पोस्टिंग थी। उनकी पत्नी आईएएस सुरूचि सिंह राजनांदगांव जिला पंचायत सीईओ हैं। लक्ष्य कैडर परिवर्तन के बाद छत्तीसगढ़ आए हैं, और खैरागढ़ एसपी के रूप में जिले में पहली पोस्टिंग हैं। इससे परे धमतरी एसपी सूरज सिंह परिहार को भी एक महीने के ट्रेनिंग के लिए हैदराबाद जाना था। मगर उन्हें बाद में ट्रेनिंग करने की सलाह दी गई है। आईएएस-आईपीएस अफसरों को यह सुविधा होती है कि वो ट्रेनिंग आगे-पीछे कर सकते हैं।

दिल्ली में पोस्टिंग

सुशासन तिहार निपटने के बाद मंत्रालय में छोटा सा फेरबदल हो सकता है। आईएएस के वर्ष-04 बैच के अफसर अलबंगन पी, और उनकी पत्नी श्रम सचिव अलरमेल मंगई डी केन्द्र सरकार में पोस्टिंग हो गई है। दोनों ही संयुक्त सचिव बने हैं।

अलबंगन के पास पर्यटन, और संस्कृति का प्रभार है। वो पिछले चार साल से यह दायित्व संभाल रहे थे। उनकी केन्द्रीय कृषि मंत्रालय में संयुक्त सचिव के पद पर पोस्टिंग हुई है। दोनों वर्तमान में अवकाश पर हैं। उनके  दो जून को लौटने की संभावना है। इसके बाद उन्हें रिलीव किया जा सकता है। इसके बाद स्वाभाविक तौर पर प्रशासनिक फेरबदल होगा।

सुशासन तिहार में आए फीडबैक के आधार पर कुछ बदलाव होने के संकेत हैं। एक बात और चर्चा में आई है कि राज्य प्रशासनिक सेवा से आईएएस में आए सचिव स्तर के एक भी अफसर को स्वतंत्र विभाग नहीं मिला है। सचिव स्तर के अफसर कमिश्नर बने हुए हैं। जबकि जोगी, और रमन सिंह व भूपेश बघेल सरकार में उन्हें अहम दायित्व मिला हुआ था। चर्चा है कि एक-दो सचिव स्तर के अफसर को मंत्रालय लाया जा सकता है। देखना है आगे क्या होता है।

जोगी की प्रतिमा लग पाएगी भी ?

छत्तीसगढ़ के पहले मुख्यमंत्री अजीत जोगी की पांचवीं पुण्यतिथि से पहले उनकी प्रतिमा को लेकर जो घटनाक्रम सामने आया, वह उनके करिश्माई लेकिन विवादित व्यक्तित्व की एक परछाई जैसा है। राज्य में उनके योगदान को स्मरण करने के लिए आज तक एक भी राजकीय स्तर पर उनकी प्रतिमा स्थापित नहीं की गई है। जब उनके पुत्र अमित जोगी ने उनकी जन्मस्थली गौरेला में प्रतिमा लगाने की कोशिश की, तो पूरा मामला एक अप्रिय और अभूतपूर्व विवाद में उलझ गया।

नगरपालिका के सीएमओ ने प्रतिमा हटाने के लिए ठेकेदार को नोटिस जारी किया, परंतु ठेकेदार ने खुद प्रतिमा हटाने का साहस नहीं दिखाया। इसके बाद रात के अंधेरे में प्रतिमा को उखाडक़र क्रेन से उठाया गया और गौरेला बस स्टैंड के पास लावारिस हाल में फेंक दिया गया। जैसे ही यह खबर फैली, राजनीतिक हलकों में हडक़ंप मचा। सभी प्रमुख दलों ने इस बर्ताव की निंदा की। पुलिस ने एफआईआर दर्ज की, लेकिन नगरपालिका सीएमओ की वह मंशा पूरी हो चुकी थी, जिसमें उन्होंने प्रतिमा को हटाने का निर्देश दिया था।

मूर्ति हटाए जाने की घटना सीसीटीवी में कैद हुई, कुछ लोगों के चेहरे भी दिखे, लेकिन अब तक किसी का नाम पुलिस में नहीं आया है। इस घटना के विरोध में अमित जोगी ने अनशन किया। दबाव के चलते प्रतिमा को पुन: वहीं लाकर रखा गया, लेकिन प्रशासन ने स्पष्ट कर दिया कि आगे की कार्रवाई राज्य सरकार द्वारा तय किए गए महापुरुषों की प्रतिमा स्थापना संबंधी प्रावधानों के तहत ही होगी। यह आगे की कार्रवाई फिलहाल अस्पष्ट बनी हुई है।

उधर, जैसे ही विवाद थोड़ा थमा, स्थानीय भाजपा नेताओं ने फिर यह मांग उठा दी कि उसी स्थान पर पंडित श्यामा प्रसाद मुखर्जी की प्रतिमा लगाई जानी चाहिए, क्योंकि इस संबंध में नगरपालिका परिषद पहले ही प्रस्ताव पारित कर चुकी है। सीएमओ द्वारा प्रतिमा हटाने का आदेश भी इसी प्रस्ताव के आधार पर दिया गया था।

अजीत जोगी के जीवन में विवादों की कभी कमी नहीं रही, लेकिन यह भी ऐतिहासिक सत्य है कि वे छत्तीसगढ़ राज्य के प्रथम मुख्यमंत्री थे। यह एक बड़ी विडंबना है कि न केवल राज्य की राजधानी रायपुर में, बल्कि उनकी जन्मस्थली गौरेला में भी अब तक उनकी राजकीय स्तर पर कोई प्रतिमा नहीं लग पाई है। जिस जगह  से प्रतिमा उखाड़ी गई है, वहीं पर दोबारा लगेगी या नहीं यह भी संदेह के दायरे में है।


अन्य पोस्ट