राजपथ - जनपथ

राजपथ-जनपथ : ...और रिटायर हो गए दास
30-Nov-2024 2:14 PM
राजपथ-जनपथ : ...और रिटायर हो गए दास

...और रिटायर हो गए दास

वर्ष 2000 में गठित राज्य के लिए आबंटित आईपीएस कैडर के एक अफसर बिना छत्तीसगढ़ आए आज रिटायर्ड हो गए। 1987 बैच के आईपीएस स्वागत दास विभाजन के समय से ही केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर दिल्ली में ही कार्यरत रहे और वो आईबी में स्पेशल डायरेक्टर के पद पर रहे। इन 24 वर्षों में निर्धारित हर पदोन्नति प्रोफार्मा आधार पर मिलती रही। और डीजीपी अशोक जुनेजा के रिटायरमेंट के बाद उन्हें डीजीपी बनाने का हल्ला उड़ा। उस दौरान स्वागत दास रायपुर भी आए थे, लेकिन जुनेजा को एक्सटेंशन मिल गया। और अब स्वागत दास भी रिटायर हो गए। चर्चा यह भी है कि केन्द्र सरकार उन्हें कोई जिम्मेदारी सौंप सकती है। 

स्वागत दास से एक साल जूनियर रवि सिन्हा खुफिया एजेंसी रॉ के चीफ हैं। रवि सिन्हा छत्तीसगढ़ राज्य बनने के बाद कुछ दिन पीएचक्यू में पदस्थ रहे। बाद में वो केन्द्र सरकार में चले गए। फिर उनकी पोस्टिंग रॉ में हो गर्ई। अभी वो रॉ के चीफ की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं। रवि सिन्हा का नाम भी डीजीपी पद के लिए चर्चा में रहा है। दोनों अफसरों का नाम भी हर दो तीन वर्ष बाद वापसी के लिए, लिया जाता रहा। 

दूसरी ओर 1 नवंबर 2000 की डेट में अलॉटेड कैडर का हर आईएएस अफसर देर सबेर यहां आकर ही रिटायर हुआ। बीवीआर सुब्रमण्यम, स्व.श्रीमती एम गीता प्रमुख हैं। सुब्रमण्यम तो करीब 15 साल बाद आए। और फिर यहां उनकी वर्किंग को देख पीएम नरेन्द्र मोदी- अमित शाह साथ बुला ले गए। धारा 370 हटाए जाने और केंद्र शासित राज्य गठन की पूरी प्रक्रिया के दौरान जम्मू कश्मीर के मुख्य सचिव भी रहे। 

ब्रह्म समस्या का हल निकल गया

प्रदेश के मठ मंदिर भी अपने खेतों में पैदा हुए धान को बेच सकेंगे। इन सभी के महंत,ट्रस्ट प्रमुख और मुख्य पुजारी 14 नवंबर से नाराज चल रहे थे। ये मठ मंदिरों के आधिपत्य में सैकड़ों एकड़ खेतों में हजारों क्विंटल धान पैदा करते हैं। खरीफ रबी दोनों सीजन में। रमन सिंह सरकार ने पहली बार इनसे खरीदी की व्यवस्था की। जो अब तक जारी रही। इस वर्ष पहले दिन से वे खरीदी केंद्र जाकर बिना टोकन लिए लौटते रहे। यह बात धीरे धीरे पूरे प्रदेश के मठ मंदिर में गूंज ने लगी। और यह भ्रम फैलने लगा कि सरकार इनसे धान खरीदना नहीं चाह रही। 

मठ प्रमुख ब्राह्मणों की नाराजगी ठाकरे परिसर तक पहुंची। और फिर शुक्रवार को खाद्य, सहकारिता, कृषि अफसरों को तलब कर समस्या का हल निकाला गया। समस्या खरीदी सॉफ्टवेयर में आ रही थी। वह मठ प्रमुख पुजारियों को कृषक के रूप में एंट्री नहीं ले रहा था। क्योंकि सॉफ्टवेयर में मठ मंदिरों का नाम दर्ज है न कि वर्तमान प्रमुख या पुजारी का। इस ब्रह्म समस्या को साफ्टवेयर में सुधार लिया गया। और अब 800 मठ मंदिरों का भी धान खरीदा जा सकेगा।

Teacher

यह बिहार में हो रही एक शादी का स्वागत द्वार है। लोगों को पता होना चाहिए कि जिसकी हो रही है वह सरकारी टीचर है। इसीलिए गेट पर अपनी योग्यता लिखकर टांग दिया गया है- बीपीएससी टीचर। लोगों को पता होना चाहिए कि किस हैसियत वाले का कार्यक्रम नहीं हो रहा है।

चेकिंग अभियान चलेगा सडक़ों पर?

कल बसना में बाइक सवार तीन युवकों की मौत हो गई। उनको एक पिकअप वाहन ने रॉंग साइड से आकर टक्कर मार दी । दो बाइक के बीच टक्कर में जांजगीर-चांपा में भी तीन युवकों की मौत दो दिन पहले ही हो गई। बिलासपुर के सडक़ पर अंधेरे में खड़े ट्रक से टकराकर दो युवक जान गंवा बैठे। यह रोज हो रहे सडक़ हादसों के कुछ उदाहरण है। इन सभी मामलों में सभी की, या कुछ लोगों की मौत रोकी जा सकती थी यदि वे हेलमेट पहने होते या तीन सवारी सफर कर बेकाबू न होते। राज्य सडक़ सुरक्षा परिषद् की कल राजधानी रायपुर में सीएम निवास पर बैठक हुई। इसमें विश्व स्वास्थ्य संगठन की एक रिपोर्ट को प्रस्तुत करते हुए बताया गया कि यदि चारपहिया वाहन चालक सीट बेल्ट बांधें और दुपहिया सवार हेलमेट पहनें तो सडक़ दुर्घटनाओं से होने वाली मौतों को 40 प्रतिशत तक कम किया जा सकता है। प्रदेश में हाईवे का जाल बिछ रहा है। तेज रफ्तार के शौकीन बढ़ रहे हैं। सडक़ पर चलना दिनों-दिन जोखिम भरा होता जा रहा है। ऐसे में पूरे प्रदेश में हेलमेट और सीट बेल्ट को लेकर यातायात पुलिस का अभियान ठंडा पड़ा है। हाईवे पर कहीं-कहीं सीट बेल्ट नहीं लगाने वालों का चालान शुरू किया गया है लेकिन हेलमेट बिना सफर करने वाले, तीन सवारी चलने वालों पर कार्रवाई तो पुलिस लगभग भूल ही चुकी है। कुछ जिलों में पुलिस खुद से ऐसा अभियान चला रही है। गौरेला-पेंड्रा-मरवाही में एक हेलमेट जोन बनाया गया है। इस रास्ते पर बिना हेलमेट पहने कोई गुजरा तो उस पर कार्रवाई होगी। कल की बैठक में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने इन दोनों मामलों, सीट बेल्ट और हेलमेट पर कोई रियायत नहीं बरतने का निर्देश अफसरों को दिया है। देखना है कि क्या अब यातायात पुलिस कोई सक्रियता दिखाएगी?

(rajpathjanpath@gmail.com)


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