राजपथ - जनपथ

राजपथ-जनपथ : .....इसलिए रेड, सर्वे ठंडे पड़े हैं
10-Jul-2025 7:07 PM
राजपथ-जनपथ : .....इसलिए रेड, सर्वे ठंडे पड़े हैं

.....इसलिए रेड, सर्वे ठंडे पड़े हैं

बुधवार को ट्रेड यूनियनों ने देशभर में हड़ताल की। मोदी  काल में करीब तीन साल बाद यह हड़ताल हुई। नौ से दस संगठनों की यह हड़ताल उनके नजरिए हिस्सेदारी के मुताबिक सफल रही। बैंक बीमा डाक टेलीफोन और आयकर कर्मचारी एक पंडाल में जुटे। इसी दौरान आयकर विभाग के अधिकारी कर्मचारियों से चर्चा हो रही थी। हमने पूछ लिया, क्या सर हड़ताल कर रहे आज कल फुर्सत में हैं लगता हैं।

रेड, सर्वे नहीं कर रहे हैं। पिछला अंतिम रेड सर्वे कब हुआ हम अखबार वाले भूल गए। वो कहने लगे, आप लोग ही नहीं हम लोगों को भी याद नहीं। कारण पूछा तो कहने लगे- दिल्ली महानिदेशालय से लेकर सर्किल स्तर तक पूरा महकमा इन दिनों आयकर रिफंड क्लेम, आयकर अपील के मामले निपटाने में जुटा हुआ है। ताकि ब्याज  की भरपाई से बचा जा सके। अपील हारने पर हर माह हाफ पर्सेंट ब्याज देना पड़ता है। जो एग्जाई रूप में करोड़ों रुपए होते हैं। इससे  बचने वित्त मंत्रालय से ही निर्देश हैं, इसलिए रेड, सर्वे ठंडे पड़े हैं। और फिर अब 18-19 राज्यों में डबल इंजन की सरकारें हैं। सब अपने ही हैं। कार्रवाई खतरे से खाली नहीं है। कहने लगे यह काम इस समय सीबीआई, ईडी ने सम्हाला रखा है। और हम लोग फुर्सत में हैं।

सुरक्षा निधि चेक विभाग ने भुनाया

प्रदेश में तकनीकी विकास और तकनीकी शिक्षा विकास के लिए दो विभाग कार्यरत हैं। इनमें एक तकनीकी शिक्षा विभाग और दूसरा सूचना प्रौद्योगिकी विभाग। ये विभाग अपने अपने तरीके से स्वयं या निजी उपक्रमों की मदद से छत्तीसगढ़ को डिजिटल बनाने जुटे हुए हैं। इसमें एक विभाग ने देश की नामी गिरामी आईटी कंपनी से अनुबंध किया हुआ है। यह अनुबंध एक दशक पहले  हुआ था। कंपनी ने अपनी वफादारी साबित करने डेढ़ सौ करोड़ से अधिक की सुरक्षा निधि जमा कर रखा है। कंपनी ने शुरुआत में अच्छा काम किया और फिर उसके काम पर उंगलियां उठने लगी। पिछली सरकार ने कंपनी के किए काम का भुगतान भी रोका और काम भी नहीं दिया।

सरकार बदली तो भी हालात जस के तस बने हुए हैं। और अब खबर है कि कंपनी की सुरक्षा निधि के चेक को विभाग ने भुना लिया है। अब इसे लेकर कंपनी और विभाग आमने-सामने हो गए हैं। कंपनी इसे गैर कानूनी कह रही तो विभाग काम के अभाव में इस पर अपना हक जता रहा। इस द्वंद्व में कंपनी अपने विधि विशेषज्ञ से रायशुमारी कर रही है। अब देखना है कि कंपनी कोर्ट जाती है या नहीं।

फिर जोड़ी के दिन आयेंगे? फिर ढाई....

कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडग़े रायपुर आए, तो उन्होंने  राजीव भवन में पहले पॉलिटिकल अफेयर्स कमेटी, और फिर प्रदेश कांग्रेस के पदाधिकारियों के साथ मंत्रणा की। वे साइंस कॉलेज मैदान में कार्यकर्ताओं के उत्साह, और सभा में भीड़ देखकर गदगद थे। बैठक में उन्होंने कहा कि विधानसभा चुनाव में हार के लिए कार्यकर्ता जिम्मेदार नहीं हैं, यह स्पष्ट हो गया है।

उन्होंने पूर्व सीएम भूपेश बघेल, और पूर्व डिप्टी सीएम टीएस सिंहदेव से कहा कि आप लोग साथ-साथ दौरा क्यों नहीं करते हैं? खडग़े का इशारा पार्टी नेताओं के तमनार दौरे की तरफ था। पूर्व सीएम, और अन्य नेता  तमनार में पेड़ कटाई का जायजा लेेने अलग-अलग गए थे।

नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत से खडग़े ने कहा कि आप सबसे सीनियर हैं। इसलिए समन्वय बनाने की जिम्मेदारी भी आपकी है। खडग़े की टिप्पणी के बाद पार्टी के अंदरखाने में चर्चा है कि जय-वीरू की जोड़ी  (भूपेश, और टीएस सिंहदेव) फिर बन सकती है। यह जोड़ी प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनते ही टूट गई थी। देखना है आगे क्या कुछ होता है।

सेवादल के सम्मान की हिदायत

कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडग़ेे, प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज से नाखुश दिखे। सभा में बैज ने सेवादल के कार्यकर्ताओं को कई बार डपट दिया था। एक-दो बार यह कहते सुने गए कि सेवादल, आप लोग व्यवस्था ठीक करिए। उस वक्त तो खडग़े ने कुछ नहीं कहा। बाद में राजीव भवन की बैठक में कह दिया कि सेवादल के कार्यकर्ता किसी के नौकर नहीं हैं।

उन्होंने बैज का नाम लिए बिना कहा कि आप लोगों को सेवादल के कार्यकर्ताओं से ठीक से ट्रीट करना चाहिए। ये पार्टी का झंडा उठाते हैं, और उनके सम्मान से पेश आना चाहिए। सभा के दौरान खडग़े कई बार नारेबाजी से नाराज भी हुए। और जब पूर्व सीएम भूपेश बघेल के समर्थन में एजाज ढेबर के समर्थकों ने नारेबाजी की, तो खडग़े ने डपट दिया, और कहा कि अपना जोश चुनाव के समय दिखाना।

पानी के साथ लोहा फ्री

बीजापुर जिले के गंगालूर के इलाके में बहने वाली नदी बेरुकी की यह तस्वीर है। पानी का रंग पूरी तरह लाल हो चुका है। इसी पानी का इस्तेमाल नहाने और मवेशियों के निस्तार के लिए करीब तीन दर्जन गांवों के लोग कर रहे हैं। ग्रामीण रोग का शिकार हो रहे हैं और मवेशियों की मौत हो रही है। ग्रामीण बोतलों में पानी भरकर कलेक्ट्रेट गए, कलेक्टर ने आश्वासन दिया, जल्द समाधान होगा। विधायक ने भी कहा कि समस्या गंभीर है, हल निकालने के लिए अधिकारियों से चर्चा करेंगे। इस पानी में लौह अयस्क मिला हुआ है। ग्रामीणों के मुताबिक बैलाडीला में एनएमडीसी के खनिज से निकले अयस्क की धुलाई के काम के बाद पानी नदी में छोड़ा जा रहा है। पिछले दिनों प्रभावित ग्रामीण करीब 50 किलोमीटर सफर करके बीजापुर भी पहुंचे थे, मगर एनएमडीसी के दफ्तर में किसी जिम्मेदार अधिकारी से उनकी मुलाकात नहीं हो सकी, जबकि उन्हें मिलने के लिए समय दिया गया था। फिलहाल तक तो उनकी समस्या का समाधान नहीं हुआ है।


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